जमशेदपुर : शहर में उचक्कों का आतंक तेजी से बढ़ता जा रहा है। इन दिनों कारों के शीशे तोड़कर नकदी, लैपटॉप, आभूषण और महत्वपूर्ण दस्तावेजों की चोरी की घटनाएं लगातार हो रही हैं। इन अपराधों ने शहरवासियों को बेचैन कर दिया है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि पुलिस अब तक किसी भी मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं कर पाई है।
26 फरवरी को साकची थाना क्षेत्र के बंगाल क्लब के पास देवाशीष चक्रवर्ती की कार का शीशा तोड़ा गया। उचक्कों ने बैग से 35 हजार रुपये, मोबाइल और अन्य सामान चुरा लिया। देवाशीष चक्रवर्ती ने साकची थाना में इस घटना की रिपोर्ट दर्ज कराई, लेकिन अब तक इस मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।
इससे पहले, 19 फरवरी को भी साकची थाना क्षेत्र के आम बागान के पास खड़ी कार से अज्ञात चोरों ने लैपटॉप, नकदी और महत्वपूर्ण दस्तावेज चुरा लिए। इस घटना की रिपोर्ट पारडीह आशियाना निवासी विकास कुमार गुप्ता ने साकची थाना में दर्ज कराई थी, लेकिन इस मामले में भी कोई सुराग नहीं मिला।
15 फरवरी को बिष्टुपुर थाना क्षेत्र में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया। कुमुद रंजन की कार का शीशा तोड़कर उचक्कों ने 50 हजार रुपये नकद और सोने की चेन चोरी कर ली। यह घटना सीसीटीवी में कैद हो गई थी, लेकिन फिर भी पुलिस आरोपित को पकड़ने में नाकाम रही।
इन घटनाओं से यह साफ हो रहा है कि शहर में उचक्कों का आतंक बढ़ता जा रहा है। बिष्टुपुर में जनवरी महीने में भी इसी तरह की कई घटनाएं हुईं, लेकिन पुलिस अभी तक किसी को भी गिरफ्तार नहीं कर पाई।
इन लगातार हो रही चोरी की घटनाओं के बावजूद पुलिस की नाकामी पर सवाल उठ रहे हैं। शहरवासी यह सवाल उठा रहे हैं कि पुलिस अपराधियों को पकड़ने में क्यों नाकाम रही है। क्या शहर में सुरक्षा व्यवस्था में कोई कमी है? क्या पुलिस को इस बढ़ते अपराध के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं करनी चाहिए? शहरवासियों में इस बढ़ते आतंक के बीच एक गहरी चिंता है। लोग अब तक सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं और पुलिस प्रशासन की ओर से सख्त कदम उठाने की उम्मीद कर रहे हैं।
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