नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की याचिका को खारिज कर दिया। इस याचिका में उन्होंने अपनी दोषसिद्धि पर अस्थायी रोक की मांग की थी ताकि वह आगामी विधानसभा चुनावों में भाग ले सकें। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने शुक्रवार को इस मामले में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया, जिससे दिल्ली उच्च न्यायालय के 18 अक्टूबर के उस फैसले को समर्थन मिला जिसमें कोड़ा की दोषसिद्धि पर रोक लगाने से मना किया गया था।
2017 में कोयला घोटाले में दोषी पाए गए थे कोड़ा
मधु कोड़ा की दोषसिद्धि 2017 में हुई थी जब उन्हें कोयला घोटाला मामले में दोषी पाया गया था। यह मामला झारखंड के राजहरा नॉर्थ कोल ब्लॉक का था, जिसे कथित भ्रष्टाचार और आपराधिक षड्यंत्र के तहत कोलकाता स्थित विनी आयरन एंड स्टील उद्योग लिमिटेड (VISUL) को आवंटित किया गया था। इस आरोप में कोड़ा, तत्कालीन कोयला सचिव एच सी गुप्ता, झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव ए के बसु और कोड़ा के करीबी सहयोगी विजय जोशी को दोषी ठहराते हुए तीन साल की जेल की सजा दी गई थी।
शुरू हो चुकी है झारखंड में चुनावी प्रक्रिया
झारखंड विधानसभा के लिए दो चरणों में चुनाव होने हैं। इसकी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। पहला चरण 13 नवंबर को और दूसरा 20 नवंबर को होगा, जबकि मतगणना 23 नवंबर को की जाएगी। कोड़ा ने इन चुनावों में भाग लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट से अपनी सजा पर अस्थायी रोक की मांग की थी, लेकिन अदालत ने दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया।
संप्रग सरकार के कार्यकाल में हुआ था कोयला घोटाला
संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के कार्यकाल के दौरान हुए इस कोयला घोटाले में VISUL को राजहरा नॉर्थ कोल ब्लॉक आवंटित करने में कोड़ा समेत अन्य अधिकारियों पर रिश्वतखोरी और षड्यंत्र का आरोप लगा था। मामले में निचली अदालत ने 13 दिसंबर 2017 को मधु कोड़ा पर 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया, वहीं VISUL पर 50 लाख रुपये, गुप्ता पर एक लाख रुपये और बसु पर भी एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था। हालांकि, दोषियों को उनकी अपील लंबित रहने के दौरान जमानत पर रिहा कर दिया गया था।
Read Also- Jharkhand Assembly Election: चुनाव थीम पर रील बनाएं और जीतें एक लाख तक का इनाम