Home » West Bokaro Jama Masjid Secretary TMH Refer : वेस्ट बोकारो में Jama Masjid के सचिव पर हमला, जमशेदपुर के टीएमएच रेफर

West Bokaro Jama Masjid Secretary TMH Refer : वेस्ट बोकारो में Jama Masjid के सचिव पर हमला, जमशेदपुर के टीएमएच रेफर

by Anand Mishra
West Bokaro Jama Masjid Secretary TMH Refer
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

रामगढ़ : वेस्ट बोकारो स्थित जामा मस्जिद में 6 जनवरी को हुए एक सनसनीखेज हमले ने पूरे इलाके में सनसनी मचा दी है। मस्जिद कमेटी के सचिव मो. मोइनुद्दीन को नमाज के दौरान कुछ लोगों ने बेरहमी से पीटा, जिससे उनकी हालत गंभीर हो गई। घायल मोइनुद्दीन को इलाज के लिए गुरुवार को वेस्ट बोकारो के अस्पताल से जमशेदपुर स्थित टाटा मेन हॉस्पिटल रेफर किया गया। उनके परिवार वाले और जामा मस्जिद कमेटी के सदस्य अब इस मामले को लेकर चिंता में हैं।

नमाज के दौरान हमला, गंभीर चोटें आईं

पिछले 6 जनवरी को जब मो. मोइनुद्दीन मस्जिद में नमाज पढ़ने पहुंचे थे, तब उन पर रिजवान कुरैशी, मोहम्मद वसीम खान, मोहम्मद जावेद, मोहम्मद अकील और उनके साथियों ने धारदार हथियार और ईंट पत्थरों से हमला किया। इस हमले में उन्हें गंभीर चोटें आईं। घटना के बाद उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया था। 7 जनवरी को उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया, लेकिन बुधवार रात उनकी हालत अचानक बिगड़ गई।

कमेटी के भीतर की अनबन का असर, सुरक्षा की बढ़ी चिंता

मो. मोइनुद्दीन के साथ हुए इस हमले को लेकर अब जामा मस्जिद कमेटी के सदस्य भी गंभीर हो गए हैं। यह हमला मस्जिद की अंदरूनी लड़ाई का परिणाम बताया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक, मस्जिद को दूसरे स्थान पर शिफ्ट करने की प्रक्रिया चल रही थी, जिसके तहत टाटा कंपनी से भी बातचीत हो रही थी। लेकिन इसी मुद्दे पर मस्जिद कमेटी के अंदर विवाद और संघर्ष बढ़ गए थे।

पुलिस व प्रशासन की कार्रवाई

इस हमले के बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है, लेकिन सख्त कार्रवाई की कमी से पूरे इलाके में तनाव बना हुआ है। रामगढ़ एसडीओ अनुराग कुमार तिवारी ने बताया कि सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए मांडू अंचल अधिकारी विमल कुमार सिंह और वेस्ट बोकारो ओपी प्रभारी दीपक कुमार को दिशा-निर्देश दिए गए हैं।

मस्जिद कमेटी में विवाद का परिणाम

बताया जाता है कि यह घटना वेस्ट बोकारो की जामा मस्जिद कमेटी के भीतर चल रहे विवाद का खतरनाक परिणाम है। हमलावरों ने न सिर्फ मौलिक मानवीयता की धज्जियां उड़ाई हैं, बल्कि पूरे इलाके की शांति को भी खतरे में डाल दिया है। प्रशासन के लिए यह एक गंभीर चुनौती है, जिससे जल्दी निपटने की जरूरत है।

Read Also- Exclusive… चोरों के लिए सेफ जोन बना झारखंड, 10 माह में सामने आए 10399 केस

Related Articles