सेंट्रल डेस्क: Premanand Maharaj Ji Maharaj: कृष्ण-कृष्ण तो सभी जपते हैं, लेकिन जिसने भक्तों को राधारानी का नाम जपना सिखाया, वो है राधारानी के परम भक्त प्रेमानंद जी महाराज। उन की लोकप्रियता देश ही नहीं दुनिया के कई देशों में फैल चुकी है। अपने अनमोल वचनों से वो लोगों का दिल जीत लेते हैं। हालांकि प्रेमानंद जी की एक झलक पाने और उनके अनमोल वचन सुनने के लिए उतावले होनेवालों को थोड़ी निराशा हो सकती है।
दर्शन के लिए रातभर इंतजार करते हैं लोग
महाराज जी वृंदावन स्थित अपने आश्रम श्री हित राधा केलि कुंज में जो प्रवचन देते हैं, उसे लोग दुनिया भर में यूट्यूब और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए सुनते हैं और बेहद पसंद करते हैं। महाराज जी के दर्शन करने के लिए रोजाना हजारों लोग वृंदावन पहुंचते हैं औऱ रातभर जगकर खुली सड़कों पर इंतजार करते हैं। रात 2 बजे ही भक्त उस रास्ते पर खड़े हो जाते हैं, जिससे चलकर महाराज जी अपने शिष्यों के साथ आश्रम पहुंचते हैं, ताकि महाराज जी के दर्शन कर सकें।
एकांत वार्तालाप में पहुंचने की करते हैं कोशिश
प्रेमानंद महारोज के श्री हित राधा केलि कुंज पहुंचने बाद भक्त सुबह उनके सत्संग में शामिल होने और एकांत में वार्तालाप में पहुंचने की कोशिश करते हैं। महाराज जी के भक्तों में भारतीय क्रिकेटर विराट कोहली से लेकर कई महान साधु-संतों के नाम भी शामिल हैं। हालांकि भारी भीड़ के चलते कुछ लोगों को ही इसमें शामिल होने का मौका मिल पाता है। बहुत से लोगों को निराश भी होना पड़ता है।
अब भोर में नहीं हो सकेंगे महाराज जी के दर्शन
बता दें कि प्रेमानंद महाराज जी की दोनों किडनियां खराब हैं और उनकी रोज डायलिसिस होता है। इसी कारण उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता है। अब महाराज जी के आश्रम से एक सूचना जारी कर बताया गया है कि महाराज जी के स्वास्थ्य और बढ़ती हुई भीड़ को देखते हुए महाराज जी के अब रात 2 बजे से होने वाले दर्शन को त्वरित प्रभाव से रोका जा रहा है।
अनिश्चिकालीन के लिए बंद किया गया रात्रि दर्शन
प्रेमानंद महाराज जी के आश्रम के अधिकारिक अकाउंट हैंडल Bhajan Marg से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट किया गया है। इस पोस्ट में उनके भक्तों के लिए यह सूचना जारी की गई है, ‘आप सभी को सूचित किया जाता है कि पूज्य महाराज जी के स्वास्थ व बढ़ती हुई भीड़ को देखते हुए, पूज्य महाराज जी, जो पद यात्रा करते हुए रात्रि 02:00 बजे से श्री हित राधा केलि कुंज जाते थे, जिसमें सब दर्शन पाते थे, वो अनिश्चित काल के लिए बंद किया जाता है।” यह पोस्ट 6 फरवरी की सुबह आश्रम की ओर से की गई।