रांची : झारखंड पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अनुराग गुप्ता ने शुक्रवार को पुलिस मुख्यालय में आयोजित समीक्षा बैठक में स्पष्ट निर्देश दिए कि नक्सलियों और आपराधिक संगठनों द्वारा दी गई धमकियों पर ध्यान न देने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। बैठक में जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी), पुलिस अधीक्षक (एसपी), रेंज डीआईजी और जोनल आईजी मौजूद थे।
डीजीपी ने कहा कि नक्सलियों, उग्रवादियों और आपराधिक गुटों के द्वारा धमकियां मिलने के बावजूद प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज नहीं करने वाले अधिकारियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
पूर्व घटनाओं की समीक्षा और रिपोर्ट देने के निर्देश
समीक्षा बैठक के दौरान डीजीपी ने जिलों के एसपी को निर्देश दिया कि वे अपने क्षेत्रों में नक्सलियों द्वारा की गई घटनाओं की समीक्षा करें। उन्होंने कहा:
- पूर्व में घटित घटनाओं का विश्लेषण: धमकी मिलने के बावजूद दर्ज न किए गए मामलों की पहचान कर पुलिस मुख्यालय को रिपोर्ट दें।
- आगजनी और तोड़फोड़ के मामलों की जांच: सभी एसपी को निर्देश दिया गया कि वे आगजनी और तोड़फोड़ से संबंधित दर्ज मामलों की समीक्षा करें और सुनिश्चित करें कि अनुसंधान प्रक्रिया में थाना प्रभारी या इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी शामिल हों।
थाना प्रभारियों पर होगी जवाबदेही तय
डीजीपी ने स्पष्ट किया कि भविष्य में नक्सलियों या उग्रवादी गुटों द्वारा की गई किसी भी घटना की जांच थाना प्रभारी स्तर के अधिकारी द्वारा की जानी चाहिए। यदि इसका पालन नहीं होता है, तो संबंधित थाना प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा:
- अनुसंधान का नेतृत्व: सभी महत्वपूर्ण मामलों का अनुसंधान केवल थाना प्रभारी या इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी करेंगे।
- एसपी की जिम्मेदारी: संबंधित थाना प्रभारी द्वारा लापरवाही बरतने पर संबंधित एसपी पर भी जवाबदेही तय की जाएगी।
धमकी से संबंधित प्राथमिकी दर्ज करना अनिवार्य
डीजीपी ने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि धमकी से संबंधित किसी भी घटना की शिकायत पर तुरंत प्राथमिकी दर्ज की जाए। उन्होंने कहा कि इस तरह की लापरवाही से न केवल कानून व्यवस्था प्रभावित होती है, बल्कि पीड़ितों का विश्वास भी कमजोर होता है।
नक्सली घटनाओं की रोकथाम पर जोर
झारखंड के कुछ जिलों में हालिया नक्सली गतिविधियों जैसे आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाओं को लेकर पुलिस मुख्यालय ने कड़े कदम उठाने की बात कही है। सभी जिलों के पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वे नक्सली घटनाओं की रोकथाम के लिए प्रभावी रणनीतियां बनाएं और उन पर तत्काल अमल करें।
झारखंड में बढ़ रही नक्सली गतिविधियां
हाल के महीनों में झारखंड के कई जिलों में नक्सली गतिविधियों में इजाफा देखा गया है। आगजनी, धमकियों और अन्य आपराधिक घटनाओं ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं। डीजीपी के इन नए निर्देशों से उम्मीद है कि नक्सलियों की गतिविधियों पर लगाम लगाई जा सकेगी।
पुलिस को सतर्कता बरतने के निर्देश
डीजीपी ने अंत में कहा कि जिले के सभी पुलिस अधिकारी नक्सलियों से जुड़े मामलों में पूरी सतर्कता बरतें और किसी भी घटना पर त्वरित कार्रवाई करें। यह सुनिश्चित करें कि झारखंड में कानून व्यवस्था मजबूत बनी रहे।
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