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दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर SC का कड़ा रुख, ट्रकों की Entry पर दिल्ली सरकार को फटकार

कोर्ट ने कहा कि GRAP-4 के तहत केवल जरूरी वस्तुएं ले जाने वाले ट्रकों को ही दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति मिलनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस पर घूसखोरी के गंभीर आरोपों को लेकर भी कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

by Rakesh Pandey
High Court Order on Reservation
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नई दिल्ली: दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार और प्रशासन को कड़ी फटकार लगाई है। शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह सवाल उठाया कि GRAP-4 (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) लागू होने के बावजूद भी ट्रकों की आवाजाही क्यों जारी है। जस्टिस अभय एस. ओक और जस्टिस ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की पीठ ने ट्रकों की एंट्री को लेकर दिल्ली सरकार और पुलिस की लापरवाही पर गंभीर नाराजगी व्यक्त की।

ट्रकों की एंट्री पर उठाए सवाल

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से दिल्ली सरकार से पूछा कि ट्रकों की एंट्री को रोकने के लिए अब तक क्या कदम उठाए गए हैं। कोर्ट ने कहा कि GRAP-4 के तहत केवल जरूरी वस्तुएं ले जाने वाले ट्रकों को ही दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति मिलनी चाहिए, लेकिन फिलहाल एंट्री प्वाइंट्स पर निगरानी की कमी के कारण नियमों का उल्लंघन हो रहा है। कोर्ट ने यह भी कहा कि इन एंट्री प्वाइंट्स पर घूसखोरी के आरोप सामने आ रहे हैं, जिससे स्थिति और खराब हो रही है।

निगरानी की कमी और सीसीटीवी फुटेज की मांग

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को आदेश दिया कि वह 18 नवंबर से लेकर अब तक के सभी 113 एंट्री प्वाइंट्स के सीसीटीवी फुटेज कोर्ट को सौंपे। कोर्ट ने पाया कि इन 113 एंट्री प्वाइंट्स में से करीब 100 प्वाइंट्स पर कोई मानव निगरानी नहीं थी और केवल 13 प्वाइंट्स पर ही सीसीटीवी कैमरे लगे थे। इस पर कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि वह इन कैमरों की फुटेज को जल्द से जल्द जांच के लिए उपलब्ध कराए, ताकि ट्रकों की अवैध एंट्री और अन्य दोषी गतिविधियों का पता चल सके।

कोर्ट का GRAP-4 पर फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि वायु गुणवत्ता में मामूली सुधार के कारण GRAP-4 के तहत लगाए गए प्रतिबंधों को हटाने पर विचार किया जा सकता है। केंद्र सरकार के प्रतिनिधि एएसजी ऐश्वर्या भाटी ने कोर्ट को बताया कि प्रदूषण स्तर 400 से नीचे गिर चुका है, जिस पर कोर्ट ने कहा कि अगली सुनवाई में इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।


सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार और प्रशासन को कुछ अहम निर्देश दिए हैं:

सभी 113 एंट्री प्वाइंट्स पर चेकपोस्ट बनाए जाएं।

पुलिस और दिल्ली लीगल सर्विस अथॉरिटी के वॉलंटियर्स को इन प्वाइंट्स पर निगरानी के लिए तैनात किया जाए।

केवल जरूरी वस्तुएं ले जाने वाले ट्रकों को ही दिल्ली में एंट्री दी जाए।

नियमों के उल्लंघन पर सख्ती

कोर्ट ने यह भी कहा कि दिल्ली पुलिस और प्रशासन GRAP-4 के नियमों का पालन कराने में पूरी तरह से विफल रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस पर घूसखोरी के गंभीर आरोपों को लेकर भी कार्रवाई करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि वह किसी भी तरह की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं करेगा और जरूरी कदम उठाए जाएंगे। अगली सुनवाई सोमवार को होगी, जब GRAP-4 के प्रतिबंधों पर अंतिम फैसला लिया जाएगा।

दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण नियंत्रण को लेकर सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट के आदेशों से यह साफ है कि अब दिल्ली सरकार को प्रदूषण की समस्या को हल करने के लिए और सख्ती से कदम उठाने होंगे। कोर्ट ने ट्रकों की एंट्री को लेकर उठाए गए सवालों और निगरानी की कमी पर अपनी नाराजगी जताते हुए दिल्ली सरकार और पुलिस को सुधार की दिशा में तेजी से काम करने का निर्देश दिया है। प्रदूषण के खिलाफ इस सख्त रुख से उम्मीद है कि आने वाले दिनों में दिल्ली में वायु गुणवत्ता में सुधार हो सकेगा।

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