पटना : एन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) ने राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को 19 मार्च को भूमि-के-लिए नौकरी के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए तलब किया है।
लालू समेत पूरा परिवार है नामित
76 वर्षीय लालू प्रसाद को पटना में केंद्रीय जांच एजेंसी के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया है। सूत्रों के अनुसार, इस मामले में उनके कुछ परिवार के सदस्य भी पूछताछ के लिए बुलाए गए हैं। उनके बयान धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत दर्ज किए जाएंगे। हालांकि, सूत्रों ने कहा कि लालू प्रसाद और उनके परिवार के सदस्यों के एजेंसी के समक्ष पेश होने की संभावना नहीं है।
पिछले साल, ED ने इस मामले में एक आरोप पत्र दाखिल किया था, जिसमें लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों के अलावा उनकी पत्नी राबड़ी देवी, उनकी बेटियां मीसा भारती और हेमा यादव को भी आरोपी ठहराया गया था, इसके साथ ही कुछ अन्य लोगों को भी नामित किया गया था।
पहले भी ईडी की ओर से लालू प्रसाद और उनके परिवार को पूछताछ के लिए बुलाया जा चुका है, लेकिन ईडी का कहना है कि अब कुछ नए सबूतों के आधार पर नए सिरे से पूछताछ की जाएगी।
क्या है लैंड फॉर जॉब स्कैम
लैंड फॉर जॉब स्कैम केस पश्चिम-मध्य रेलवे के जबलपुर जोन में साल 2004-2009 के बीच ग्रुप-डी पदों पर हुई नियुक्तियों से जुड़ा है। लालू प्रसाद पर आरोप है कि उनके रेल मंत्री रहने के दौरान उनके परिवार वालों और सहयोगियों के नाम पर लैंड ट्रांसफर की गई थी, जिसके बदले उन्हें रेलवे में नौकरी दी गई थी। इस मामले में 18 मई 2022 को लालू प्रसाद व उनके परिवार वालों के खिलाफ मामला दर्ज किया जा चुका है।
दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने लालू फैमिली समेत 14 आरोपियों को समन जारी किया है। CBI का कहना है कि पटना में लालू यादव के परिवार ने 1.05 लाख वर्ग फीट जमीन पर कथित तौर पर कब्जा कर रखा है। इन जमीनों का सौदा नकद में हुआ था। आरोप यह भी है कि लालू प्रसाद यादव ने रेल मंत्री रहते हुए जबलपुर के अलावा मुंबई, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर (बिहार) के रेलवे जोन में भी जमीन के बदले की लोगों को नौकरी दी थी।