हेल्थ डेस्क, नई दिल्ली : बरसात में बुखार, डायरिया, आई फ्लू जैसी बीमारियों के साथ-साथ चर्म रोग भी बढ़ जाते हैं। हालांकि, चर्म रोग संबंधी परेशानी से आप आसानी से बच सकते हैं। इसके लिए आपको थोड़ा सा जागरूक होने की जरूरत है। दरअसल, बरसात के दिनों में कई लोग भीगे हुए कपड़े पहनकर ही देर तक रह जाते हैं। इससे उनके शरीर में खुजली, फुंसी सहित अन्य चर्म रोग होने लगते हैं। ऐसे स्थिति में किसी चर्म रोग विशेषज्ञ से तत्काल सलाह लेनी चाहिए। देशभर के अस्पतालों के ओपीडी में बरसात के दिनों में चर्म रोग से संबंधित मरीजों की संख्या बढ़ जाती है। इसमें अधिकांश वैसे मरीज शामिल होते हैं,जिन्हें भीगे कपड़े पहनने के बाद परेशानी शुरू हुई हो। आइए, इस संदर्भ में झारखंड के जाने-माने चर्म रोग विशेषज्ञ डा. आर कुमार से जानते पूरी स्थिति:-
बरसात के दिनों में कैसा कपड़े पहनें
डा. आर. कुमार कहते हैं बरसात के दिनों में कामकाज के सिलसिले में बाहर रहने वाले अधिकांश लोग भीग जाते हैं। इस दौरान उन्हें कपड़े बदलने का समय नहीं मिलता, वह लोग चर्म रोग से ग्रस्त हो जाते हैं। ऐसे में ध्यान देने वाली बात यह है कि इस मौसम में ढीला सूती कपड़ा पहनें। अगर वह भीगे भी तो तत्काल सुख जाए। तंग कपड़ा पहनने से पसीना भी होता है, यह चर्म रोग का कारण बन सकता है। वहीं, स्नान करने के बाद सूखे तौलिया या गमछे से शरीर को अच्छी तरह से साफ करें।
बरसात के मौसम में इस तरह बढ़ जाते हैं चर्म रोग
डा. आर. कुमार कहते हैं कि बरसात के दिनों में शरीर भीगने के साथ-साथ उमस का भी सामना करना पड़ता है। इससे वायरल और फंगल इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। इस दौरान त्वचा पर चकत्ते, खुलजी, मुंहासे, त्वचा की एलर्जी, काछ लगना, त्वचा पर एक्जिमा, खाज सहित एलर्जी की परेशान इस मौसम में बढ़ जाती हैं। ऐसी परिस्थिति में चर्म रोग विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए।
चर्म रोग का लक्षण क्या है
– शरीर के किसी भी भाग में अचानक से खुजली होना।
– बार-बार खुजली होना।
– त्वचा पर पपड़ी जैसा होना।
– लाल-लाल धब्बे होना।
– शरीर पर चक्कते बन जाना।
– सिर का बाल अधिक खुजलाना भी चर्म रोग का लक्षण हो सकता है।
चर्म रोग का इलाज
डा. आर. कुमार कहते हैं कि चर्म रोग का इलाज शत-प्रतिशत संभव है। बरसात के दिनों में होने वाले चर्म रोग एक सप्ताह के अंदर ठीक हो जाते हैं। हालांकि, इस दौरान मरीजों को विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। खुजली जैसे परेशानी होने पर मरीज कोल्ड क्रीम भी लगा सकते हैं। वहीं, त्वचा में इंफेक्शन सहित अन्य परेशानी होने पर उसका दवा अलग से खाना होता है। कुल मिलाकर मरीज सात से दस दिनों के अंदर ठीक हो जाता है।
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