Home » Jamshedpur Hindi News : सनातन संस्था ने कहा – ‘गजवा-ए-हिंद’ का षड्यंत्र नष्ट करने वाला एकमात्र विकल्प ‘सनातन राष्ट्र’

Jamshedpur Hindi News : सनातन संस्था ने कहा – ‘गजवा-ए-हिंद’ का षड्यंत्र नष्ट करने वाला एकमात्र विकल्प ‘सनातन राष्ट्र’

by Birendra Ojha
sanatan sanstha said Sanatan Rashtra only option destroy conspiracy 'Ghazwa-e-Hind'
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

जमशेदपुर : भारत आज विकास, विज्ञान-प्रौद्योगिकी और वैश्विक सहयोग की दिशा में आगे बढ़ रहा है, लेकिन इसके साथ ही एक आंतरिक आपदा दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, और वह है ‘गजवा-ए-हिंद’! ‘गजवा-ए-हिंद’ अर्थात भारत में जिहादी राष्ट्र की स्थापना की दिशा में उठाए गए कट्टरपंथी कदम ! यह केवल एक विचार या कल्पना नहीं है, अपितु इसे वास्तव में लागू करने का षड्यंत्र रचा जा रहा हैं।


सनातन संस्था के प्रवक्ता अभय वर्तक ने कहा कि वर्तमान में बड़े पैमाने पर चल रहा लव जिहाद, भूमि जिहाद, हलाल जिहाद, ये सभी ‘गजवा-ए-हिंद’ के छोटे रूप हैं। ISIS, अल-कायदा, अंसार-उल-इस्लाम, PFI जैसी संगठन सोशल मीडिया के माध्यम से युवाओं के बीच ज़हर फैला रहे हैं। उनके स्थानीय समर्थक ‘स्लीपर सेल्स’ भारत में धीरे-धीरे अपनी जड़ें जमाने की चेष्टा कर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्टों के अनुसार, भारत के कई हिस्सों में, विशेष रूप से केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में ISIS से संबंधित आतंकी गतिविधियां सामने आई हैं।

शिक्षित युवाओं को लक्ष्य बनाकर, उनकी विचारधारा का उपयोग करके उन्हें जिहाद के मार्ग पर ले जाया जा रहा है। इसके पीछे केवल हिंसा नहीं, अपितु भारत में ‘खिलाफत’ स्थापित करने की एक दुष्ट मंशा है। इस पृष्ठभूमि में, हिंदुओं को आत्मपरीक्षण करना आवश्यक है। क्या हम एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र में सुरक्षित हैं? इसके लिए छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रेरणा से खड़े किए गए हिंदवी स्वराज्य के पदचिह्नों पर चलते हुए, अब भारत को फिर से सनातन राष्ट्र, हिंदू राष्ट्र, रामराज्य बनाने के लिए तैयार होना पड़ेगा। क्योंकि यह हिंदुओं के अस्तित्व और सनातन संस्कृति के पुनरुत्थान की लड़ाई है। ‘गजवा-ए-हिंद’ का केवल एक ही उत्तर है ‘सनातन राष्ट्र’ यह हिंदुओं के मन में अंकित करना होगा।

आतंकवाद का धर्म होता है – इसका प्रमाण!

हाल ही में पहलगाम में पर्यटकों पर आतंकवादियों द्वारा किए गए कायरतापूर्ण हमले में 26 लोगों की मृत्यु हुई है। धारा 370 हटाए जाने के बाद भी आतंकवादी हमले जारी हैं। आज फिर कश्मीर में हिंदू मारे गए, जाति नहीं पूछी गई, बस इतना ही पूछा गया – “क्या तुम हिंदू हो? 26 हिंदुओं ने अपने प्राणों की आहुति देकर यह सिद्ध किया कि आतंकवाद का धर्म होता है। मुंबई में 1992-93 के दंगों के दौरान ‘राधाबाई चाल’ की घटना ने शहर को झकझोर कर रख दिया था। यह चाल मुंबई के जोगेश्वरी इलाके में है।

जनवरी 1993 में, इस चाल में 6 हिंदू नागरिकों को जिंदा जला दिया गया था। इस घटना में हमलावरों ने धर्म पहचानकर हिंदुओं को निशाना बनाया था। ऐसी अनेक घटनाएं हिंदुओं पर एक विशेष धर्म द्वारा किए गए अत्याचार की गवाही देती हैं। आज पहलगाम में जो हुआ, वही मुर्शिदाबाद में भी हो रहा है; सनातनी क्षेत्रों, त्योहारों, मंदिरों, महिलाओं और पूरे हिंदू समाज पर, साथ ही पूरी दुनिया में इसी प्रकार की हिंसा और नरसंहार जारी हैं। पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी ‘द रेसिस्टेंस फोर्स’ (TRF) नामक आतंकी संगठन ने ली है। वर्ष 2047 तक भारत को ‘गजवा-ए-हिंद’ बनाने की एक बडा षड्यंत्र ISI और PFI द्वारा रचाया गया है। इसे राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने उजागर किया है।

आतंकवादियों को भारत में ‘गजवा-ए-हिंद’ लाना है

ISIS, PFI और अफगानिस्तान के ISIS-K ने भारत को ‘गजवा-ए-हिंद’ बनाने का षड्यंत्र रचा है। ISIS-K कश्मीर में ‘स्लीपर सेल्स’ के रूप में सक्रिय है, साथ ही सोशल मीडिया प्रचार के जरिए भारत के युवाओं की भर्ती कर रहा है। केरल, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और जम्मू-कश्मीर में स्थानीय कट्टरपंथी समूहों से संबंधित ‘स्लीपर सेल्स’ का खतरा है। इसलिए भारत को इस धार्मिक कट्टरता से मुक्त करने के लिए सनातन राष्ट्र की स्थापना आवश्यक है।

इस्लामिक स्टेट की छिपी रणनीति!

इस्लामिक स्टेट (ISIS), यह आतंकी संगठन इराक-सीरिया में अत्यंत क्रूर कृत्यों के लिए बदनाम है। 1990 में ही कश्मीर में ‘निज़ाम-ए-मुस्तफा’ यानी इस्लामिक स्टेट की शुरुआत हो चुकी थी। आज भी ISIS का खतरा कायम है। 2024 में मॉस्को में और 2025 में न्यू ऑर्लियन्स में प्रेरित हमले हुए। भले ही उनका भौगोलिक नियंत्रण समाप्त हो गया हो, लेकिन उनके गुप्त सेल्स, विचारधारा और प्रेरणा से होनेवाले हमले वैश्विक सुरक्षा और भारत की सामाजिक शांति के लिए गंभीर समस्या हैं। उन्होंने अपनी रणनीति बदल दी है। सीधे युद्ध की बजाय छिपा हुआ हमला, वैचारिक प्रचार, स्थानीय समूहों को प्रेरित करना, यह अब उनके कार्यों का केंद्रबिंदु है।

क्या हिंदू सुरक्षित हैं

ISIS के अतिरिक्त, भारत के लिए संकट बननेवाली लश्कर-ए-तएबा, जैश-ए-मोहम्मद, हिजबुल मुजाहिदीन, पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया, इंडियन मुजाहिदीन, अल-कायदा इन इंडियन सबकांटिनेंट, स्थानीय इस्लामी कट्टरपंथी समूह (केरल, बंगाल, तमिलनाडु से), स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया ये 8 प्रमुख आतंकी संगठन, साथ ही रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठ, भारत की सुरक्षा और कानून-व्यवस्था के लिए गंभीर समस्या हैं। गैरहिंदुओं की बढ़ती जनसंख्या देश और हिंदू धर्म के लिए खतरे की घंटी है। इसके अतिरिक्त, पिछले एक वर्ष में कई घटनाएं हुई हैं, जिन्होंने हिंदुओं को आत्मपरीक्षण के लिए मजबूर किया है।

मुस्लिम-बहुल मुर्शिदाबाद में वक्फ सुधार कानून के विरोध में कट्टरपंथियों द्वारा किए गए आंदोलन के दौरान भारी हिंसा हुई। कई हिंदुओं के घर, दुकानें लूट ली गईं और उन्हें जलाया गया। इसके कारण डरे हुए 400 से अधिक हिंदुओं ने वहां से पलायन किया। बंगाल में हुई हिंसा में मुर्शिदाबाद, मालदा, नदिया, दक्षिण 24 परगना ये 4 जिले अशांत हो गए हैं। बंगाल, बिहार और महाराष्ट्र में कट्टरपंथियों द्वारा की गई हिंसा अब धीरे-धीरे भारत के अन्य राज्यों में भी फैल रही है। देश में विद्यमान जिहादी गुट, स्लीपर सेल्स और उन्हें समर्थन देनेवाले कट्टरपंथी भारत के लिए बड़ा संकट हैं।

केवल सनातन राष्ट्र ही सभी की रक्षा कर सकता है

हजारों वर्षों से कट्टरपंथी केसरिया भारत को हरा बनाने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। पुराने समय से ‘ग़ज़वा-ए-हिंद’ यह लक्ष्य धर्मांधों को प्रारंभ से ही दिया गया है, इसलिए वे अपने मार्ग पर आगे बढते जा रहे हैं। लेकिन, आज तक हिंदू उन्हें कोई उत्तर नहीं दे सके, क्योंकि उनके सामने कोई दिशा नहीं थी, कोई लक्ष्य नहीं था। इसके लिए पोटा, टाडा जैसे बडे कानून बनाकर भी इसे रोका नहीं जा सका। हिंदुओं को हमेशा मार ही खानी पडी। इसका एक ही उपाय है, प्रत्युत्तर देना या आत्मरक्षा करना। और यह उपाय ‘सनातन राष्ट्र की स्थापना’ से ही प्राप्त हो सकता है।

सनातन संस्था के संस्थापक सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत बालाजी आठवलेजी ने सनातन संस्था की स्थापना से ही हिन्दुओं को ‘हिन्दू राष्ट्र’, ‘सनातन राष्ट्र’ यह लक्ष्य दिया । इससे सभी हिन्दुओं को एक दिशा मिली। इससे जिहादी जो-जो षड्यंत्र कर रहे थे, उसमें लव जिहाद, लैंड जिहाद आदि धीरे-धीरे असफल हो रहे हैं। अतः ‘ग़ज़वा-ए-हिंद’ की रणनीति सनातन राष्ट्र के कारण नष्ट होने लगी है।

हिन्दुओं को लक्ष्य मिलने से सनातन राष्ट्र की दिशा में प्रगति!

हिन्दुओं को लक्ष्य मिलने से उस दिशा में हिन्दुओं की प्रगति आरंभ हुई है। पहले सभी हिन्दू संगठन स्वतंत्र अकेले अकेले लड रहे थे, परंतु सनातन राष्ट्र यह लक्ष्य मिलने से ये सभी संगठन एकत्र आ गए। विचार और कार्य भले ही भिन्न हो, लेकिन अब सभी का लक्ष्य एक ही है। इससे सामूहिक प्रयासों से हिन्दुओं के हित में निर्णय लिए जा रहे हैं। लोकसभा में 2 अप्रैल 2025 को वक्फ सुधार विधेयक पारित हुआ और असीमित अधिकारों वाले ‘वक्फ बोर्ड’ की धर्मांध शक्ति पर अंकुश लगा।

तमिलनाडु, केरल जैसे राज्यों में सरकार के नियंत्रण में स्थित मंदिरों को मुक्त करने के लिए बडे पैमाने पर मोर्चे और आंदोलन हो रहे हैं। कई शहरों में अवैध मस्जिदों, दरगाहों पर कार्रवाई कर स्थान खाली किया जा रहा है। कुछ राज्यों में लव जिहाद रोकने हेतु कठोर कानून लागू किए गए हैं। मथुरा और काशी मुक्ति आंदोलन को गति मिली है। ज्ञानवापी और श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर कानूनी संघर्षों में हिन्दुओं को सकारात्मक निर्णय प्राप्त हो, इस हेतु न्यायालयीन प्रक्रिया आरंभ है। कई राज्यों ने समान नागरिक संहिता लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

ग़ज़वा-ए-हिंद के जिहाद के विरुद्ध सनातन राष्ट्र का शंखनाद!

जिहाद, आतंकवाद, इस्लामी अतिक्रमण जैसे ‘ग़ज़वा-ए-हिंद’ के षड्यंत्र और नैरेटिव को सनातन राष्ट्र ही समाप्त कर सकता है, यह ऊपर दी गई घटनाओं से स्पष्ट होता है। ‘ग़ज़वा-ए-हिंद’ की विकृत रणनीति को नष्ट करने के लिए सनातन राष्ट्र ही एकमात्र प्रभावी दिशा है। इस उद्देश्य से ‘सनातन राष्ट्र शंखनाद महोत्सव’ का आयोजन किया गया है। इस महोत्सव में ‘ग़ज़वा-ए-हिंद’ की जिहादी विचारधारा के विरुद्ध शंखनाद किया जाएगा। सनातन राष्ट्र के इस दिव्य शंखनाद के आगे ‘ग़ज़वा-ए-हिंद’ टिक नहीं सकेगा।

‘ग़ज़वा-ए-हिंद’ जैसे विचारों के विरोध में हमें धर्माभिमान, एकजुटता और सनातन मूल्यों की मशाल अपने हाथों में लेनी होगी। यदि ‘ग़ज़वा-ए-हिंद’ जैसी विध्वंसक प्रवृत्तियों का अंत करना है, तो समाजहित, न्याय और धर्मनिष्ठा पर आधारित छत्रपति शिवाजी महाराजजी की स्वराज्य की संकल्पना से प्रेरणा लेकर ‘सनातन राष्ट्र’ की स्थापना करनी होगी । ग़ज़वा-ए-हिंद की शुरुआत कहीं से भी हो, परंतु उसके अंत की शुरुआत सनातन राष्ट्र से ही होगी, यह निश्चित है।

Read Also- Jharkhand Health News : देवघर सदर अस्पताल में शुरू हुआ सुपर स्पेशलिटी ओपीडी, सिर्फ क्रिटिकल मरीजों को मिलेगी सुविधा

Related Articles