जमशेदपुर : पूर्वी सिंहभूम जिले के दलमा पहाड़ियों में इस साल आदिवासी समाज का पारंपरिक शिकार पर्व सेंदरा 5 मई को मनाया जाएगा। रविवार को दलमा राजा राकेश हेंब्रम ने स्वशासन व्यवस्था के प्रमुखों और सेंदरा वीरों की मौजूदगी में इस तारीख पर मुहर लगाई।
दलमा राजा और उनकी धर्मपत्नी राधा हेंब्रम ने इस मौके पर पारंपरिक खजूर पत्तों से तैयार गिरा सकाम यानी निमंत्रण पत्र सेंदरा वीरों के बीच वितरित किया। सबसे पहला निमंत्रण पत्र देश पारानिक दुर्गाचरण मुर्मू को सौंपा गया।
गिरा तोल कार्यक्रम में झारखंड के कई जिलों के अलावा पश्चिम बंगाल और ओडिशा से भी सेंदरा वीर शामिल हुए। गिरा सकाम के जरिए सेंदरा वीरों को पारंपरिक रीति-रिवाज के साथ आमंत्रित करने की प्रक्रिया अब आधिकारिक रूप से शुरू हो गई है।
इस बार गिरा सकाम में 24 गांठें बांधी गई हैं। परंपरा के अनुसार हर दिन एक गांठ खोली जाती है। शनिवार को पहली गांठ खोली गई, जबकि आखिरी गांठ 5 मई को खोली जाएगी। इसी दिन दलमा की पहाड़ियों में शिकार पर्व यानी सेंदरा का आयोजन होगा।
आदिवासी मान्यता के अनुसार, जब गिरा सकाम की अंतिम गांठ खोली जाती है, उसी दिन प्रकृति के नियमों का सम्मान करते हुए समुदाय सेंदरा पर्व मनाता है। यह पर्व सिर्फ शिकार का नहीं, बल्कि आदिवासी संस्कृति, परंपरा और एकजुटता का प्रतीक भी है।
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