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धोखाधड़ी पर कड़ा Action, रोजाना 1.35 करोड़ कॉल्स ब्लॉक कर बचाई 2,500 करोड़ रुपये की संपत्ति

उन्होंने बताया कि इस सिस्टम ने लोगों को धोखाधड़ी से बचाया है और इसे भविष्य में और प्रभावी बनाने के लिए नई योजनाओं पर काम किया जा रहा है।

by Rakesh Pandey
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नई दिल्ली : साइबर ठगी के बढ़ते मामलों ने भारत के हर क्षेत्र और वर्ग के लोगों को परेशान कर रखा है। अब ऐसे मामलों में सख्ती बरती जा रही है। भारत में धोखाधड़ी कॉल्स और स्पैम कॉल्स पर कड़ी निगरानी रखने और उन्हें रोकने के लिए सरकार ने एक नई तकनीकी प्रणाली लागू की है। इस तकनीकी की मददद से प्रतिदिन औसतन 1.35 करोड़ धोखाधड़ी कॉल्स को ब्लॉक किया जा रहा है। इससे न केवल लोगों के समय की बचत हो रही है। इस तकनीक का प्रयोग करने से अब तक 2,500 करोड़ रुपये की संपत्ति भी बचाई जा चुकी है। केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस नई प्रणाली के प्रभाव को लेकर हाल ही में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस सिस्टम ने लोगों को धोखाधड़ी से बचाया है और इसे भविष्य में और प्रभावी बनाने के लिए नई योजनाओं पर काम किया जा रहा है।

धोखाधड़ी कॉल्स पर कड़ा नियंत्रण

केंद्रीय मंत्री सिंधिया के मुताबिक अधिकतर स्पैम कॉल्स और धोखाधड़ी वाली कॉल्स विदेशों से आती हैं। ऐसे कॉल्स के माध्यम से भारतीय नागरिकों को निशाना बनाया जाता है। सरकार ने इस समस्या से निपटने के लिए एक विशेष धोखाधड़ी पहचान नेटवर्क स्थापित किया है, जो लगातार इन कॉल्स को ट्रैक करता है और उन्हें रोकता है। सिंधिया ने यह भी बताया कि अब तक इस प्रणाली से लगभग 2.9 लाख अवैध फोन कनेक्शनों को काटा गया है और लगभग 1.8 मिलियन (18 लाख) हेडर को ब्लॉक कर दिया गया है, जो धोखाधड़ी संदेश भेजने के लिए उपयोग किए जाते थे।

+91 वाले नंबरों से विदेशों से आते हैं फोन कॉल्स


उन्होंने यह भी बताया कि नए सॉफ़्टवेयर के तहत ऐसे कॉल्स को भी रोका जा रहा है, जो +91 भारतीय नंबर के रूप में पेश होते हैं, लेकिन असल में इनका सर्वर विदेश में होता है। यह कॉल्स भारतीय उपभोक्ताओं को धोखा देने के लिए बनाए जाते थे, लेकिन अब इन पर भी नियंत्रण पाया जा रहा है।

520 एजेंसियां जुड़ी हैं स्पैम कॉल्स को रोकने में

मंत्री सिंधिया ने बताया कि इस प्रणाली में 520 कानून प्रवर्तन एजेंसियां और बैंक भी शामिल हैं, ताकि धोखाधड़ी की कॉल्स और वित्तीय धोखाधड़ी को एक साथ रोकने के प्रयास किए जा सकें। यह संयुक्त प्रयास लोगों के पैसे और निजी जानकारी की रक्षा कर रहे हैं।

जल्द शुरू होगी बीएसएनएल की 5G सेवाएं


सिंधिया ने अपनी प्राथमिकताओं का भी जिक्र किया और कहा कि उनके लिए एक प्रमुख लक्ष्य BSNL (भारत संचार निगम लिमिटेड) को आत्मनिर्भर बनाना है। उन्होंने बताया कि बीएसएनएल के लिए 5G सेवाओं की शुरुआत जल्द की जाएगी और 4G के संतृप्ति की योजना भी अगले कुछ महीनों में पूरी की जाएगी। बीएसएनएल द्वारा 1 लाख बेस स्टेशन स्थापित करने की योजना चल रही है, जिसमें से 50,000 स्टेशन पहले ही स्थापित हो चुके हैं। उनका लक्ष्य अगले साल तक 5G का विस्तार करना है।

सिंधिया ने यह भी कहा कि सरकार का उद्देश्य यह है कि बीएसएनएल को भारत के सबसे प्रमुख टेलीकॉम ऑपरेटरों में से एक बनाया जाए और इसके ग्राहक आधार में तेजी से वृद्धि हो। इसके लिए आवश्यक पूंजी और स्पेक्ट्रम की आपूर्ति की जा रही है।

मार्च-अप्रैल तक 37,000 गांवों में 4G कनेक्टिविटी का लक्ष्य

उनकी दूसरी प्राथमिकता 4G कनेक्टिविटी को पूरे देश में सुनिश्चित करना है। वर्तमान में भारत के करीब 37,000 गांवों में 4G कनेक्टिविटी नहीं है, जिनमें से बहुत से गांव दूर-दराज के क्षेत्रों में हैं। सरकार का लक्ष्य है कि अगले साल मार्च-अप्रैल तक इन गांवों में 4G कनेक्टिविटी पूरी तरह से स्थापित कर दी जाए। इसके लिए 27,000 नए बीटीएस (बेस ट्रांससीवर स्टेशन्स) की आवश्यकता है, जिनमें से 10,000 पहले ही स्थापित किए जा चुके हैं। इस योजना से 1.6 करोड़ लोगों को 4G कनेक्टिविटी का लाभ मिलेगा।

दूरसंचार क्षेत्र के लिए नया कानून

सिंधिया ने बताया कि सरकार ने पिछले साल दूरसंचार अधिनियम 2023 को पारित किया था, और इस कानून के तहत नियमों को जल्द ही अधिसूचित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि दिसंबर तक सभी आवश्यक नियमों को लागू किया जाएगा, जिससे दूरसंचार क्षेत्र में और भी सुधार होंगे। इस कानून का उद्देश्य टेलीकॉम इंडस्ट्री के ढांचे को मजबूत करना और उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं प्रदान करना है।

डिजिटल व तकनीकी क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर महत्वपूर्ण कदम


भारत सरकार के इन प्रयासों ने न केवल धोखाधड़ी कॉल्स और स्पैम से बचने में मदद की है, बल्कि इसके साथ ही बीएसएनएल और दूरसंचार क्षेत्र में सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। 4G और 5G सेवाओं का विस्तार और धोखाधड़ी पहचान नेटवर्क का प्रभावी कार्यान्वयन, भारत को डिजिटल और तकनीकी क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। यह सरकार की कड़ी मेहनत और समर्पण का परिणाम है, जो भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और बेहतर कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए लगातार काम कर रही है।

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