Home » शिबू-साहेब नेचुरल पार्क : तिलाटांड़ में बनेगा झारखंड का नया हरित पर्यटन स्थल

शिबू-साहेब नेचुरल पार्क : तिलाटांड़ में बनेगा झारखंड का नया हरित पर्यटन स्थल

शिबू-साहेब नेचुरल पार्क के लिए भूमि आवंटन हो चुका है। अब जल्द ही इसका निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा.

by Reeta Rai Sagar
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

धनबाद : झारखंड सरकार ने धनबाद के तिलाटांड़ गांव में ‘शिबू-साहेब नेचुरल पार्क’ के निर्माण का निर्णय लिया है। यह पार्क झारखंड आंदोलन के दो प्रमुख नेताओं—दिशोम गुरु शिबू सोरेन और स्व. साहेब राम माझी—की स्मृति को समर्पित होगा।

21 एकड़ में फैलेगा हरियाली से भरा पार्क

यह पार्क लगभग 21 एकड़ जमीन पर बनेगा, जिसमें फूलों की खुशबू, औषधीय पौधों की शुद्धता और आधुनिक सुविधाएं जैसे लेजर फाउंटेन और फव्वारे शामिल होंगे। सरकार इसे एक आकर्षक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करेगी।

आंदोलन की साझी विरासत : गुरुजी और साहेब राम माझी

झामुमो नेता रतिलाल टुडू ने बताया कि आंदोलन के दिनों में शिबू सोरेन अक्सर तिलाटांड़ स्थित साहेब राम माझी के घर ठहरते थे। दोनों नेता मिलकर सामाजिक और राजनीतिक रणनीति बनाते थे। स्व. माझी सोनोत संताल समाज के प्रभावशाली नेता थे।

वन विभाग ने भूमि चिह्नित की

पार्क के लिए टुंडी विधानसभा क्षेत्र की छोटानगरी पंचायत के तिलाटांड़ मौजा (243, खाता संख्या 102 व 1564) की भूमि चयनित की गई है।

• 15.50 एकड़ वन विभाग की जमीन
• 4.60 एकड़ अन्य भूमि, जिस पर स्व. मांझी के परिजनों ने एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) दे दिया है।
अंचल कार्यालय ने नक्शा और प्रतिवेदन जिला प्रशासन को सौंप दिया है।

क्या होगा पार्क में खास

• सभी प्रकार के औषधीय पौधे और सुगंधित फूल
• लेजर फाउंटेन और सजावटी फव्वारे
• हरित वातावरण के साथ आधुनिक संरचनाएं
• झारखंड की संस्कृति, संघर्ष और गौरव की झलक

स्थानीय युवाओं को मिलेगा लाभ
• पार्क के निर्माण और संचालन से स्थानीय युवाओं को रोजगार
• पर्यटन बढ़ने से राजस्व में इजाफा
• क्षेत्रीय विकास को मिलेगा नया आयाम

सीओ का बयान

बाघमारा अंचलाधिकारी बाल किशोर महतो ने कहा, ‘शिबू-साहेब नेचुरल पार्क के लिए भूमि आवंटन हो चुका है। अब जल्द ही इसका निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।

शिबू-साहेब नेचुरल पार्क झारखंड की ऐतिहासिक विरासत, हरियाली और विकास का प्रतीक बनने जा रहा है। यह न सिर्फ पर्यावरण संरक्षण का उदाहरण बनेगा बल्कि रोजगार, पर्यटन और सांस्कृतिक चेतना को भी बढ़ावा देगा।

Related Articles