Murshidabad Violence: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ अधिनियम के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन में हिंसा फैलने के बाद प्रतिबंधात्मक आदेश लागू किए गए। इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गईं है। मुर्शिदाबाद के रघुनाथगंज और सुत्ती पुलिस थाना क्षेत्रों में मंगलवार शाम 6 बजे से 48 घंटे के लिए धारा 163 के तहत बीएनएस लागू किया गया। जंगीपुर उपखंड में इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गईं।
कानून वापस लेने की मांग
प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर पत्थर फेंके और पुलिस वाहनों को आग लगा दी, जो मंगलवार को वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान हुआ। यह घटना जंगीपुर क्षेत्र में एनएच-12 पर हुई, जहां बड़ी संख्या में लोग कानून वापस लेने की मांग को लेकर दोपहर में इकट्ठा हुए थे।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थर फेंके और अफरातफरी में कुछ पुलिस वाहनों को आग लगा दी। उन्होंने कहा कि इस हमले के बाद पुलिस को प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े, ताकि स्थिति को नियंत्रण में लाया जा सके।
अराजक भीड़ को पुलिस ने किया तितर-बितर
पुलिस अधिकारी के अनुसार, ‘घटना के बाद क्षेत्र में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। पत्थरबाजी में कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हो गए। इस घटना से संबंधित कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है’।
एक पोस्ट में पश्चिम बंगाल पुलिस ने कहा, ‘अराजक भीड़ को तितर-बितर कर दिया गया है। राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात सामान्य हो गया है। हिंसा में लिप्त लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी’। इसके साथ ही, अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। पुलिस ने सभी से अफवाहों पर ध्यान न देने और शांति बनाए रखने की अपील की।
हिंसा होगी, तो कार्रवाई की जानी चाहिएः कांग्रेस
मास शिक्षा विस्तार मंत्री सिद्धिकुल्ला चौधरी, जो पश्चिम बंगाल जमियत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष भी हैं, ने हिंसक भीड़ पर पुलिस की कार्रवाई की आलोचना की। वरिष्ठ तृणमूल कांग्रेस नेता ने कहा कि ‘यहां तक कि वामपंथी शासन के दौरान भी पुलिस ने कभी अल्पसंख्यकों पर लाठीचार्ज नहीं किया। अगर किसी ने हिंसा की है तो निश्चित रूप से कार्रवाई की जानी चाहिए, लेकिन एक रैली पर लाठीचार्ज करना अस्वीकार्य है’।
गवर्नर सीवी आनंद बोस ने कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति को बिगाड़ने के प्रयासों को ‘लोहे की मुट्ठी से दबा देना चाहिए’।