Home » TRAI ने किया स्पष्ट: कल से OTP प्राप्त करने में नहीं होगी कोई देरी, नए दिशा निर्देशों से स्पैम पर लगेगी रोक

TRAI ने किया स्पष्ट: कल से OTP प्राप्त करने में नहीं होगी कोई देरी, नए दिशा निर्देशों से स्पैम पर लगेगी रोक

TRAI के इस कदम का मुख्य उद्देश्य उपभोक्ताओं को स्पैम कॉल्स और धोखाधड़ी संदेशों से बचाना है। DLT फ्रेमवर्क के माध्यम से, TRAI यह सुनिश्चित करना चाहता है कि केवल वैध और प्रमाणित संदेश ही उपभोक्ताओं तक पहुंचें, जिससे धोखाधड़ी और फर्जी गतिविधियों पर अंकुश लगे।

by Rakesh Pandey
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

नई दिल्ली: भारत में 1 दिसंबर, 2024 से लागू होने वाले कई महत्वपूर्ण विनियामक परिवर्तनों से देश के दूरसंचार और संदेश सेवा क्षेत्र में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। इनमें से एक अहम बदलाव भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) के नए “ट्रेसेबिलिटी” दिशानिर्देश हैं, जो मुख्य रूप से स्पैम और धोखाधड़ी संदेशों को रोकने के उद्देश्य से पेश किए गए हैं। हालांकि, इन नए नियमों के बारे में कुछ चिंता जताई जा रही थी, खासकर वन-टाइम पासवर्ड (OTP) जैसे महत्वपूर्ण संदेशों की डिलीवरी में देरी को लेकर। TRAI ने अब इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा है कि ओटीपी की डिलीवरी में कोई देरी नहीं होगी।

TRAI के नए ट्रेसेबिलिटी दिशा निर्देश

TRAI द्वारा 1 दिसंबर, 2024 से लागू किए गए नए ट्रेसेबिलिटी दिशा निर्देशों का मुख्य उद्देश्य उपभोक्ताओं को स्पैम और धोखाधड़ी संदेशों से बचाना है। इस दिशा में कदम उठाते हुए, TRAI ने टेलीकॉम ऑपरेटर्स और मैसेजिंग सर्विस प्रोवाइडर्स से यह अनिवार्य किया है कि वे हर संदेश की ऑथेंटिसिटी की पुष्टि करें। यह दिशा-निर्देश डिस्ट्रिब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी (DLT) फ्रेमवर्क के तहत लागू किए जा रहे हैं, जो एक नया सिस्टम है, जिसका मकसद संदेशों की ट्रेसेबिलिटी को सुनिश्चित करना और फर्जी संदेशों को रोकना है।

इसके तहत, सभी व्यवसायों को अपने हेडर (प्रेषक आईडी) और टेम्पलेट को टेलीकॉम प्रोवाइडर्स के साथ रजिस्टर करना होगा। इसके बाद, अगर कोई संदेश रजिस्टर्ड फॉर्मेट से मेल नहीं खाता या अपंजीकृत हेडर से भेजा गया है, तो उसे तुरंत फ्लैग या ब्लॉक कर दिया जाएगा।

ओटीपी डिलीवरी में देरी की अफवाहें

हालांकि, इन नए नियमों को लेकर कुछ गलतफहमियां भी फैलने लगी थीं। खबरें आई थीं कि ये नए दिशा निर्देश ओटीपी जैसी महत्वपूर्ण जानकारी की डिलीवरी में देरी का कारण बन सकते हैं। लेकिन TRAI ने इन अफवाहों को सिरे से नकारा है। TRAI ने अपनी आधिकारिक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, “मैसेज ट्रेसेबिलिटी गाइडलाइन्स के कारण ओटीपी डिलीवरी में कोई देरी नहीं होगी।”

TRAI ने स्पष्ट किया कि कुछ खबरों में दावा किया गया था कि नए नियमों के तहत ओटीपी प्राप्त करने में देरी हो सकती है, लेकिन यह जानकारी पूरी तरह से गलत है। TRAI ने कहा कि हमने मैसेज ट्रेसेबिलिटी को सुनिश्चित करने के लिए एक्सेस प्रोवाइडर्स को अनिवार्य किया है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि संदेशों की डिलीवरी में देरी होगी।

TRAI का उद्देश्य और उपभोक्ता सुरक्षा

TRAI के इस कदम का मुख्य उद्देश्य उपभोक्ताओं को स्पैम कॉल्स और धोखाधड़ी संदेशों से बचाना है। भारत में स्पैम कॉल्स और मैसेजेस एक बड़ा मुद्दा बन चुके हैं, और इन दिशा निर्देशों से इसे नियंत्रित करने की उम्मीद जताई जा रही है। DLT फ्रेमवर्क के माध्यम से, TRAI यह सुनिश्चित करना चाहता है कि केवल वैध और प्रमाणित संदेश ही उपभोक्ताओं तक पहुंचें, जिससे धोखाधड़ी और फर्जी गतिविधियों पर अंकुश लगे।

इसके अलावा, TRAI ने यह भी कहा है कि यदि कोई संदेश रजिस्टर्ड फॉर्मेट के मुताबिक नहीं है, तो उसे बिना किसी देरी के ब्लॉक कर दिया जाएगा, ताकि उपभोक्ताओं को अनावश्यक और धोखाधड़ी वाले संदेशों से बचाया जा सके।

इस नए नियम के तहत ओटीपी जैसे महत्वपूर्ण संदेशों की डिलीवरी में कोई समस्या नहीं आएगी, और उपभोक्ताओं को पहले की तरह सुरक्षित रूप से OTP प्राप्त हो सकेगा। TRAI के स्पष्टिकरण से यह भी साफ हो गया कि इन नियमों का मुख्य उद्देश्य केवल स्पैम और धोखाधड़ी को रोकना है, न कि संदेशों की सामान्य डिलीवरी को प्रभावित करना। ऐसे में उपभोक्ताओं को इस बात की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है कि नए नियमों के कारण उनके ओटीपी या अन्य महत्वपूर्ण संदेशों की डिलीवरी में कोई देरी होगी।

Read Also- 1 दिसंबर से OTP पर होगा असर, जानिए क्या होंगे प्रभाव

Related Articles