जमशेदपुर : रांची पुलिस ने कोयला कारोबारी विपिन मिश्रा पर फायरिंग के मामले का खुलासा करते हुए छह अपराधियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इनके पास से चार पिस्टल, 20 गोलियां, छह मैगजीन और एक बाइक बरामद की है।
गिरफ्तार अपराधी और उनके नाम
गिरफ्तार आरोपियों में प्रेम पांडेय, रहमान अंसारी, करण, अविनाश ठाकुर, शोभित सिंह और विशाल मुंडा शामिल हैं।
कैसे हुई वारदात?
7 मार्च को रांची के बरियातू इलाके में विपिन मिश्रा की कार पर फायरिंग हुई थी। बाइक सवार तीन हमलावरों ने ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं, जिसमें विपिन मिश्रा को दो गोलियां लगी थीं। वह घायल हो गए थे। विपिन मिश्रा के बॉडीगार्ड्स ने जवाबी फायरिंग की, जिसके बाद हमलावर फरार हो गए थे।
पुलिस जांच और गिरफ़्तारी
एसएसपी चंदन सिन्हा ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए हमलावरों की गिरफ्तारी के लिए एसआईटी टीम बनाई गई। इसके बाद सबसे पहले करण उरांव पकड़ा गया, जिससे पूछताछ के बाद बाकी अपराधियों की गिरफ्तारी हुई। प्रेम पांडेय और रहमान अंसारी गिरफ्तारी के दौरान भागने की कोशिश में घायल हो गए।
अमन साहू गैंग का कनेक्शन
रायपुर जेल में बंद गैंगस्टर अमन साहू के कहने पर इस फायरिंग की साजिश रची गई थी। जेल में बंद आकाश राय उर्फ मोनू ने हथियार उपलब्ध कराए थे। बक्सर से आए शूटर अविनाश ठाकुर और शोभित सिंह को वारदात के लिए शामिल किया गया। इस मामले में गिरफ्तार प्रेम पांडेय का आपराधिक इतिहास है। वह पहले विकास तिवारी गिरोह के लिए काम करता था। जनवरी में उसके भाई भरत पांडेय की हत्या हुई, जिसमें विकास तिवारी का नाम आया था। इसके बाद प्रेम पांडेय जेल में अमन साहू के संपर्क में आया और उसकी गैंग में शामिल हो गया। 28 फरवरी को उसे दो लाख रुपये मिले, जिसके बाद विपिन मिश्रा पर हमले की साजिश तैयार हुई। हमलावरों के लिए वाहन का इंतजाम करण उरांव ने किया था। वाहन रहमान चला रहा था। घटना को अंजाम देने से पहले विशाल मुंडा ने विपिन मिश्रा की रेकी की थी। घटना वाले दिन दो शूटर और रहमान घटनास्थल पर थे। दोनों शूटरों को प्रेम पांडे ने श्री रामकृष्ण एंक्लेव में ठहराया था।
15 फरवरी को जेल से बाहर आया था प्रेम पांडे
प्रेम पांडे ने पुलिस को बताया कि वह 15 फरवरी को रामगढ़ जेल से बाहर आया था। वह मोरहाबादी के रामकृष्ण एंक्लेव की आठवीं मंजिल पर मुन्ना सिंह के गेस्ट हाउस में मुन्ना के आदेश से रह रहा था। प्रेम पांडे पहले विकास तिवारी गिरोह के लिए काम करता था।
अमन साहू का एनकाउंटर
– घटना के बाद अमन साहू के गैंग ने सोशल मीडिया पर जिम्मेदारी ली। – 11 मार्च को छत्तीसगढ़ से लाने के दौरान अमन साहू एनकाउंटर में मारा गया।