संभल: जिले में 24 नवंबर को शाही जामा मस्जिद में हुई हिंसा के बाद मंगलवार को स्थिति में कुछ सुधार हुआ है। हिंसा के तीसरे दिन शांति व्यवस्था बहाल हुई है, जिससे स्कूल और कॉलेज खुले हैं, लेकिन इंटरनेट सेवा अभी भी बंद है। वहीं, बाजार पूरी तरह से खुल नहीं पाए हैं। जामा मस्जिद के आसपास भारी पुलिस बल तैनात किया गया है और इलाके में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।
हिंसा के बाद पुलिस कार्रवाई
संभल जिले के कोतवाली और नखासा थानों में हिंसा के बाद अब तक कुल सात मामले दर्ज किए गए हैं, जिसमें 2750 अज्ञात लोगों पर आरोप लगाया गया है। इसके साथ ही सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क, विधायक इकबाल महमूद के पुत्र सुहैल इकबाल समेत छह अन्य लोग भी आरोपियों की सूची में शामिल हैं। पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश जारी रखी है। इसके साथ ही जामा मस्जिद के सदर, एडवोकेट जफर अली को भी सोमवार को पुलिस ने हिरासत में लिया था, लेकिन बाद में उन्हें छोड़ दिया गया। जफर अली ने संभल हिंसा के लिए डॉ. वंदना मिश्रा और सीओ अनुज चौधरी को जिम्मेदार ठहराया था।
नुकसान की भरपाई उपद्रवियों से होगी
संभल के डीएम डॉ. राजेंद्र पेंसिया ने कहा कि हिंसा में हुए नुकसान की भरपाई उपद्रवियों से की जाएगी। इस घटनाक्रम ने राजनीतिक माहौल भी गरमा दिया है। इस पर सपा पार्टी ने निर्णय लिया है कि आज एक प्रतिनिधिमंडल संभल का दौरा करेगा। इस प्रतिनिधिमंडल में सपा सांसद जावेद अली, विधायक पिंकी यादव, विधायक इकबाल महमूद, सांसद जियाउर्रहमान बर्क समेत अन्य नेता शामिल होंगे। प्रतिनिधिमंडल अपनी रिपोर्ट सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को सौंपेगा।
डीआईजी मुनिराज का बयान
डीआईजी मुनिराज ने कहा कि फिलहाल स्थिति सामान्य है। उन्होंने बताया कि दुकानों का संचालन सामान्य रूप से हो रहा है और आवागमन में कोई रुकावट नहीं है। उन्होंने कहा कि वीडियो फुटेज के आधार पर आरोपियों की पहचान की जा रही है। इंटरनेट सेवा को बहाल करने के बारे में उन्होंने कहा कि आज के हालात के बाद इस पर कोई निर्णय लिया जाएगा।
राजनीतिक दलों के बयान
सपा के प्रतिनिधिमंडल की यात्रा के बीच, मथुरा में प्रसिद्ध कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने संभल हिंसा पर बयान दिया। उन्होंने कहा कि यह हिंसा पूरी तरह से उचित नहीं है और इससे हिंदू समाज में भय का माहौल बना है। उन्होंने आगे कहा, “अगर 2024 में कोर्ट के आदेश पर हिंसा होती है तो आने वाले वर्षों जैसे 2034-44 में स्थिति क्या होगी?” देवकीनंदन ठाकुर ने जनसंख्या नियंत्रण कानून की आवश्यकता पर भी जोर दिया और साथ ही हिंसा में शामिल लोगों को कड़ी सजा देने की मांग की।
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