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‘टैरिफ बम’ का काउंटडाउन शुरू: अमेरिका को ‘लूट’ से बचाने का ट्रंप का बड़ा कदम

by Neha Verma
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वाशिंगटन डीसी: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर आक्रामक व्यापार नीति अपनाते हुए नए टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया है। ट्रंप का कहना है कि अमेरिका अब दुनिया की गुल्लक नहीं रहेगा और उनकी नीतियां देश को आर्थिक मजबूती की ओर ले जाएंगी। मंगलवार को व्हाइट हाउस ने स्पष्ट किया कि ये नए टैरिफ राष्ट्रपति ट्रंप की घोषणा के तुरंत बाद लागू हो जाएंगे।

अमेरिकी उद्योगों की रक्षा या वैश्विक व्यापार पर असर?

ट्रंप प्रशासन का दावा है कि ये टैरिफ उन ‘अनुचित व्यापार नीतियों’ को चुनौती देंगे, जिनसे अमेरिकी श्रमिकों और उद्योगों को नुकसान हुआ है। राष्ट्रपति का मानना है कि दशकों से अमेरिका वैश्विक व्यापार में घाटा झेल रहा है और अब समय आ गया है कि देश को “स्वर्ण युग” की ओर ले जाया जाए।

हालांकि, विशेषज्ञों की राय इस पर बंटी हुई है। कुछ अर्थशास्त्रियों का मानना है कि इन टैरिफ से अमेरिकी उद्योगों को अस्थायी राहत मिलेगी, लेकिन लंबे समय में इससे वैश्विक व्यापार युद्ध की स्थिति पैदा हो सकती है। कई व्यापारिक साझेदार देश भी जवाबी टैरिफ लगाने पर विचार कर सकते हैं, जिससे अमेरिका की कंपनियों और उपभोक्ताओं को नुकसान हो सकता है।

वैश्विक बाज़ार और अमेरिकी राजनीति पर प्रभाव

इन नए टैरिफ का असर सिर्फ अर्थव्यवस्था तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसका प्रभाव अमेरिकी राजनीति पर भी पड़ सकता है। 2024 के चुनावों को देखते हुए ट्रंप की यह नीति उनके समर्थकों के बीच लोकप्रिय हो सकती है, खासकर उन राज्यों में जहां औद्योगिक नौकरियां प्रभावित हुई हैं। लेकिन दूसरी ओर, व्यापारिक प्रतिबंधों से अमेरिकी उपभोक्ताओं को महंगाई का सामना करना पड़ सकता है।

अगला कदम क्या होगा?

अमेरिकी सरकार के इस कदम पर चीन, यूरोपीय संघ और अन्य व्यापारिक साझेदारों की प्रतिक्रिया का इंतजार किया जा रहा है। यदि वे भी जवाबी टैरिफ लगाते हैं, तो यह एक वैश्विक व्यापार युद्ध की ओर ले जा सकता है।

ट्रंप प्रशासन की इस नई व्यापार नीति पर आपकी क्या राय है? क्या यह अमेरिका की अर्थव्यवस्था के लिए फायदेमंद होगी, या इससे वैश्विक व्यापार संतुलन प्रभावित होगा?

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