नई दिल्ली: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (MCG) पर खेले जा रहे बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 के चौथे टेस्ट मैच में भारत को 184 रनों से हार का सामना करना पड़ा। इस हार के साथ भारत अब सीरीज में 1-2 से पिछड़ गया है। भारत को जीत के लिए 340 रनों का लक्ष्य मिला था, लेकिन पूरी टीम केवल 155 रनों पर सिमट गई। इस मैच में यशस्वी जायसवाल की 84 रनों की संघर्षपूर्ण पारी को अंपायर के खराब फैसले ने बाधित किया, जिससे भारतीय टीम की हार को और भी कड़ा झटका लगा।
ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी: बुमराह का शानदार प्रदर्शन
ऑस्ट्रेलिया ने अपनी दूसरी पारी में 234 रन बनाए, जिससे भारत को जीत के लिए 340 रनों का लक्ष्य मिला। इस दौरान जसप्रीत बुमराह ने शानदार गेंदबाजी करते हुए 5 विकेट झटके। उन्होंने सैम कोंस्टास, ट्रेविस हेड, मिचेल मार्श, एलेक्स कैरी और नाथन लायन को आउट किया। बुमराह ने टेस्ट क्रिकेट में अपने 200 विकेट भी पूरे किए, जो एक महत्वपूर्ण उपलब्धि रही।
भारत की बल्लेबाजी: बड़े नामों का फ्लॉप शो
भारत ने ऑस्ट्रेलिया द्वारा दिए गए लक्ष्य का पीछा करते हुए शुरुआत में ही विकेट खो दिए। रोहित शर्मा, केएल राहुल और विराट कोहली जैसे प्रमुख बल्लेबाजों का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। रोहित शर्मा और केएल राहुल को पैट कमिंस ने आउट किया, जबकि विराट कोहली को मिचेल स्टार्क ने आउट किया। इन प्रमुख बल्लेबाजों के जल्दी आउट होने से भारत दबाव में आ गया। यशस्वी जायसवाल और ऋषभ पंत ने मिलकर पारी को संभालने की कोशिश की, लेकिन पंत जल्द ही आउट हो गए।
यशस्वी ने अपनी शानदार पारी जारी रखी और लगातार दूसरे टेस्ट में 50 से अधिक रन बनाये। हालांकि, वह अंपायरिंग के विवाद का शिकार हो गए जब तीसरे अंपायर ने उनका विकेट नकारा। यशस्वी की 84 रनों की पारी के बाद भारत का मध्यक्रम पूरी तरह से ढह गया। जडेजा, नीतीश कुमार रेड्डी, आकाश दीप, बुमराह और सिराज ने रन बनाने में कोई खास योगदान नहीं दिया, और भारतीय पारी जल्द ही 155 रनों पर सिमट गई।
भारत की पहली पारी: नीतीश कुमार रेड्डी का शतक
भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 369 रन बनाए, जिसमें नीतीश कुमार रेड्डी का शतक (114 रन) प्रमुख था। हालांकि, भारत के बाकी बल्लेबाजों का प्रदर्शन मिश्रित रहा। ऑस्ट्रेलिया ने अपनी पहली पारी में 474 रन बनाये, जिससे उसे 105 रनों की बढ़त मिली।
ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी: संकट के बावजूद मजबूत साझेदारियां
ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी में भारत ने शुरू में तेजी से विकेट झटके, लेकिन मार्नस लाबुशेन और पैट कमिंस के बीच 57 रनों की साझेदारी ने ऑस्ट्रेलिया को मजबूत स्थिति में पहुंचाया। लाबुशेन ने 139 गेंदों में 70 रन बनाए, और कमिंस ने 41 रन की पारी खेली। इसके बाद भारत को कुछ सफलता मिली, लेकिन लायन और बोलैंड ने साझेदारी की और ऑस्ट्रेलिया की पारी को अंत तक खींच लिया।
हार का मुख्य कारण: खराब अंपायरिंग और बल्ले से विफलता
भारत की हार का मुख्य कारण उनके बल्लेबाजों का न चलना और खराब अंपायरिंग फैसले थे। यशस्वी जायसवाल की शानदार पारी को अंपायरिंग ने प्रभावित किया, जो भारतीय टीम के लिए निर्णायक क्षण साबित हुआ। इसके अलावा, भारत के अनुभवी बल्लेबाजों का प्रदर्शन निराशाजनक रहा, जिससे टीम को जीत के करीब पहुंचने का मौका नहीं मिला।
भारत की गेंदबाजी: बुमराह और सिराज का संघर्ष
हालांकि भारत के गेंदबाजों ने दूसरी पारी में अच्छा प्रदर्शन किया, खासकर बुमराह और सिराज ने ऑस्ट्रेलिया के टॉप ऑर्डर को परेशान किया। बुमराह ने 5 विकेट झटके और सिराज ने 3 विकेट लिए, लेकिन इस संघर्ष के बावजूद भारतीय बल्लेबाज ऑस्ट्रेलिया के लक्ष्य को हासिल करने में सफल नहीं हो पाए।
अंतिम टेस्ट का उत्साह
अब आखिरी टेस्ट 3 जनवरी से सिडनी में खेला जाएगा, और भारतीय टीम के पास सीरीज को बराबरी पर लाने का एक और मौका होगा। इस हार के बाद भारतीय टीम को अपनी बल्लेबाजी को और मजबूत करने की जरूरत है, साथ ही अंपायरिंग से संबंधित फैसलों पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है।