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Seraikela Rath Yatra 2025 : भव्य आयोजन की तैयारी, नेत्र उत्सव पर महाप्रभु देंगे नवयौवन रूप में दर्शन

Jharkhand Jagannath Rath Yatra: इस वर्ष महाप्रभु के लिए नई रथ संरचना तैयार की गई है, जिसमें आठ पहिए लगाए गए हैं। यह रथ पूरी तरह से परंपरागत शैली में बनाया गया है।

by Rakesh Pandey
Seraikela Rath Yatra 2025
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सरायकेला: झारखंड की ऐतिहासिक रथ यात्रा इस वर्ष विशेष रूप से आकर्षण का केंद्र बनने जा रही है। पुरी धाम की परंपरा के अनुरूप आयोजित होने वाली इस रथ यात्रा 2025 की तैयारियां जोरों पर हैं। श्री जगन्नाथ सेवा समिति के तत्वावधान में हो रही इस धार्मिक यात्रा को स्थानीय विधायक एवं पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन का सहयोग प्राप्त है, जिससे आयोजन को भव्य और ऐतिहासिक रूप देने की पूरी कोशिश की जा रही है।

नई ऊंचाइयों पर रथ: आठ पहियों वाला रथ 25 फीट ऊंचा

इस वर्ष महाप्रभु जगन्नाथ के लिए नई रथ संरचना तैयार की गई है, जिसमें आठ पहिए लगाए गए हैं। यह रथ पूरी तरह से परंपरागत शैली में बनाया गया है। रथ को बजरंग चौक तक लाकर पुरी के प्रसिद्ध पीपली कारीगरों द्वारा इसकी वस्त्र सज्जा की जा रही है। रथ पर शिखर स्थापना के बाद इसकी ऊंचाई कुल 25 फीट हो जाएगी। गुरुवार को नेत्र उत्सव के दिन, यह रथ आम श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए पूरी तरह तैयार रहेगा।

माली परिवार की सातवीं पीढ़ी बना रही है महाप्रभु का मुकुट

सरायकेला के पारंपरिक माली (मालाकार) परिवार द्वारा हर वर्ष की तरह इस बार भी महाप्रभु जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के मुकुट तैयार किए जा रहे हैं। शिव रंजन मालाकार उर्फ बुला, जो इस परंपरा की सातवीं पीढ़ी से हैं, ने बताया कि उनके पूर्वजों को ओडिशा के नयागढ़ से यहां लाकर सेवा के लिए बसाया गया था। इस परिवार द्वारा ही औषधि निर्माण, मालाओं का निर्माण और मुकुट निर्माण किया जाता है। तुलसी, बेलपत्र और फूलों की मालाएं भी इन्हीं के परिवार द्वारा मंदिर में अर्पित की जाती हैं।

धार्मिक परंपराओं में “घंटो” और ओडिसी नृत्य का संगम

इस वर्ष रथ यात्रा में ताल, झांझर और परंपरागत वाद्य यंत्रों के साथ-साथ पुरी शैली का “घंटो” वादन भी शामिल किया गया है। इसके अतिरिक्त ओडिशा के जोटनी खोरीदा नूपुरधुनी डांस एकेडमी के कलाकार ओडिसी नृत्य की प्रस्तुति देंगे। धूमसा, झूंटी प्रतियोगिता और भजन-कीर्तन जैसे धार्मिक आयोजन भी यात्रा में विशेष आकर्षण रहेंगे।

नेत्र उत्सव पर नवयौवन रूप में होंगे दर्शन, शुक्रवार को निकलेगी रथ यात्रा

गुरुवार को श्री मंदिर परिसर में नेत्र उत्सव का आयोजन किया जाएगा, जिसमें महाप्रभु जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा 15 दिनों की अस्वस्थता के बाद नवयौवन रूप में अपने भक्तों को दर्शन देंगे। इस अवसर पर विशेष पूजा-अर्चना, महाप्रसाद वितरण और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा। अगले दिन शुक्रवार को भव्य रथ यात्रा निकाली जाएगी, जिसकी शुरुआत गजपति राजा प्रताप आदित्य सिंहदेव और विधायक चंपाई सोरेन की उपस्थिति में होगी।

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