रांची : जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को मंगलवार को निशाने पर लिया। सोमवार को बन्ना गुप्ता द्वारा उनके खिलाफ प्रेस कॉन्फ्रेंस में लगाए गये चरित्र हनन और दूसरे आरोपों पर अपनी बात रखी। सरयू राय ने मीडिया से बात करते कहा कि मंत्री बन्ना गुप्ता के संबंध में एक एफआईआर सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। जिसे वे फर्जी बता रहे हैं।
इस मामले में रांची के पुलिस अधीक्षक (नगर) ने कहा है कि इसका स्रोत जानने के लिए जाँच की जा रही है। दूसरी ओर बन्ना के एक प्यादे ने जमशेदपुर में तीन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी है। प्राथमिकी दर्ज होते ही पुलिस सक्रिय हो गई है। जिन तीन लोगों पर जमशेदपुर के कदमा थाना में प्राथमिकी दर्ज हुआ है, स्वास्थ्य मंत्री उन्हें मेरा नजदीकी बता कर मुझे भी इसमें लपेटना चाह रहे हैं। सरयू राय ने मांग करते कहा कि इस मामले में न्यायिक जाँच कराई जाये। चाहे वो सीटिंग जज हो या रिटायर्ड। ऐसा इसलिए कि इस मामले में पुलिस भी एक पक्षकार बन गई है।
सरयू ने कहा कि इसके पहले अप्रैल, 2023 में एक महिला के साथ अश्लील वार्ता करते हुए बन्ना गुप्ता का वीडियो जारी हुआ था। इस पर उन्होंने खुद ही एफआईआर किया था, परंतु आज तक उसका कोई फलाफल नहीं निकला। इसी तरह यह एफआईआर फर्जी है या असली है, इसकी पुलिस जाँच का भी कोई फलाफल नहीं निकलेगा और मामला ठंडे बस्ते में चला जाएगा। इसलिए इस मामले की न्यायिक जाँच होनी ही चाहिए।
दूसरों का शोषण करने वाले खुद को बता रहे बैकवर्ड
सरयू ने कहा कि बन्ना गुप्ता खुद को बैकवर्ड कहकर सहानुभूति हासिल करना चाहते हैं। गत एक माह में इन्होंने जमशेदपुर में क़रीब 100 गरीब फुटपाथ दुकानदारों का आशियाना तुड़वाया है। इनमें से प्रायः सभी पिछड़ा वर्ग से हैं। इसी तरह इन्होंने कोविड महामारी के दौरान आदित्यपुर, जमशेदपुर के एक अस्पताल को बन्द करा दिया। इसके मुख्य चिकित्सक डॉ.ओपी आनन्द को जेल में डाल दिया।
बन्ना गुप्ता के काम का सरयू राय ने दिया ब्यौरा
सरयू के अनुसार डॉ. आनन्द के पक्ष में यह मामला उन्होंने ही उठाया था। डॉ.ओपी आनन्द भी बैकवर्ड हैं, यादव जाति से हैं। मामला हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट तक गया और फैसला डॉ.ओपी आनन्द के पक्ष में आया। सरकार की किरकरी हुई। क्या बन्ना गुप्ता पिछड़े वर्ग के चिकित्सक का अस्पताल जबरन बंद कराने से हुए नुकसान की भरपाई करेंगे ? उसी समय बन्ना गुप्ता ने जमशेदपुर के कांतिलाल मेडिकल अस्पताल को बंद करा दिया। चिकित्सक सहित करीब 350 अस्पताल कर्मी इससे प्रभावित हुए। इसमें से अधिकांश कर्मी बैकवर्ड वर्ग के हैं। कोविड के समय इन्होंने जमशेदपुर में अंकुर पैथोलॉजी को बंद करा दिया और डॉ. राजेश मोहंती को जेल भिजवा दिया। इसी तरह से जमशेदपुर के मेडिट्रिना अस्पताल को 29 दिनों तक निलम्बित रखा, उमा अस्पताल, डिस्कवरी डॉयग्नोस्टिक सहित कई चिकित्सकीय संस्थानों पर दबाव डाला और उन्हें धमकाया।
एमजीएम अस्पताल पर मंत्री का कंट्रोल
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल का प्रबंधन अपनी मुट्ठी में कर रखा है। अपने एक नुमाइन्दे को अस्तपाल के अधीक्षक के कमरे के सामने ही एक बड़ा कमरा देकर उसे वहाँ बैठा दिया है। जब भी एमजीएम का कोई कुप्रबंधन सामने लाता है तो बन्ना गुप्ता को दर्द होने लगता है।
राजनीति को समझते हैं रोजगार
बन्ना गुप्ता जैसे व्यक्ति राजनीति को रोजगार समझते हैं। वैध-अवैध कमाई से जमशेदपुर के नजदीक और दूर के स्थानों बहरागोडा और अन्य जगह पर अपने परिवार के लोगों के नाम से फॉर्म हाउस खड़ा कर लेते हैं। इनके जैसे लोगों को उनके द्वारा किये गये कार्य न तो कभी पसन्द आएंगे और न ही समझ में आएंगे। सरयू ने कहा कि वे जब भी किसी धार्मिक अनुष्ठान में शामिल होते हैं, उसमें परिवार की सभी बहुएं, महिलाएं, पार्टी की महिला कार्यकर्ता समेत अन्य भी शामिल होती हैं। असल में बन्ना का किसी महिला के लिए बस एक खास नजरिया ही है। जिस महिला और उसके बेटे के अमेरिका में होने की बात बन्ना ने की है, वह परिवार बेहद अमीर और सक्षम है। बन्ना की संपत्तियों से दस गुना से भी अधिक उनके पास पटना और गांव में है।
एनडीए गठबंधन तय करेगा टिकट का फैसला
विधानसभा चुनाव में सीट के मसले पर सरयू ने कहा कि एनडीए गठबंधन अगर कहे कि वो जमशेदपुर पश्चिम से लड़े तो वो उसके लिए भी तैयार हैं। जमशेदपुर पूर्वी को लेकर उनकी कोई खास डिमांड नहीं है।