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MFN : स्विट्जरलैंड ने भारत से MFN दर्जा वापस लिया, भारतीय कंपनियों को बड़ा झटका

by Rakesh Pandey
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बिजनेस डेस्क : स्विट्जरलैंड ने भारत के लिए एक बड़ी आर्थिक नीतिगत बदलाव की घोषणा की है, जिससे भारत की कंपनियों को नुकसान होने की संभावना है। स्विट्जरलैंड ने 13 दिसंबर को यह घोषणा की कि वह भारत को ‘मोस्ट फेवर्ड नेशन’ (MFN) का दर्जा वापस ले रहा है। इसका असर 1 जनवरी 2025 से भारतीय कंपनियों पर पड़ेगा, जिन्हें अब ज्यादा टैक्स चुकाना होगा। इस फैसले ने भारतीय व्यापारिक जगत में हलचल मचा दी है, क्योंकि स्विट्जरलैंड में काम करने वाली भारतीय कंपनियों को अब डबल टैक्स अवॉइडेंस एग्रीमेंट (DTAA) से मिलने वाली राहत खत्म हो जाएगी।

स्विट्जरलैंड का MFN दर्जा वापस लेने का कारण

स्विट्जरलैंड का यह कदम भारतीय सुप्रीम कोर्ट के 2023 में आए एक फैसले के बाद उठाया गया है। इस फैसले में दिल्ली हाईकोर्ट का आदेश पलट दिया गया था। दिल्ली हाईकोर्ट ने 2021 में यह फैसला दिया था कि जब तक MFN खंड को आयकर अधिनियम के तहत नोटिफाई नहीं किया जाता, तब तक वह लागू नहीं हो सकता। इसके बाद स्विस सरकार ने यह निर्णय लिया कि भारत से MFN का दर्जा वापस लिया जाए।

स्विट्जरलैंड के वित्त विभाग ने बयान में कहा कि स्विट्जरलैंड भारत के साथ टैक्स समझौते के MFN खंड को निलंबित कर रहा है, क्योंकि भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने इस खंड की प्रैक्टिकल उपयोगिता को रद्द कर दिया था।
इससे भारत के लिए स्विट्जरलैंड में अपने डिविडेंड पर 10 प्रतिशत टैक्स चुकाना अनिवार्य हो जाएगा, जबकि जो स्विस टैक्स नागरिक विदेशी टैक्स क्रेडिट का दावा करते हैं, उनके लिए भी यही टैक्स दर लागू होगी।

न्यायिक फैसले ने बदला मामला

इस मामले की शुरुआत नेस्ले से जुड़ी एक कानूनी लड़ाई से हुई थी। 2021 में दिल्ली हाईकोर्ट ने नेस्ले मामले में डबल टैक्स अवॉइडेंस एग्रीमेंट के MFN खंड को लागू रखते हुए टैक्स लागू किया था। हालांकि, भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने 19 अक्टूबर 2023 को इस फैसले को पलटते हुए कहा कि MFN खंड की प्रभावशीलता तब तक नहीं हो सकती जब तक आयकर अधिनियम के तहत इसे नोटिफाई न किया जाए। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले ने स्विट्जरलैंड को अपना कदम उठाने के लिए मजबूर किया।

भारतीय कंपनियों पर असर

स्विट्जरलैंड द्वारा MFN दर्जा वापस लिए जाने के बाद, भारतीय कंपनियों को 1 जनवरी 2025 से अधिक टैक्स चुकाना पड़ेगा। जो कंपनियां स्विट्जरलैंड में डिविडेंड प्राप्त करेंगी, उन पर अब 10 प्रतिशत टैक्स लगाएगा। इसके अलावा, स्विस टैक्स नागरिकों के लिए भी जो विदेशी टैक्स क्रेडिट का दावा करते हैं, उनका टैक्स दर भी बढ़ जाएगा।

इस फैसले के बाद, भारतीय कंपनियों की टैक्स देनदारी में वृद्धि हो सकती है। खासकर जो कंपनियां स्विट्जरलैंड में अपने कारोबार कर रही हैं या स्विट्जरलैंड से लाभ अर्जित कर रही हैं, उन्हें इस बदलाव का भारी असर पड़ेगा। नांगिया एंडरसन के एमएंडए टैक्स पार्टनर संदीप झुनझुनवाला ने कहा कि स्विट्जरलैंड का यह कदम द्विपक्षीय टैक्स संधि में महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाता है, जो अंतरराष्ट्रीय टैक्‍स समझौतों की जटिलताओं को उजागर करता है।

MFN का महत्व

MFN (Most Favored Nation) एक वैश्विक व्यापारिक दर्जा है, जो किसी भी देश को अन्य देशों के मुकाबले समान व्यापारिक अवसर प्रदान करने की गारंटी देता है। अगर कोई देश एक दूसरे देश को MFN दर्जा प्रदान करता है, तो उसका मतलब है कि वह देश बिना किसी भेदभाव के अन्य देश के साथ व्यापारिक गतिविधियां कर सकता है। यह दर्जा विश्व व्यापार संगठन (WTO) के सदस्य देशों द्वारा दिया जाता है और यह व्यापार के रास्ते को खोलता है।

क्या है DTAA और MFN का कनेक्शन?

भारत और स्विट्जरलैंड के बीच डबल टैक्स अवॉइडेंस एग्रीमेंट (DTAA) एक समझौता है, जो दोनों देशों के बीच टैक्स के दायरे में दोहराव को रोकता है। MFN खंड का आवेदन इस समझौते के तहत किया जाता है, जो दोनों देशों के लिए व्यापारिक लाभ सुनिश्चित करता है। स्विट्जरलैंड ने भारत को MFN दर्जा दिया था, ताकि भारत की कंपनियों को टैक्स में राहत मिल सके। अब, जब स्विट्जरलैंड ने यह दर्जा वापस ले लिया है, तो यह राहत समाप्त हो जाएगी, और भारतीय कंपनियों को अधिक टैक्स चुकाना पड़ेगा।

आगे क्या होगा

स्विट्जरलैंड के इस फैसले के बाद, भारतीय कंपनियों को अंतरराष्ट्रीय टैक्स नियमों को फिर से समझने और उन्हें लागू करने की आवश्यकता होगी। इसके अलावा, भारतीय सरकार के लिए भी यह चुनौती हो सकती है कि वह इस बदलाव को अपनी टैक्स नीति के साथ कैसे समायोजित करती है।

स्विट्जरलैंड के MFN दर्जा वापस लेने से, भारतीय कंपनियों के लिए अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक माहौल में कुछ बदलाव आ सकते हैं, जो उनके वित्तीय लक्ष्यों को प्रभावित कर सकते हैं। अब यह देखना होगा कि भारत इस स्थिति का मुकाबला कैसे करता है और क्या कोई नया द्विपक्षीय समझौता स्थापित किया जाएगा।

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