देवघर : विश्व प्रसिद्ध श्रावनी मेला 2023 की शुरुआत हो गयी है। सोमवार को मेले का उद्घाटन कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने किया। 4 जुलाई से अगले दो महीने तक बाबा भोले की नगरी देवघर में धूमधाम से श्रावनी मेले का आयोजन होगा। इस बार अधिमास लगने से मेले का अयोजन एक महिना अतिरिक्त होगा।
इन दो महीने में कुल 8 सोमवारी पड़ रही है। इस दौरान पूरे देश-विदेश से लाखों भक्त बाबा भोले पर जल चढ़ाने देवघर पहुंचेंगे। प्रशासन की ओर से मेले की सारी तैयारियां पुरी कर ली गयी है। भक्तों को किसी तरह की परेशानी न हो इसके लिए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किये गये हैं।
19 साल बाद बन रहा फलदायी संयोग :
दो महीने तक चलने वाले श्रावणी मेले में 15 – 15 दिन का दो चरण होगा। पहला चरण 4 जुलाई से 16 जुलाई और दूसरा चरण 16 अगस्त से 31 अगस्त तक है। 17 जुलाई से 15 अगस्त तक अधिमास रहेगा। पहले पक्ष यानी 4 जुलाई से 16 जुलाई के बीच दो सोमवारी पड़ेगा। वहीं दूसरे पक्ष चरण 16 अगस्त से 31 अगस्त तक दो सोमवारी पड़ेगा। वहीं अधिमास में 4 सोमवारी पड़ेगा। यह संयोग पूरे 19 साल बाद पड़ रहा है।
सुरक्षा में 10 हजार पुलिस बल तैनात
श्रावनी मेला समिति ने बताया कि इस बार मेला में सबसे ज्यादा शिवभक्तों की भीड़ उमड़ेगी। 15 से 20 किलोमीटर तक भक्तों की लंबी कतारे लगाने की सम्भावना है। इस बार मेला में भीड़ को व्यवस्थित करने के लिए पर्याप्त इंतजाम किये गये हैं। मेला में भक्तों के भीड़ को नियंत्रण करने के लिए 10 हजार पुलिसकर्मियों को तैनाती किया गया है। इनमें 35 डीएसपी स्तर के अधिकारी, 120 इंस्पेक्टर, 726 सब इंस्पेक्टर, 1100 एसआई और 6200 सिपाही को तैनात किया गया है। जिसमें 500 महिला पुलिसकर्मी को भी तैनात किया गया है।
सुरक्षा के लिए बम निरोधक दस्ता भी तैनात
श्रावनी मेला में किसी प्रकार की सुरक्षा में चूक न हो, इसके लिए सरकार द्वारा बम निरोधक दस्ता को भी तैनात किया गया है। इसके अलावा 2 अश्रु गैस, 2 एटीएस की टीम, 5 रैफ की कंपनी, 2 झारखंड जगुआर की कंपनी तैनात रहेगी। इसके अलावा पूरे मेला क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की व्यवस्था है।
बिहार और झारखंड की सरकार ने बेहतर समन्वय बनाकर कुछ नया किया है। सूचना तंत्र इतना मजबूत है कि पलक झपकते दोनों प्रांत का सिस्टम भक्तों की सेवा और उनकी सुविधा को आसान बनाने को तत्पर हो जाएगा।
सबसे अधिक जोर दो राज्यों के समन्वय पर
पहली बार ऐसा है कि देवघर में एक नहीं दो इंटर स्टेट कोर्डिनेशन सेंटर बनाए गए हैं। झारखंड बनने के बाद पहली दफा अंतर राज्यीय सूचना केंद्र देवघर में बना है। जिसमें बिहार के बांका और जमुई जिला के प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी भी 24 घंटा प्रतिनियुक्त होंगे। पहले 24 घंटा की सुविधा नहीं थी।
शहर के हृदय स्थल टावर चौक के निकट आरमित्रा उच्च विद्यालय के प्रांगण में यह अंतर राज्यीय सूचना केंद्र बनाया गया है। प्रशासन का अनुभव बताता है कि मेला में खो जाने वालों में अधिकांश बिहार के लोग रहते हैं।
प्रशासन उनको उनके घर तक पहुंचाने का मुफ्त इंतजाम करती है। परंतु उनको गंतव्य तक पहुंचने में समय लग जाता था। बिहार के जिला से संपर्क किया जाता था। उस समय को बचाने और शीघ्र उनके घर तक पहुंचाने के मकसद से यह पहल की गयी है।
यहां बनाया गया है इंटर स्टेट कोर्डिनेशन सेंटर
समाहरणालय में इंटर स्टेट कोर्डिनेशन सेंटर अलग से बनाया गया है। इसकी नोडल आफिसर कार्यपालक दंडाधिकारी सुप्रिया भगत बनायी गयी हैं। उनका कहना है कि सुल्तानगंज, बांका के नोडल आफिसर के साथ पल पल की सूचना पर संवाद होता जाएगा।
सुल्तानगंज से कितने कांवरियों ने जल उठाया इसकी सूचना मिलते ही देवघर प्रशासन जल उठाने के दो दिन बाद उनके आने का आकललन कर उस हिसाब से तैयारी कर लेगा।
दूसरा ट्रैफिक नियंत्रण भी होगा। यदि वावहनों की संख्या देवघर में अधिक प्रवेश कर गयी और उससे समस्या आने लगी तो बांका जिला के नोडल आफिसर को सूचित कर वाहनों को बिहार में ही पार्किंग करायी जाएगी। तीसरा आपराधिक गतिविधि की सूचना भी तत्काल शेयर की जाएगी।
शीघ्र दर्शनम व्यस्था में हुआ बदलाव
इस बार मेला में भक्तों के शीघ्र दर्शनम की व्यवस्था में बदलाव किया गया है। शीघ्र दर्शन कूपन के लिए पुरोहितों द्वारा बार-बार फॉर्म भरने की जरूरत नहीं पड़ेगी। ऑनलाइन कूपन जारी करने वाले सॉफ्टवेयर में बदलाव हुआ है। इस बार शीघ्र दर्शनम कूपन में जल्दी बिलिंग के लिए पुजारियों का अलग से डाटाबेस बनाया गया है।
इसमें पुजारियों के नाम, उनका कांटैक्ट नंबर के साथ क्यूआर कोड दिया जायेगा। इससे बिलिंग के लिए ज्यादा विलंब नहीं होगा। शीघ्र दर्शनम के तहत कूपन लेने वाले पुजारियों का पूरा डिटेल एलईडी स्क्रीन पर दिखाई देगा।
इसके अलावा और भी बदलाव किये गये हैं। रविवार और सोमवार को शीघ्र दर्शनम की व्यवस्था बंद रहेगी। मेले के दौरान शीघ्रदर्शन के लिए भक्तों को 500 रुपया देना होगा।
शीघ्र दर्शनम व्यस्था के तहत भक्तों का कतार नाथबाड़ी से लगेगी। उसके बाद कंवड़ियों की कतार मुख्य मंदिर के संस्कार मंडप से लेकर फूट ओवरब्रिज तक लगेगा।
– भक्त आरघा से कर सकेंगे जलार्पण
इस बार श्रावणी मेला के दौरान भक्त भगवान शिव को आरघा से जलाप्रण कर सकेंगे। पूरे सावन हाथ से स्पर्श कर जलार्पण नहीं होगा। इस बार वीआईपी पूजा भी बंद रहेगी। बीमार बुजुर्ग व भीड़ से बचने वाले भक्तों के लिए अलग से सुविधा दी गयी है।
-भक्तों को मिलेगी ईसीजी की सुविधा
मेला में भक्तों को जरूरत पड़ने पर ईसीजी की सुविधा दी जायेगी। कतार में लगने वाले भक्तों को अगर स्वास्थ्य संबंधित परेशानियां होने पर उनके लिए प्रशासन ने ईसीजी की व्यवस्था की है। प्रशासन ने नेहरू पार्क स्थित कॉम्प्लेक्स और बाबा मंदिर ट्रामा सेंटर में डिजिटल ईसीजी मशीन की व्यवस्था की है ।
जरूरत पड़ने पर ईसीजी कराई जायेगी। इसकी रिपोर्ट भी जल्द ही ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर को मिलने से इलाज में सहूलियत होगी। इसके अलावे उमस भरी गर्मी से बचाव के लिए नेहरू पार्क में लेकर मंदिर के संस्कार मंडप तक कूलिंग सिस्टम की व्यवस्था की गयी है।
-रेलवे ने भक्तों के लिए की स्पेशल ट्रेन की व्यवस्था
श्रावणी मेले को लेकर पूर्व रेलवे की ओर से भक्तों के लिए कई सुविधाएं दी गयी हैं। रेलवे द्वारा एक-एक कर स्पेशल ट्रेनों की सूची जारी की जा रही है।
पूर्व रेलवे के महाप्रबंधक अमर प्रकाश द्विवेदी ने बताया कि तीर्थ यात्रा के लिए जसीडीह-वैद्यनाथ धाम आने वाले यात्रियों के लिए हर संभव सुविधाओं की व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है। वही मेला के दौरान 4 जुलाई से 31अगस्त तक कई स्पेशल ट्रेनों की व्यवस्था की गयी है।
लाखाें की संख्या में आयेंगे कांवरिया
शिव, सावन और मलमास की त्रिवेणी का पावन साल है। उत्तरवाहिनी का कल कल करता पावन गंगा जल भगवान शंकर को अर्पित होने को व्याकुल है। सावन के एक दिन पहले आषाढ़ पूर्णिमा सोमवार को और श्रावणी के पहले दिन मंगलवार को बिहार के सुल्तानगंज घाट पर लाखों कांवरिया कांवर में मां गंगा की आराधना कर शुद्ध् पात्र में जल भरकर बोल बम बोल बम कह कर चलेंगे।
शिवभक्तों की कांवर यात्रा का विराम देवघर में होगा। द्वादश ज्योतिर्लिंग में एक बाबा बैद्यनाथ को प्रत्येक दिन लाखों भक्त जलार्पण करेंगे। शासन और प्रशासन ने इस साल भीड़ नियंत्रण से लेकर सुरक्षित व सुलभ जलार्पण को कई नए इंतजाम किए हैं। पहली बार सुल्तानगंज से देवघर के बीच दोनों राज्यों के अधिकारियों का समन्वय अब तक से अलग होगा। सूचना तकनीक को पुख्ता किया गया है।
भक्त बुजुर्ग और बच्चों के पाकेट में दे दें अपना मोबाइल नंबर
मेला तो मेला होता है। इसमें भुला जाना बड़ी बात नहीं होती। उन भूले बिसरे लोगों को मिलाना और सहूलियत से मिलाने का एक नया रास्ता प्रशासन ने निकाला है। देवघर आने वाले भक्तों से आग्रह किया गया है कि वह अपने मंडली में शामिल सभी लोगों के जिम्मे मंडली के मुखिया या सहयोगी का मोबाइल नंबर, कहां से आए हैं उसका पता।
यदि वाहन से आए हैं तो यह भी लिखकर दे दें कि किस बस पड़ाव में उनको आना है। क्योंकि देवघर में छह अस्थायी बस पड़ाव है। इस प्रयास से प्रशासन को उस व्यक्ति को वहां तक पहुंचाने में मदद मिलेगी। कोई भी भक्त नजदीक के सूचना केंद्र में जाकर जलार्पण की जानकारी, ठहरने और कतार में लगने की सूचना ले सकते हैं।
हाइटेक होगा मेला का नियंत्रण
इंटीग्रेटेड मेला कंट्रोल रूम हाईटेक बनाया गया है। कंट्रोल रूम में पहली बार कामन एनाउंसमेंट सिस्टम लगाया गया है। एक बार सूचना प्रसारित होगी तो वह 20 किलोमीटर के मेला क्षेत्र में सुनाई देगी। पहली बार टू वे आडियो कैमरा सिस्टम लगाया गया है।
कंट्रोल रूम में बैठे अधिकारी जब कोई कामन सूचना देना चाहेंगे तो वह कंट्रोल रूम से संभव होगा। मेला क्षेत्र में तैनात अधिकारी प्रशासनिक शिविर से आइपी के माध्यम से वहां बैठे अधिकारी कंट्रोल रूम को जवाब देंगे। मेला क्षेत्र में 21 से ओपी प्रभारी और 11 यातायात ओपी प्रभारी पदाधिकारी कंट्रोल रूम के निर्देश पर भीड़ नियंत्रण व अन्य सूचनाओं पर अमल करेंगे।
READ ALSO : श्रावणी मेला में सबसे बड़ा वीवीआइपी कांवरिया : मंत्री
मंदिर और मेला क्षेत्र के 60 महत्वपूर्ण प्वाइंट पर पीटीजेड कैमरा
पहली दफा 60 पीटीजेड कैमरा रूटलाइन से लेकर खास प्वाइंट पर लगाए गए हैं। श्रावणी मेला के साथ मलमास लग रहा है। दो महीना का मेला है। चार जुलाई से शुरू हो रहा है।
मेला में प्रतिदिन एक लाख से अधिक तीर्थयात्रियों आते हैं। मेला नियंत्रण के लिए 660 सीसीटीवी कैमरा लगे हैं। पिछली बार चार सौ कैमरा लगाया गया था। इस बार मेला पर नजर रखने का कैमरा का दायरा बढा दिया गया है। 60 पीटीजेड कैमरा से भीड़ को क्लोज कर मॉनिटरिंग होगा।