Home » टाकू का आरोप ग्रेजुएट कॉलेज की प्रिंसिपल ने डॉ रश्मि को अपने विभाग में जाने से रोका

टाकू का आरोप ग्रेजुएट कॉलेज की प्रिंसिपल ने डॉ रश्मि को अपने विभाग में जाने से रोका

by Rakesh Pandey
ग्रेजुएट काॅलेज विवाद में दाे शिक्षक संघ आमने-सामने
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

जमशेदपुर: ग्रेजुएट कॉलेज में दो शिक्षिकाओं के बीच हुए मारपीट का मामला बढ़ता जा रहा है। टीचर्स एसोसिएशन ऑफ कोल्हान यूनिवर्सिटी (टाकू) ने अब इस मामले में कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ वीणा प्रियदर्शी को लपेट लिया है।

 

 टाकू की ओर से कहा गया है कि राजनीति विज्ञान विभाग की अध्यक्ष, डॉ0 रश्मि कुमारी पर ग्रेजुएट कॉलेज की ही राजनीति विज्ञान की नीड बेस्ड शिक्षिका पूजा सिन्हा द्वारा 22 सितंबर 2023 को कॉलेज के राजनीति विज्ञान विभाग में किये गए जानलेवा हमले के बाद मंगलवार को डॉ0 रश्मि अस्पताल से छूटने के बाद कॉलेज गयी की थीं।

 

कॉलेज जाने के बाद ग्रेजुएट कॉलेज की प्राचार्या डॉ0 विना प्रियदर्शी ने डॉ0 रश्मि को सुरक्षा का हवाला देते हुए राजनीति विज्ञान विभाग के चैम्बर में बैठने से मना किया और उन्हें कॉलेज के एग्जाम सेक्शन में बैठाया गया। जबकि पूजा सिन्हा अबाध रूप से कॉलेज के राजनीति विज्ञान विभाग के चैम्बर में बैठती रही और अपना दैनिक कार्य करती रही।

 

डॉ0 रश्मि को अपने विद्यार्थियों को क्लास लेने के लिए भी राजनीति विज्ञान के क्लास रूम के अलावा अलग क्लास रूम में कक्षा संचालित करने को कहा गया।

 

 इससे ज्यादा अपमान जनक बात और क्या हो सकती है कि एक कॉलेज की परमानेंट शिक्षिका और विभागाध्यक्ष को अपने ही चैम्बर और क्लास रूम से दूर रख कर प्राचार्या के द्वारा काम लिया जा रहा है।

 

यह अपमानजनक घटना: 

 

टाकू के महासचिव इंदल पासवान ने कहा कि एक सीनियर शिक्षक के ऊपर उसके ही विभाग के एक जूनियर और नीड बेस्ड शिक्षक द्वारा क्रूर हिंसा अपने आप में उस शिक्षक के लिए और पूरे शिक्षक समुदाय के लिए शर्मनाक घटना है और ऊपर से 03.10.23 को डॉ0 रश्मि कुमारी साथ प्राचार्या का व्यवहार और भी अपमानजनक है।

 

टाकू प्राचार्या के इस अपमानजनक और अन्यायपूर्ण व्यवहार का घोर निंदा करती है। ग्रेजुएट कॉलेज की प्राचार्या के इस अन्यायपूर्ण  व्यवहार को शिक्षक संघ कोल्हान विश्विद्यालय प्रशासन को भी अवगत कराएगा। यदि कॉलेज और विश्विद्यालय प्रशासन में जल्द ही कोई न्यायपूर्ण निर्णय नही लिया तो टाकू कठोर कदम उठाने के लिए बाध्य होगा।

 

कॉलेज ने टाकू पर जातिवादी होने का लगाया आरोप: 

वहीं इस पूरे मामले में टाकू की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। कॉलेज प्रशासन का कहना है कि इस मामले में टाकू जातिवादी सोच के साथ काम कर रहा है। यहीं नहीं टाकू पर सवर्णों व ओबीसी शिक्षकों के साथ भेदभाव करने का भी आरोप लगाया है। कॉलेज प्रशासन का कहना है कि वह इस पूरे मामले को सुलझाने में लगा है लेकिन टाकू के कुछ सदस्य इसे जातिवादी रंग देने में लगे हैं। नई कमेटी जबसे बनी हैं वह पूरी तरह से कुछ जाति विशेष के लिए काम कर रही है।

Related Articles