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Tahawwur Rana Extradition :  26/11 मुंबई हमले के दोषी तहव्वुर राणा को झटका, अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट से भारत प्रत्यर्पण नहीं करने की अपील खारिज

राणा ने भारत प्रत्यर्पण न करने के पक्ष में अपनी यह दलील दी थी कि वह पाकिस्तानी मूल का नागरिक है और उसे भारतीय अधिकारियों द्वारा प्रताड़ित किया जा सकता है।

by Rakesh Pandey
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वॉशिंगटन: साल 2008 के मुंबई आतंकी हमले में अहम भूमिका निभाने वाले तहव्वुर राणा को एक बड़ा झटका तब लगा, जब अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने उसकी भारत प्रत्यर्पण से संबंधित अपील को खारिज कर दिया। राणा ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी कि उसे भारत न भेजा जाए, लेकिन अदालत ने उसकी अपील पर फैसला सुनाते हुए उसे नकार दिया।

भारत में जान के खतरा होने की जताई थी आशंका

अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एलेना कगान ने तहव्वुर राणा की वह अपील खारिज कर दी, जिसमें उसने भारत भेजे जाने पर रोक लगाने की मांग की थी। राणा ने अपनी अपील में कई कारणों का उल्लेख किया था, जिनमें उसने दावा किया था कि भारत में उसके साथ ट्रॉयल के दौरान हिंसा हो सकती है और उसकी जान को खतरा हो सकता है।

राणा ने भारत प्रत्यर्पण न करने के पक्ष में दी थी यह दलील

राणा ने भारत प्रत्यर्पण न करने के पक्ष में अपनी यह दलील दी थी कि वह पाकिस्तानी मूल का नागरिक है और उसे भारतीय अधिकारियों द्वारा प्रताड़ित किया जा सकता है। उसने यह भी तर्क दिया था कि उसकी मुस्लिम पहचान और पाकिस्तानी सेना में सेवा का रिकॉर्ड उसे भारत में शोषण और यातनाओं का शिकार बना सकता है, खासकर उस पर मुंबई हमले में शामिल होने का आरोप होने के कारण। राणा ने यह आशंका जताई थी कि भारत में उसे भारी प्रताड़ना का सामना करना पड़ेगा और उसकी जिंदगी खतरे में पड़ सकती है।

अपनी अपील में राणा ने भारत सरकार की धार्मिक भेदभावपूर्ण नीतियों का भी हवाला दिया। उसने कहा कि भारत में मुसलमानों पर अत्याचार हो रहे हैं और उसे उन कारणों से भी टॉर्चर का खतरा हो सकता है। इसके अलावा, राणा ने अपनी खराब सेहत का भी जिक्र किया और कहा कि उसे विभिन्न बीमारियां हैं, जिससे उसकी स्थिति और भी बिगड़ सकती है यदि उसे भारत भेजा गया। उसने यह भी दावा किया कि उसकी राष्ट्रीयता और जातीयता के कारण भारत में उसे बेवजह निशाना बनाया जा सकता है।

यह मामला 2023 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा किए गए एक महत्वपूर्ण बयान के बाद सामने आया था, जिसमें उन्होंने राणा के भारत प्रत्यर्पण की पुष्टि की थी। यह घोषणा भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ट्रंप के बीच द्विपक्षीय बैठक में की गई थी।

खुफिया एजेंसी आईएसआई से कथित संबंधों का आरोप

तहव्वुर राणा पाकिस्तानी-अमेरिकी नागरिक है और वह 26/11 के हमले के प्रमुख षड्यंत्रकारियों में से एक, डेविड कोलमैन हेडली का सहयोगी था। हेडली ने इस हमले की योजना बनाई थी और राणा ने इसमें सहायता प्रदान की थी। राणा पर लश्कर-ए-तैयबा और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से कथित संबंधों का आरोप है, जो इस हमले की साजिश में शामिल थे। अब, अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राणा के भारत प्रत्यर्पण का रास्ता साफ हो गया है। इससे यह उम्मीद जताई जा रही है कि उसे जल्द ही भारत लाया जाएगा, ताकि उसे 26/11 मुंबई हमले से जुड़े मामलों में न्याय का सामना करना पड़े।

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