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देश में 2028 तक 50 प्रतिशत जाॅब का स्वरूप बदल जाएगा, इसके अनुरूप छात्राें काे तैयार करने के लिए लाया गया एनईपी: धर्मेंद्र प्रधान

by Dr. Brajesh Mishra
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जमशेदपुर: ’भारत में अभी जितने भी जाॅब हैं 2028 तक उनमें से 50 प्रतिशत का स्वरूप बदल जाएगा। एक समय था जब एक व्यक्ति अगर दाे स्थानाें में एक साथ काम करता था ताे उसे अपराध माना जाता था। लेकिन अब ऐसा नहीं हैं।’

मल्टीपल जॉब धीरे–धीरे हो रहे लीगल

’अब लाेग एक साथ मल्टिपल जाॅब कर रहे हें और उसे लीगल किया जा रहा है। भारत भी इस दिशा में बढ़ रहा है। क्याेंकि यह समय की मांग है और जाॅब के स्वरूप में हाे रहे इस बदलाव काे देखते हुए ही न्यू एजुकेशन पाॅलिसी काे लाया गया है। जिसमें छात्राें काे मल्टी स्किल बनाने पर पर फाेकस किया गया है।’ यह बातें शनिवार काे एक्सएलआरआई जमशेदपुर के प्लेटिनम जुबली समाराेह के समापन समाराेह में बताैर मुख्य अतिथि केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कही। उन्हाेंने कहा कि अगले तीन सालाें में देश विश्व के टाॅप थ्री इकॉनामी में शामिल हाे जाएगा। ऐसे में हम दुनिया का लीडर बनने की ओर अग्रसर है।

‘मूनलाइट’ जॉब का बढ़ रहा क्रेज

बदलते औद्याेगिक परिवेश में मूनलाॅईट जाॅब का क्रेज भी बढ़ रहा है। आज युवा रात 2 बजे तक काम व पढ़ाई करते हैं और दिन के 11 बजे तक साेते हैं। पहले इसे सही नहीं माना जाता था। लेकिन अब नहीं। ऐसे में XLRI जैसे संस्थानाें की यह जिम्मेदारी है कि वे अपने प्रभाव काे और बढ़ाएं और ऐसे युवा मैनेजर तैयार करें, जाे ग्लोबल लीडर बनकर सामने आएं। इसमें संस्थान काे अपने एल्युमिनाई का सहयाेग लेना चाहिए जाे बेहद ही संपन्न हैं।

यहां आकर पॉजिटिव महसूस कर रहा हूं…

इसके साथ ही उन्हाेंने जमशेदपुर शहर की तारीफ करते हुए कहा कि विवेकानंद जी व जमशेदजी टाटा के बीच जापान की यात्रा के दाैरान हुए संवाद के बाद जमशेदपुर शहर की नीव पड़ी थी। यही वजह है कि जब मैं यहां आता हूं, ताे एक पाॅजेटिव एनर्जी महसूस करता हूं। खासकर क्लीननेस व शहर प्रबंधन का गुर इस शहर से सीखना चाहिए। जब बिहार जैसे राज्य में 100 साल पहले जमशेदपुर जैसा शहर बन सकता है ताे दूसरे देश में क्याें नहीं।

कार्यक्रम के दाैरान धर्मेंद्र प्रधान काे XLRI ई प्लेटिनम जुबली समाराेह से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर टाटा स्टील के एमडी XLRI ई के बाेर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष टीवी नरेंद्रन, निदेशक फाॅदर एस जार्ज आदि उपस्थित थे।

XLRI के छात्र पूरी दुनिया में जा रहे हैं लेकिन..

धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि XLRI के छात्र आज पूरी दुनिया में अपनी छाप छाेड़ रहे हैं। लेकिन पता नहीं क्याेंकि यह टाटा स्टील से ही दूर हाे रहे हैं नए स्टूटेंड टाटा कंपनी में ही नहीं दिख रहे हैं। जबकि कॉलेज का अस्तीत्व ही टाटा स्टील व जमशेदपुर से है। अगर जमशेदपुर नहीं हाेता ताे XLRI भी नहीं हाेता। उन्हाेंने कहा कि मजाकिया लहजे में कहा कि हर बेटा एक उम्र तक ही पिताजी काे आइडियल मानता है। जैसे उसकी उम्र बदलती है उसका विचार पिता काे लेकर बदल जाता है। ऐसी ही स्थिति कॉलेज के छात्राें व टाटा स्टील की है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि टीवी नरेंद्रन जी से मैं कबसे कह रहा हूं कि कुछ नया करिए लेकिन टाटा स्टील एक ही प्राेडक्ट के पीछे पड़ा हुआ है। यही नहीं उन्हाेंने जमशेदपुर के लेबर यूनियन पर बाेलते हुए कि यहां यूनियन यहां टाटा की मटेरियल मैनेजमेंट डिपार्टमेंट है।

XLRI का हो विस्तार, विवि के लिए करे अप्लाई:धर्मेंद्र

प्रधान ने कहा कि यह मेरा दुर्भाग्य है कि मैं XLRI से नहीं पढ़ पाया। लेकिन यहां से अवार्ड पाकर वैसा ही महसूस हुआ जैसा सांसद का प्रमाणपत्र पाने के बाद हाेता है। उन्हाेंने कहा कि XLRI को अपना विस्तार करना चाहिए क्याेंकि दुनिया काे दक्ष युवाओं की जरूरत है। अभी चार कैंपस है, लेकिन इसे और बढ़ाना चाहिए। इस दाैरान उन्हाेंने संस्थान काे ऑफर देते हुए कहा कि उन्हें विश्वविद्यालय में अपग्रेड करने के लिए अप्लाई करना चाहिए, मैं इसमें मदद करूंगा। इसके लिए यहां के छात्राें काे संस्थान पर दबाव बनाना चाहिए। क्याेंकि इस संस्थान में बहुत पाेटेंसियल है। मैं इसे अगले 25 सालाें में ग्लाेब इंस्टीट्यूट के रूप में देखना चाहता हूं।

एल्युमनाई सदस्याें काे किया गया सम्मानित

कार्यक्रम के दाैरान संस्थान के एल्युमनाई सदस्यों काे भी सम्मानित किया गया। इसके बाद संस्थान के छात्राें ने सांस्कृतिक कार्यक्रम के तहत गीत संगीत व नृत्य प्रस्तुत किया गया। इस दाैरान XLRI के छात्राें के अलावा फैकेल्टी मेंबर व अन्य पदाधिकारी माैजूद थे।

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