जमशेदपुर : अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (पांच) मंजू कुमारी के न्यायालय ने बागबेड़ा के श्रवण कुमार पटेल को यौन शोषण के आरोप (एसटी 61/2021) से बरी कर दिया। श्रवण कुमार ने पीड़िता के साथ शादी रचा ली और उसे गुजरात के सूरत में लेकर रहने लगा। आरोपी ने पीड़िता के साथ अच्छा व्यवहार किया। इसके चलते अदालत ने उसे बरी किया है। आरोपी को बरी कराने में उसके अधिवक्ता कुलविंदर सिंह की बड़ी भूमिका रही है।
पीड़िता के अनुसार, श्रवण कुमार पटेल ने साल 2015 से साल 2020 तक उसका यौन शोषण किया था। पीड़िता का आरोप था कि श्रवण ने उसे गर्भधारण करने के बाद बिना उसकी इच्छा के गर्भपात करवा दिया और शादी के लिए बोलने पर उसे मारपीट करता था। बाद में उसने छोड़ दिया। पीड़िता ने इस मामले की शिकायत थाने में की थी। इसके बाद इस प्रकरण में केस चल रहा था।
बचाव पक्ष व पीड़िता के अधिवक्ताओं की कोशिश से हुआ विवाह
मामले में महत्वपूर्ण मोड़ तब आया जब बचाव पक्ष के अधिवक्ता कुलविंदर सिंह और पीड़िता के वकील अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू और बबीता कुमारी के प्रयासों के बाद दोनों विवाह के लिए राजी हुए। इसके बाद, श्रवण और पीड़िता ने विवाह किया। विवाह के बाद पीड़िता ने कहा कि वह अपने पति के साथ खुश है और पिछले दो वर्षों से गुजरात के सूरत में अपने पति के साथ रह रही है।
पीड़िता के बयान के बाद आया अदालत का निर्णय
पीड़िता ने अदालत में बयान दिया कि उसके पति श्रवण उसे अच्छे से रख रहे हैं और वह अब अपने पति के साथ रहना चाहती है। इसके परिणामस्वरूप, पीड़िता ने मुकदमा खत्म करने का निर्णय लिया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश मंजू कुमारी ने इस मामले को समाप्त किया और श्रवण कुमार पटेल को बरी कर दिया।