नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी ने एक बयान दिया, जिसे लेकर राजनीतिक हलकों में विवाद शुरू हो गया है। सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति के भाषण पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्हें ‘पुअर लेडी’ यानी बेचारी महिला कहकर तंज कसा। उनका यह बयान अब राजनीतिक विवाद का कारण बन गया है और सत्ता पक्ष से तीखी प्रतिक्रियाएं आई हैं।
सोनिया गांधी का बयान : Poor Lady
जब मीडिया ने सोनिया गांधी से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर सवाल किया, तो उन्होंने शुरुआत में कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। हालांकि, बाद में सोनिया गांधी और राहुल गांधी आपस में राष्ट्रपति के भाषण पर चर्चा करते दिखाई दिए। इस दौरान सोनिया गांधी ने कहा कि यह सब झूठे वादे हैं और राष्ट्रपति के भाषण को “बोरिंग” बताते हुए कहा कि पुअर लेडी… राष्ट्रपति अंत में बहुत थक गई थीं। उनके इस बयान को लेकर सत्ता पक्ष के नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है और इसे राष्ट्रपति और आदिवासी समुदाय के प्रति अपमानजनक बताया है।
राष्ट्रपति के भाषण की प्रमुख बातें
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने अभिभाषण में मोदी सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भारत जल्द ही दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ रहा है। इसके अलावा, उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं, जैसे लोन और बीमा को सबके लिए आसान बनाने की बात की। राष्ट्रपति ने यह भी बताया कि विदेशी निवेश आ रहा है, जिससे युवाओं को रोजगार के अवसर मिल रहे हैं। उन्होंने संविधान को अपनाए जाने के 75 वर्षों की भी चर्चा की और जम्मू कश्मीर में रेल परियोजना की सफलता को एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया।
BJP की कड़ी प्रतिक्रिया
सोनिया गांधी के ‘पुअर लेडी’ वाले बयान पर बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए सोनिया गांधी के बयान की निंदा की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के लिए ‘पुअर थिंग’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल कांग्रेस की गरीब विरोधी और आदिवासी विरोधी मानसिकता को उजागर करता है। उन्होंने कांग्रेस से राष्ट्रपति और आदिवासी समुदाय से माफी मांगने की भी मांग की।
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने राष्ट्रपति का अपमान किया है। इन लोगों के अहंकार को देखना कोई नई बात नहीं है। ये लोग देश को अपनी जागीर समझते हैं।” प्रधान ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस अब एक सामंतवादी पार्टी बन चुकी है, जिसमें ‘लेफ्टिस्ट’ विचारधारा का प्रभुत्व है। उन्होंने कहा, “कांग्रेस पार्टी अब किसी भी राष्ट्रीय मुद्दे पर गंभीर नहीं है।”
अन्य नेताओं की प्रतिक्रिया
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने सोनिया गांधी से माफी मांगने की मांग की। उन्होंने राहुल गांधी पर भी तंज कसते हुए कहा कि राहुल गांधी खुद एक ‘पुअर थिंग’ हैं, जिन्हें कांग्रेस ने लॉन्च करने की कोशिश की थी, लेकिन वह कभी सफल नहीं हो पाए। इस बयान के बाद कांग्रेस पार्टी के खिलाफ बीजेपी के नेताओं ने और भी हमलावर रुख अपनाया।
केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने भी सोनिया गांधी की टिप्पणी पर तल्ख प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पहले एक राष्ट्रीय पार्टी हुआ करती थी, लेकिन अब उसमें जेएनयू के लेफ्टिस्ट भर गए हैं, जो सिर्फ अपमान करते हैं और जनता की भावनाओं को नजरअंदाज करते हैं।
विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रिया
वहीं, शिवसेना (यूबीटी) के सांसद अनिल देसाई ने भी राष्ट्रपति के भाषण पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि सरकार जो योजनाओं की बात कर रही है, वह कागज पर अच्छी लगती हैं, लेकिन असलियत क्या है? बेरोजगारी और महंगाई पर कोई चर्चा नहीं हो रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि जमीनी हकीकत को नजरअंदाज क्यों किया जा रहा है।
सोनिया गांधी का यह बयान, जो उन्होंने राष्ट्रपति के भाषण के संदर्भ में दिया, अब एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन चुका है। बीजेपी और कांग्रेस के बीच इस बयान को लेकर तीखी तकरार चल रही है। जबकि बीजेपी ने इसे अपमानजनक और आदिवासी विरोधी बताया, कांग्रेस इसे एक राजनीतिक रणनीति के रूप में देख रही है। इस विवाद ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि संसद के बजट सत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जुबानी जंग की कोई कमी नहीं है और इस बार भी यह सत्र राजनीतिक बयानबाजी से भरा रहेगा।