जमशेदपुर : झारखंड के जमशेदपुर में गोलमुरी में टाटा स्टील (Tata Steel), सीएसआईआर-एनएमएल (CSIR-NML) और एनआईटी जमशेदपुर (NIT Jamshedpur) के सहयोग से आईआईएम जमशेदपुर चैप्टर (IIM Jamshedpur Cheptar) की ओर से आयोजित दो दिवसीय i3C-2025 अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन गुरुवार को आरंभ हुआ। इसमें भारत और विदेशों में स्थित 34 प्रमुख संस्थानों के 100 से अधिक प्रतिनिधि एवं वक्ता शिरकत कर रहे हैं। सम्मेलन का उद्देश्य संक्षारण और कोटिंग्स (Corrosion and Coatings) की नई तकनीकों (New technology) पर चर्चा और इस क्षेत्र में प्रगति को साझा करना है।
सम्मेलन का विधिवत उद्घाटन
सम्मेलन का उद्घाटन सीएसआईआर-एनएमएल के निदेशक डॉ. संदीप घोष चौधरी, एनटीपीसी के कार्यकारी निदेशक एके मनोहर, और आईआईएम जमशेदपुर चैप्टर के अध्यक्ष डॉ. अशोक कुमार ने किया। उनके साथ i3C-2025 के अध्यक्ष डॉ. रघुवीर सिंह, संयोजक डॉ. तपन कुमार राउत और सुधांशु पाठक समेत अन्य गणमान्य लोग शामिल थे। उद्घाटन सत्र के दौरान डॉ. रघुवीर सिंह ने स्वागत भाषण करते हुए सम्मेलन के महत्व पर प्रकाश डाला।
संक्षारण पर विशेष ध्यान
सम्मेलन में सीएसआईआर-एनएमएल के निदेशक डॉ. संदीप घोष चौधरी ने संक्षारण को एक “मूक दुश्मन” बताया, जिसकी वजह से हर साल सकल घरेलू उत्पाद का 2-3% नुकसान होता है। उन्होंने सभी वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और प्रौद्योगिकीविदों से इस समस्या से निपटने के लिए एकजुट होकर काम करने का आह्वान किया। एनटीपीसी के एके मनोहर ने बताया कि संक्षारण विद्युत संयंत्रों की संरचना को नष्ट कर रहा है और इसके समाधान के लिए सुरक्षात्मक कोटिंग्स की आवश्यकता है।
नई तकनीकों पर चर्चा
इस सम्मेलन में चार मुख्य व्याख्यान, 15 प्रमुख व्याख्यान, और 40 सहायक व्याख्यान शामिल हैं। इसके साथ ही 15 पोस्टर प्रदर्शनी और तकनीकी स्टॉल्स भी लगाए गए हैं, जिनका प्रतिनिधियों अवलोकन कर नई तकनीकों पर विचार-विमर्श किया। डॉ. अशोक कुमार ने आईआईएम के योगदान और इसके पूरे साल के कार्यक्रमों की जानकारी दी। उन्होंने आईआईएम जमशेदपुर की भूमिका को संक्षारण और कोटिंग्स के क्षेत्र में अहम बताया।
देश-विदेश से आये प्रतिनिधियों की भागीदारी
सम्मेलन में आईआईटी खड़गपुर, आईआईटी कानपुर, आईएससी बैंगलोर, आरएमआईटी विश्वविद्यालय ऑस्ट्रेलिया, और कॉमसोल-स्विट्जरलैंड जैसे 34 प्रतिष्ठित संस्थानों से 100 से अधिक विशेषज्ञों और प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। इस दौरान, हाइब्रिड मोड में अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने अपने विचार साझा किए। इस सम्मेलन में प्रमुख प्रायोजकों में टाटा स्टील, इलेक्ट्रोथर्म, हेन्केल, कॉमसोल, और निप्पॉन पार्कराइजिंग जैसे नाम शामिल थे।
सम्मेलन का उद्देश्य और भविष्य
आयोजकों ने बताया कि इस सम्मेलन का प्रमुख उद्देश्य तेल और गैस, रसायन, परमाणु संयंत्रों, और निर्माण उद्योगों में कोटिंग्स और संक्षारण नियंत्रण से जुड़ी नई प्रगति पर चर्चा करना है। यह सभी शोधकर्ताओं, इंजीनियरों और उद्योग विशेषज्ञों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है, जहां संक्षारण और कोटिंग्स से संबंधित चुनौतियों और समाधानों पर विस्तृत रूप से चर्चा की जा रही है। साथ ही इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण तकनीकी शोध और नवीनतम समाधानों को साझा करने का अवसर मिला है।
क्या है संक्षारण
संक्षारण (Corrosion) आम तौर पर धातुओं की एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जिसकी वजह से धातु और उसके पर्यावरण के बीच एक स्वतःस्फूर्त प्रतिक्रिया होती है। इसका परिणाम यह होता है कि उस धातु का धीरे-धीरे क्षरण होता चला जाता है। इसका एक उदाहरण लोहे पर जंग लगना है, जो धीरे-धीरे उसे कमजोर और अंततः नष्ट भी कर देता है।