जलगांव : महाराष्ट्र के जलगांव जिले में बुधवार शाम एक दिल दहला देने वाला रेल हादसा हुआ। परधाड़े स्टेशन के पास हुई इस दुर्घटना में 16 यात्रियों की जान चली गई और 20 घायल हो गए। घायल यात्रियों का इलाज जलगांव के सिविल अस्पताल में चल रहा है। हादसे के बाद से इलाके में गम और चिंता का माहौल है।

अफवाह के कारण हुआ हादसा
बताया जा रहा है कि पुष्पक एक्सप्रेस में बी-4 बोगी के पहियों से धुआं निकलने के बाद यह अफवाह फैल गई कि ट्रेन में आग लग गई है। जैसे ही यात्री इस अफवाह से घबराए, वे ट्रेन से कूदने लगे। इसी दौरान, मनमाड से भुसावल की ओर जा रही कर्नाटक एक्सप्रेस दूसरे ट्रैक से गुजर रही थी और यात्री उसकी चपेट में आ गए। हादसे में अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है और कई लोग घायल हैं।
घटनास्थल पर शवों के टुकड़े बिखरे हुए थे, जिन्हें देखकर वहां मौजूद लोग सदमे में थे। यह दृश्य न केवल यात्रियों बल्कि बचाव दल और प्रशासनिक अधिकारियों को भी विचलित करने वाला था। शवों के टुकड़े और घायल यात्रियों को देख-देखकर उनके परिवार वाले विलाप कर रहे थे, जिससे माहौल और भी गमगीन हो गया।
हादसे का कारण: शार्प टर्न और अचानक घबराहट
समाचार रिपोर्ट्स के अनुसार, हादसा जिस स्थान पर हुआ, वहां शार्प टर्न था। यह मोड़ होने के कारण दूसरे ट्रैक पर बैठे यात्रियों को कर्नाटक एक्सप्रेस के आने का अंदाजा नहीं हो पाया। इसका नतीजा यह हुआ कि वे ट्रेन से कूदने लगे, और जब कर्नाटक एक्सप्रेस उनके पास पहुंची, तो वे उसकी चपेट में आ गए।
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि यह हादसा तब हुआ जब पुष्पक एक्सप्रेस के पहियों से धुआं निकलने के बाद यात्रियों ने आग लगने की आशंका के कारण ट्रेन से कूदने का निर्णय लिया। उनकी घबराहट की वजह से यह हादसा हुआ है। अचानक ट्रैक पर आ जाने से कर्नाटक एक्सप्रेस के लिए स्थिति को संभालना मुश्किल हो गया और हादसा हुआ।
सीएम ने मुआवजे का ऐलान किया
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने घटना पर गहरा दुख जताते हुए मृतकों के परिवारों को 5-5 लाख रुपये की आर्थिक मदद और घायलों के मुफ्त इलाज की घोषणा की। दावोस दौरे पर रहते हुए उन्होंने मीडिया से कहा, “यह घटना बेहद दुखद है। मैंने जिलाधिकारी से स्थिति का जायजा लिया है और राहत कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।
बचाव कार्य में जुटे प्रशासनिक अधिकारी
नासिक डिवीजन के कमिश्नर प्रवीण गेदम ने बताया कि हादसे के बाद 8 एंबुलेंस और रेलवे की अतिरिक्त बचाव वैन घटनास्थल पर भेजी गईं। रेलवे प्रशासन के अधिकारियों ने भी बचाव कार्य में मदद की और घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया। घटनास्थल पर बचाव कार्य तेजी से चल रहा था, और अधिकारियों ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हर संभव प्रयास किया।
आखिरकार हादसे के बाद क्या कदम उठाए गए?
घटनास्थल पर की गई प्राथमिक जांच में यह साफ हो गया है कि यात्रियों की घबराहट और अफवाहों के कारण यह हादसा हुआ। रेलवे प्रशासन ने इस घटना की जांच शुरू कर दी है ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति से बचा जा सके। सीएम ने राज्य सरकार द्वारा पीड़ित परिवारों को हर संभव सहायता देने की बात की है।
यह घटना न केवल जलगांव जिले, बल्कि पूरे महाराष्ट्र को हिलाकर रख देने वाली है। यह ट्रेन हादसा एक बार फिर यह साबित करता है कि यात्रा के दौरान अफवाहों और घबराहट से कितनी बड़ी आपत्ति उत्पन्न हो सकती है।
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