सेंट्रल डेस्क। पेंटागन ने अमेरिका के एल पासो, टेक्सास और सैन डिएगो, कैलिफोर्निया में अमेरिकी हिरासत में रखे गए 5,000 से अधिक अप्रवासी को निष्कासित करने के लिए विमान भेजने शुरू कर दिए हैं। टेक्सास से एक अमेरिकी सैन्य विमान में कुल 205 भारतीय नागरिकों को निष्कासित किया गया, जो लगभग छह घंटे पहले उड़ान भर चुके है।
विमान की यात्रा और समयसीमा
एक अमेरिकी अधिकारी ने मीडिया से बताया कि अप्रवासी भारतीयों को लेकर जाने के लिए विमान ने उड़ान भर ली है, लेकिन यह अपनी मंजिल तक पहुंचने में कम से कम 24 घंटे का समय लगेगा।
भारतीय विदेश मंत्रालय का बयान
24 जनवरी को, भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) ने कहा था कि वह संयुक्त राज्य अमेरिका या दुनिया के किसी भी अन्य स्थान पर बिना उचित दस्तावेज के रह रहे भारतीय नागरिकों की वापसी की सुविधा प्रदान करेगा। नई दिल्ली में एक प्रेस ब्रीफिंग में, MEA के प्रवक्ता रंधीर जयसवाल ने कहा, “हम अवैध प्रवासन के खिलाफ हैं, क्योंकि यह कई प्रकार के संगठित अपराधों से जुड़ा हुआ है।”
उन्होंने आगे कहा, “हमारी प्राथमिकता केवल अमेरिका में ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में यह है कि यदि वे भारतीय नागरिक हैं और वे बिना दस्तावेज के किसी देश में रह रहे हैं, तो हम उनकी वापसी की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएंगे, बशर्ते दस्तावेज हमारे साथ साझा किए जाएं ताकि हम उनकी राष्ट्रीयता की पुष्टि कर सकें।”
व्हाइट हाउस और ट्रंप का बयान
व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव ने 24 जनवरी को यह घोषणा की थी कि “इतिहास में सबसे बड़ा निष्कासन ऑपरेशन” अब शुरू हो चुका है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अवैध अप्रवासियों के मामले में “जो सही है, वही करेंगे” और इस पर भारत के साथ बातचीत जारी है। ट्रंप ने सोमवार को एयरफोर्स वन से फ्लोरिडा से वापस लौटते समय संवाददाताओं को यह बयान दिया। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की फरवरी में व्हाइट हाउस का दौरा करने की संभावना है।
भारत-अमेरिका रिश्ते
व्हाइट हाउस ने दोनों नेताओं के बीच फोन कॉल के बाद एक बयान जारी किया जिसमें कहा गया कि ट्रंप ने मोदी से “संवेदनशील” द्विपक्षीय व्यापार संबंधों और भारत-अमेरिका सहयोग को गहरा करने के लिए एक “उत्पादक” बातचीत की। दोनों देशों के प्रमुखों के 12 फरवरी के मिलने की उम्मीद है।