नई दिल्ली/जमशेदपुर : सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड सरकार द्वारा दायर एक अपील को खारिज करते हुए राज्य पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। अदालत ने निर्देश दिया कि यह राशि अपील दाखिल करने वाले संबंधित अधिकारी से वसूली जाए। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बी.आर. गवई और जस्टिस के.वी. विश्वनाथन की बेंच ने यह फैसला सुनाया। आदेश के अनुसार, जुर्माने की आधी राशि सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड एसोसिएशन और शेष सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन वेलफेयर फंड में जमा की जाएगी।
मामला रिटायरमेंट बेनिफिट विवाद का
यह मामला रविंद्र गोप से संबंधित है, जिन्होंने अपने रिटायरमेंट बेनिफिट की मांग को लेकर झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। हाईकोर्ट की एकल पीठ ने पिछले वर्ष राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि रविंद्र गोप को उनके रिटायरमेंट लाभ दिए जाएं। इस आदेश के खिलाफ राज्य सरकार ने डबल बेंच में अपील की, लेकिन जस्टिस एस. चंद्रशेखर और जस्टिस अनुभा रावत चौधरी की बेंच ने राज्य सरकार की अपील को खारिज कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट की फटकार
राज्य सरकार ने फिर सुप्रीम कोर्ट में अपील की, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने इस तरह के मामलों में बेवजह अपील दाखिल करने पर नाराजगी जाहिर की। अदालत ने कहा कि इस प्रकार की अपीलें सिर्फ अदालत का समय बर्बाद करती हैं, जबकि निचली अदालतों ने पहले ही सही फैसला दे दिया है। अदालत ने स्पष्ट किया कि अपील दाखिल करने का कोई ठोस आधार नहीं था और इस मामले में कोई नई बात सामने नहीं आई है।
अधिकारी से जुर्माना वसूलने का आदेश
अदालत ने यह भी आदेश दिया कि जुर्माने की राशि उस अधिकारी से वसूली जाए जिसने इस अपील को दाखिल किया था। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के अधिकारियों को चेताया कि इस तरह के मामलों में बेवजह अदालत का समय बर्बाद न किया जाए।