सेंट्रल डेस्क : भारत के एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा लड़ाकू विमान तेजस MK1A की डिलीवरी में हो रही देरी पर अपनी नाराजगी व्यक्त की है। एयर चीफ मार्शल ने एयरो इंडिया शो के दौरान तेजस विमान का निरीक्षण करते हुए एचएएल के अधिकारियों से सीधी बात की और उनकी तरफ से इस देरी के कारण उठ रही चिंताओं का समाधान खोजने की आवश्यकता जताई।
एयर चीफ मार्शल ने खुलकर कहा कि फिलहाल उन्हें एचएएल पर भरोसा नहीं है, जो कि एक गंभीर मुद्दा है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें अब तक इस मामले में कुछ भी ठोस समाधान नजर नहीं आ रहा है। अपने बयान में उन्होंने कहा कि एचएएल को इस समय मिशन मोड में काम करने की जरूरत है, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि वहां किसी प्रकार की गंभीरता नहीं है।
उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि जब वह फरवरी में एयरो इंडिया शो में आए थे, तो एचएएल ने वादा किया था कि उन्हें 11 तेजस MK1A विमान मिलेंगे, लेकिन अभी तक एक भी विमान तैयार नहीं हो सका। यह स्थिति वायुसेना के लिए चिंता का विषय बन गई है, क्योंकि समय पर लड़ाकू विमानों की डिलीवरी से भारत की सैन्य ताकत में मजबूती आती है और ऐसे में डिलीवरी में हो रही देरी वायुसेना के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है।
एयर चीफ मार्शल ने इस पर अपनी निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि अब तक एचएएल के अधिकारियों से केवल आश्वासन ही मिल रहे हैं, लेकिन कोई ठोस परिणाम सामने नहीं आया। उनके अनुसार, एचएएल को अपने कार्य में गंभीरता दिखाने की आवश्यकता है, ताकि भारतीय वायुसेना की जरूरतों को समय पर पूरा किया जा सके।
एचएएल का स्पष्टीकरण
एयर चीफ मार्शल की चिंता के बाद, एचएएल ने भी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। एचएएल के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक डीके सुनील ने बयान जारी कर कहा कि विमानों की डिलीवरी में देरी आलस्य या लापरवाही के कारण नहीं हुई है। उनका कहना था कि कुछ तकनीकी समस्याओं की वजह से यह देरी हुई थी, जिनका समाधान अब कर लिया गया है।
डीके सुनील ने एयर चीफ मार्शल की चिंता को वाजिब मानते हुए कहा कि इस पर कई स्तरों पर बैठकें आयोजित की गई हैं, और जल्द ही विमानों की डिलीवरी शुरू हो जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि एचएएल इस प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और जल्द ही स्थिति में सुधार होगा।
क्या है मामला
तेजस विमान भारतीय वायुसेना के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि यह स्वदेशी लड़ाकू विमान है जिसे भारतीय रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विकसित किया गया है। तेजस MK1A संस्करण को भारतीय वायुसेना की प्रमुख जरूरतों को ध्यान में रखते हुए और सुधारित तकनीकी विशेषताओं के साथ तैयार किया गया है। इस विमान की डिलीवरी से भारतीय वायुसेना की लड़ाकू क्षमता में काफी वृद्धि होनी है।
हालांकि, एचएएल से हो रही डिलीवरी में देरी ने भारतीय वायुसेना को संकट में डाल दिया है, क्योंकि समय पर विमान मिलने से सुरक्षा तैयारियों को और मजबूती मिलती। ऐसे में एयर चीफ मार्शल का गुस्सा समझा जा सकता है, क्योंकि एक मजबूत वायुसेना के लिए उच्च गुणवत्ता वाले और समय पर तैयार विमान की आवश्यकता होती है।