रांची: राजधानी रांची के जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत लटमा गांव और आस-पास के इलाकों में एक उग्र सांड ने आतंक मचा रखा है। सोमवार की शाम को इस हिंसक सांड ने एक 65 वर्षीय बुजुर्ग दिलीप रजवार को हमला कर मौत के घाट उतार दिया। दिलीप रजवार एजी ऑफिस से रिटायर हो चुके थे और मंदिर से दर्शन कर घर लौट रहे थे, तभी सांड ने पीछे से जोरदार टक्कर मार दी, जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई।
एक सप्ताह में तीन लोगों की जान ले चुका है सांड
यह पहली घटना नहीं है — पिछले सात दिनों में यह सांड तीन लोगों की जान ले चुका है और कई को घायल कर चुका है। एक सप्ताह पहले तुंबागुटू निवासी फुचका विक्रेता सुखलाल और प्रेम नगर की सावना पर भी इसी सांड ने हमला किया था। इलाज के दौरान दोनों की मौत हो गई।
ग्रामीणों के अनुसार, सांड किन्नरों द्वारा पाले गए बछड़े से हुआ विकसित
स्थानीय ग्रामीणों ने जानकारी दी कि लटमा गांव में रहने वाले किन्नरों द्वारा पाली गई एक गाय का बछड़ा अब सांड बन चुका है और पूरे इलाके में भय का माहौल बना चुका है। इस सांड ने पिछले 6 महीनों में दर्जनों लोगों को घायल किया है और कई दुकानों को नुकसान पहुंचाया है।
घायल हुए लोगों की सूची
सांड के हमलों में अब तक कई लोग गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं, जिनमें शामिल हैं:
रामा रजवार
लुकास कच्छप
मुरली उरांव
शिबू सिंह
पिले उरांव
स्टीफन कच्छप
मंगरा कच्छप
इलाके में दहशत, महिलाएं और बच्चे घरों में कैद
स्थानीयों के मुताबिक, महिलाएं, बुजुर्ग और स्कूली बच्चों ने भय के कारण घर से बाहर निकलना बंद कर दिया है। दुकानदार अपने प्रतिष्ठान समय से पहले बंद कर रहे हैं और राहगीर बेहद सतर्कता के साथ चल रहे हैं।
प्रशासन से मदद की गुहार, कार्रवाई की मांग
ग्रामीणों ने पूर्व पार्षद सविता लिंडा और समाजसेवी लाल प्रमोद नाथ शाहदेव से मदद की मांग की है। सविता लिंडा ने नगर निगम अधिकारियों से सांड को पकड़कर सुरक्षित स्थान पर भेजने की मांग की है, जबकि लाल प्रमोद नाथ शाहदेव ने रांची गौशाला से अनुरोध किया है कि सांड को वहां आश्रय दिया जाए। “अगर जल्द से जल्द सांड को नहीं पकड़ा गया, तो और भी जानें जा सकती हैं। प्रशासन को अविलंब कार्रवाई करनी चाहिए।” — स्थानीय ग्रामीण
जनजीवन सामान्य करने की मांग
स्थानीय लोगों की मांग है कि नगर निगम, पुलिस प्रशासन और पशु कल्याण विभाग मिलकर इस संकट को दूर करने के लिए शीघ्र और ठोस कदम उठाएं, जिससे जनजीवन सामान्य हो सके और लोग फिर से सुरक्षित महसूस कर सकें।