Home » वित्त मंत्री ने बताया कि कैसे गूगल मैप, गूगल हिस्ट्री और इंस्टाग्राम ने 200 करोड़ की बेनामी संपत्ति का पता लगाया

वित्त मंत्री ने बताया कि कैसे गूगल मैप, गूगल हिस्ट्री और इंस्टाग्राम ने 200 करोड़ की बेनामी संपत्ति का पता लगाया

सीतारमण ने यह भी कहा कि टैक्स अधिकारियों को डिजिटल रिकॉर्ड्स तक पहुंच प्रदान करना टैक्स चोरी और वित्तीय धोखाधड़ी से निपटने के लिए जरूरी है।

by Reeta Rai Sagar
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सेंट्रल डेस्क: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद में नए आयकर बिल-2025 के प्रावधानों का बचाव करते हुए बताया कि किस तरह वाट्सएप संदेशों ने क्रिप्टो संपत्तियों से जुड़े 200 करोड़ रुपये के बेनामी धन का पर्दाफाश करने में मदद की। सीतारमण ने यह भी कहा कि टैक्स अधिकारियों को डिजिटल रिकॉर्ड्स तक पहुंच प्रदान करना टैक्स चोरी और वित्तीय धोखाधड़ी से निपटने के लिए जरूरी है। इस संदर्भ में वाट्सएप संदेशों और गूगल मैप्स के इतिहास के उदाहरण भी साझा किए, जिनकी मदद से बेनामी धन और गुप्त नकद ठिकानों का पता चला।

एन्क्रिप्टेड संदेशों के माध्यम से बेनामी धन की मिली जानकारी
वित्त मंत्री ने कहा, “मोबाइल फोन पर एन्क्रिप्टेड संदेशों के माध्यम से 250 करोड़ रुपये के बेनामी धन का पता चला। क्रिप्टो संपत्तियों से जुड़े वाट्सएप संदेशों से 200 करोड़ रुपये के बेनामी धन का पता चला।” उन्होंने यह भी बताया कि गूगल मैप हिस्ट्री की मदद से अक्सर देखे जाने वाले नकद ठिकानों का पता चला और इंस्टाग्राम खातों का विश्लेषण करके ‘बेनामी’ संपत्ति मालिकों का पता लगाया गया।

नया आयकर बिल क्या है?
आयकर बिल, 2025 को 13 फरवरी को लोकसभा में पेश किया गया था। यह बिल 1961 के आयकर अधिनियम को बदलने का प्रस्ताव है, जो अब तक साठ वर्षों से अधिक समय से प्रभाव में है। इसका उद्देश्य व्यक्तियों और व्यवसायों के लिए प्रत्यक्ष कर नियमों को आधुनिक बनाना और सरल बनाना है, ताकि यह आर्थिक वास्तविकताओं और सामाजिक परिवर्तनों के अनुरूप हो सके।

संचार माध्यमों से होगी नए बिल की पहुंच
वित्त मंत्री के अनुसार, नया बिल अधिकारियों को ईमेल, वाट्सएप, और टेलीग्राम जैसे संचार प्लेटफार्मों तक पहुंच प्रदान करेगा। यह उन्हें व्यापार सॉफ़्टवेयर और सर्वर तक भी पहुंच प्रदान करेगा, जिनका उपयोग वित्तीय लेन-देन छिपाने के लिए किया जाता है। इससे टैक्स एजेंसियों को नए तकनीकी उपकरणों के माध्यम से डेटा का ट्रैक रखने में मदद मिलेगी, जिससे वर्चुअल संपत्तियों जैसे क्रिप्टोकरेंसी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकेगा।

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