पटना : बिहार का शिक्षा विभाग कुछ महीनों से लगातार चर्चा में बना हुआ है। हाल ही में लागू हुए डोमिसाइल नीति को लेकर बिहारमें हड़कंप मच गया था। छात्रों ने प्रदर्शन किया था।
अपर मुख्य सचिव केके पाठक के लगातार शिक्षकों के साथ कड़े अंदाज में पेश आने से नाराजगी बढ़ रही है। शिक्षा विभाग की ओर से बिहार में स्कूलों की छुट्टियों की लिस्ट जारी की गई है। छुट्टियों में कटौती की वजह से शिक्षक संगठनों में भारी आक्रोश है।
बिहार सरकार से क्यों नाराज चल रहे हैं शिक्षक?
शिक्षा विभाग में हो रहे नये.बदलावों को लेकर शिक्षक संघ लगातार बिहार सरकार से नाराजगी जाहिर कर रहा है। वहीं, स्कूलों में पर्वों की छुट्टी रद्द होने से शिक्षक अपने-अपने तरीके से नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। पटना में सरकारी स्कूलों के शिक्षकों ने छुट्टी रद्द करने के शिक्षा विभाग के आदेश की प्रति को जलाकर अपना विरोध जताया। कई लोग टीचर्स डे के मौके पर प्रदर्शन करने की भी बात कर रहे हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मौके पर अपनी सफाई भी दी। उन्होंने कहा है कि सब लोग अपने बच्चों को पढ़ना चाहते हैं और ज्यादा से ज्यादा स्कूल खुले रहेंगे, तो बच्चे पढ़ पाएंगे, जो अधिकारी विभाग को समझता है, वह अपना काम सही तरीके से कर रहा है।
शिक्षक भर्ती प्रकिया को लेकर भारी नाराजगी
बीपीएससी शिक्षक भर्ती को लेकर बिहार सरकार के निर्देश के बाद पूरे राज्य के शिक्षक अभ्यर्थियों में आक्रोश देखने को मिला था। लोगों का यह भी कहना है कि शिक्षक भर्ती के लिए कई बार परीक्षाएं रद्द कर दी जाती हैं। फिर नए सिरे से परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं। जिससे उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
विपक्ष नीतीश सरकार पर मनमानी का लगा रहा है आरोप
बिहार में बदलते शिक्षा नीतियों को लेकर विपक्ष को ओर से भी आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। विपक्षी दलों ने भी नीतीश सरकार पर शिक्षा विभाग में मनमानी करने का आरोप लगाया है। विपक्षी दलों के अनुसार बिहार सरकार शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रही है। इसके साथ ही विपक्ष ने बिहार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के रवैए की भी निंदा की है। वहीं, दूसरी ओर जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन के इस्तीफे के बाद उनकी जगह मंत्री बनाए गए रत्नेश सदा ने केके पाठक को सामंत बताया है। उन्होंने कहा है केके पाठक दलित विरोधी हैं और शिक्षा विभाग में सामंती विचारधारा लागू करने की तैयारी कर रहे हैं। दरअसल, हाल ही में शिक्षा विभाग में छुट्टियों में कटौती की गई थी, जिसके बाद कुछ दलों ने केके पाठक को विभाग से हटाने की भी मांग की है।
केके पाठक के कड़क अंदाज के कारण शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर भी हुए थे खफा
बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर भी केके पाठक के रवैए से खुश नहीं हैं। हाल ही में मंत्री चंद्रशेखर के आप्त सचिव की ओर से एसीएस केके पाठक एवं अन्य अधिकारियों को पीत पत्र भेजा गया था, जिसमें कहा गया था कि उनकी कार्यशैली सही नहीं है। शिक्षा विभाग पिछले कुछ समय से नकारात्मक खबरों को लेकर चर्चा में है। इसलिए बताया ये जा रहा है कि मंत्री चंद्रशेखर एसीएस केके पाठक की कार्यशैली से नाराज हैं। शिक्षा विभाग का कार्यभार संभालने के बाद उन्होंने बीते एक महीने में ऐसे कई बदलाव किए, जिससे कर्मचारियों में खलबली मच गई है।
केके पाठक के शिक्षा विभाग में तैनाती के बाद शिक्षक हैं नाराज
बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने जबसे शिक्षा विभाग की कमान संभाली है, तबसे शिक्षकों की ओर से नाराजगी जताई जा रही है। कभी विभाग के कर्मचारियों को भेष-भूषा सुधारने का आदेश दिया जाता है, तो कभी राज्य के शिक्षकों को समय पर विद्यालय आने का आदेश दिया जाता है। केके पाठक के इस रवैए से बिहार के शिक्षक नाराज हैं। स्कूलों में छुट्टियों की कटौती में रक्षाबंधन की छुट्टी भी रद्द कर दी गई थी।
इस मामले पर खगड़िया के मथुरापुर वार्ड स्थित मध्य विद्यालय के नगर शिक्षक सुनील कुमार ने केके पाठक पर जमकर भड़ास निकाली थी। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। वीडियो में सुनील कुमार स्कूल में ही बहन से राखी बंधवा रहे थे और केके पाठक को कोसते हुए नजर आ रहे थे। इसके बाद शिक्षा विभाग के DPO की अनुशंसा पर शिक्षक सुनील कुमार को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया। इस कार्रवाई की बिहार शिक्षक संघ ने कड़ी निंदा की है।