- बिहार की राजनीति में उथल-पुथल: तेजस्वी यादव ने इंडिया गठबंधन को लेकर दिया बड़ा बयान
पटना : बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने इंडिया गठबंधन को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यह गठबंधन सिर्फ लोकसभा चुनाव तक था और अब इसका कोई मतलब नहीं रह गया है। इस बयान के बाद से बिहार और देश की राजनीति में हलचल मच गई है, खासकर कांग्रेस के लिए।
इंडिया गठबंधन के भविष्य पर सवाल
तेजस्वी यादव का यह बयान कांग्रेस के लिए खासा मायने रखता है। कांग्रेस, जो पहले से ही बिहार में राजद के साथ गठबंधन में है, अब इस बयान के बाद यह सोचने पर मजबूर हो गई है कि आगे के चुनावों में उसका सहयोग किस रूप में रहेगा। तेजस्वी ने साफ तौर पर कहा कि इंडिया गठबंधन अब अतीत की बात हो चुका है और यह गठबंधन केवल 2024 के लोकसभा चुनाव तक था।
जब तेजस्वी से दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच बढ़ते विवाद पर सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि यह तकरार स्वाभाविक है क्योंकि इंडिया गठबंधन अब खत्म हो चुका है। इससे साफ है कि राजद अब कांग्रेस के साथ किसी और गठबंधन के लिए उत्साहित नहीं है।
बिहार विधानसभा चुनाव पर तेजस्वी का बयान
तेजस्वी यादव ने बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर भी अपनी राय दी। उन्होंने कहा कि फिलहाल पार्टी ने यह तय नहीं किया है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाग लिया जाएगा या नहीं। वहीं, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच इस चुनाव को लेकर तनाव बढ़ता जा रहा है। कांग्रेस और AAP के बीच झगड़ा राजद के लिए एक और चुनौती बन सकता है।
राजद और कांग्रेस के बीच खींचतान
बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजद और कांग्रेस के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर खींचतान जारी है। कांग्रेस ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है और जीत के बाद दो उपमुख्यमंत्री पद की मांग भी रखी है। यह संकेत देता है कि तेजस्वी यादव अब कांग्रेस के किसी दबाव में आने के लिए तैयार नहीं हैं।
तेजस्वी का कांग्रेस से गठबंधन पर बयान
तेजस्वी ने यह भी स्पष्ट किया कि बिहार में उनका कांग्रेस से गठबंधन पहले से है और यह गठबंधन अब भी जारी रहेगा। हालांकि, उनका यह बयान यह दर्शाता है कि राजद कांग्रेस से अलग होकर अपनी राह पर चलने का मन बना चुका है।
बिहार में राजनीति की नई दिशा
तेजस्वी यादव का यह बयान बिहार की राजनीति को नया मोड़ दे सकता है। कांग्रेस और राजद के रिश्ते में खटास बढ़ने के साथ-साथ यह देखना होगा कि आगे चलकर इन दोनों पार्टियों के बीच क्या समझौता होता है। तेजस्वी के इस बयान ने निश्चित रूप से बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर नए सवाल खड़े कर दिए।
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