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सिक्किम में फंसे झारखंड के दर्जनों पर्यटक, 3 जवानों की मौत, कई लापता

मौके पर मौजूद प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार, लाचेन में करीब 112 और लाचुंग में लगभग 1,350 पर्यटक फंसे हैं। भारी बारिश और लैंडस्लाइड की वजह से रास्ते अवरुद्ध हो गए हैं।

by Reeta Rai Sagar
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गंगटोक : सिक्किम में मूसलधार बारिश और भूस्खलन के कारण झारखंड के दर्जनों पर्यटक उत्तर सिक्किम में फंसे हुए हैं। मंगन जिले में लगातार तीसरे दिन भी भारी बारिश जारी रही, जिससे सड़कों और पुलों को नुकसान पहुंचा है।

जानकारी के अनुसार, झारखंड की महिलाएं – विभा, अंजू कुमारी, श्रुति, तृप्ति और पुष्पांजलि समेत कई लोग लाचेन और लाचुंग में फंसे हुए हैं। सभी पर्यटक स्थानीय निजी होटलों में सुरक्षित हैं। मौके पर मौजूद प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार, लाचेन में करीब 112 और लाचुंग में लगभग 1,350 पर्यटक फंसे हैं। भारी बारिश और लैंडस्लाइड की वजह से रास्ते अवरुद्ध हो गए हैं।

BRO (बॉर्डर रोड्स ऑर्गनाइजेशन) की मशीनरी को सक्रिय किया गया है, ताकि लाचुंग से चुंगथांग और आगे थींग टनल तक रास्ता साफ किया जा सके। हालांकि, थींग के पास बड़ी चट्टानें अब भी रास्ते में हैं, जिन्हें हटाने का कार्य जारी है। मंगन जिले के उपायुक्त अनंत जैन ने अन्य अधिकारियों के साथ प्रभावित मार्गों का निरीक्षण किया और रास्तों की सुरक्षा की जांच की।

झारखंड सरकार कर रही है मदद

झारखंड सरकार ने उत्तर सिक्किम में फंसे राज्य के पर्यटकों की मदद के लिए विशेष टीम गठित की है और एक टोल फ्री नंबर भी जारी किया है। राज्य सरकार की ओर से संपर्क साधा जा रहा है, ताकि सभी पर्यटकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की जा सके। फंसे हुए पर्यटकों तक खाद्य सामग्री समेत जरूरत की चीजें पहुंचाई जा रही है।

बुनियादी ढांचे को नुकसान

• फिदांग ब्रिज और संगकलांग बैली ब्रिज को तीस्ता नदी की तेज धारा से नुकसान हुआ है।
• जेम्मा अप्रोच रोड भी नदी की तेज धारा में बह गया है, जिससे वैकल्पिक रास्तों से भी आवाजाही में दिक्कत हो रही है।
• 13 ग्राम पंचायत यूनिट्स (GPUs) का संपर्क अभी भी राज्य के अन्य हिस्सों से टूटा हुआ है।
• NH-10 (सेवोक से रंगपो सेक्शन) पर 2 और 3 जून को ट्रैफिक पर रोक लगाई गई है।

उत्तर सिक्किम में बाढ़ और भूस्खलन से हालात गंभीर बने हुए हैं। झारखंड के कई पर्यटक फंसे हुए हैं, लेकिन सभी सुरक्षित हैं। राज्य और केंद्र सरकार की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। यात्रियों और उनके परिजनों को सतर्क रहने और प्रशासन से संपर्क बनाए रखने की सलाह दी गई है।

रविवार को भारी बारिश के बाद एक आर्मी कैंप पर भूस्खलन हो गया। हादसे में अब तक 3 जवानों के शहीद होने की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 9 जवानों का अभी भी कोई सुराग नहीं मिला है। घटना के तुरंत बाद इलाके में हड़कंप मच गया। सेना ने तेजी से सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया है। मलबे में दबे जवानों की तलाश जारी है। स्थानीय प्रशासन और NDRF की टीमें भी राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हुई हैं।

स्थिति पर सेना की ओर से लगातार नजर रखी जा रही है और रेस्क्यू ऑपरेशन को प्राथमिकता दी जा रही है। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है, जिससे राहत कार्यों में और भी मुश्किलें आ सकती हैं।

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