नई दिल्ली: लोकसभा में मंगलवार को वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर लंबी बहस हुई। यह 12 घंटे से अधिक चली। इस दौरान विपक्षी दलों ने इस विधेयक का जोरदार विरोध किया। देर रात 12:00 के बाद इस पर मतदान कराया गया। मतदान में यह विधेयक पारित कर दिया गया। सत्ता पक्ष 288 सांसदों ने विधयक के पक्ष में मतदान किया।
विधेयक का उद्देश्य
विधेयक को केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने पेश किया। इसका मुख्य उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है। सरकार का कहना है कि इस कानून से वक्फ संपत्तियों का बेहतर उपयोग होगा, जिससे मुस्लिम समुदाय के गरीब तबके को लाभ मिलेगा।
विपक्ष का विरोध
विपक्षी दलों, विशेषकर कांग्रेस, एआईएमआईएम और समाजवादी पार्टी ने इस विधेयक को मुस्लिम समुदाय के खिलाफ बताते हुए विरोध किया। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने तो विधेयक की प्रति फाड़ दी और विरोधस्वरूप सदन से वॉकआउट कर गए। कांग्रेस नेता गौरव गोगोई और समाजवादी पार्टी के इमरान मसूद ने भी इसे समुदाय विरोधी बताया और इसमें संशोधन की मांग की, जिसे खारिज कर दिया गया।
सरकार का पक्ष
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने स्पष्ट किया कि यह विधेयक किसी भी धार्मिक गतिविधि में हस्तक्षेप नहीं करता, बल्कि केवल प्रशासनिक सुधार लाने के लिए है। उन्होंने यह भी कहा कि गैर-मुस्लिम सदस्यों को वक्फ परिषद और बोर्ड में शामिल किया जाएगा, लेकिन उनकी भूमिका केवल प्रशासनिक होगी।
विधेयक पर मतदान
विधेयक पर मतदान के दौरान 288 सांसदों ने समर्थन में वोट दिया। वहीं बता दें, विधेयक के विरोध में 232 सांसदों ने मतदान किया था। इस प्रकार, वक्फ (संशोधन) विधेयक लोकसभा में पारित हो गया। अब इसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा, जहां से मंजूरी मिलने के बाद यह कानून का रूप लेगा।
आगे की प्रक्रिया
अब यह विधेयक राज्यसभा में पेश किया जाएगा। अगर वहां भी इसे मंजूरी मिल जाती है, तो इसे राष्ट्रपति की स्वीकृति के बाद लागू किया जाएगा।
इस विधेयक को लेकर संसद के भीतर और बाहर दोनों जगह बहस जारी है। जहां सरकार इसे मुस्लिम समुदाय के लिए फायदेमंद बता रही है, वहीं विपक्ष इसे समुदाय के अधिकारों में कटौती के रूप में देख रहा है।
विधेयक के अलग-अलग बिंदुओं पर संशोधन का विपक्ष ने दिया प्रस्ताव, ध्वनि मत और मतदान में सब खारिज संयुक्त संसदीय समिति द्वारा प्रतिवेदन विधेयक के अलग-अलग प्रावधानों में संशोधन के लिए विपक्ष के अलग-अलग सांसदों की तरफ से संशोधन प्रस्ताव पेश किया गया। लोकसभा अध्यक्ष में अलग-अलग बिंदुओं पर पेश किए गए संशोधन पर सभी सदस्यों की राय ली। कुछ बिंदुओं पर मतदान भी कराए गए। विपक्ष की ओर से पेश किए गए सभी संशोधन ध्वनि मत तथा मतदान के जारी अस्वीकृत कर दिए गए।