सेंट्रल डेस्क : डोनाल्ड ट्रंप और वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की के बीच व्हाइट हाउस में तीखी बहस हुई, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति ने यूक्रेनी राष्ट्रपति से रूस के साथ समझौता करने को कहा और कहा कि “अगर तुम समझौता नहीं करते तो हम बाहर हो जाएंगे।” यह तनावपूर्ण मुलाकात उस समय हुई जब दोनों नेताओं को एक खनिज सौदे पर हस्ताक्षर करने का इरादा था, लेकिन बैठक में तनाव के कारण यह प्रक्रिया रुक गई।
दरअसल यूक्रेन में अमरीकी नीति फेल हो गई है। अमरीका ने यूक्रेन को फंसा दिया है। यूक्रेन की जनता परेशान हो रही है। अब अमरीका अपनी गलती मानने की बजाए यूक्रेन पर रूस से समझौता करने के लिए धौंस दिखा रहा है। जानकार बताते हैं कि अमरीका और रूस के बीच एक गुप्त समझौता हुआ था। इसी के तहत रूस ने सीरिया में अलकायदा के आतंकियों को दमिश्क पर कब्जा करने दिया और वहां के तत्कालीन राष्ट्रपति बशर असद को मास्को ले जाया गया। अब अमकरीका की बारी है कि वह यूक्रेन की मदद नहीं करे और जेलेंस्की पर दबाव डाल कर यूक्रेन के दो प्रदेश डोनेस्क व लुहांस्क को रूस की झोली में डाल दे। इसी समझौते को लेकर अब ट्रंप यूक्रेन के साथ जोर जबर्दस्ती पर उतर आए हैं।
तनावपूर्ण मुलाकात और ज़ेलेंस्की का आरोप
यह विवादित बैठक उस समय हुई जब ट्रंप और ज़ेलेंस्की एक खनिज सौदे पर चर्चा करने के लिए एकत्र हुए थे, जिसमें यूक्रेनी तेल, गैस और दुर्लभ खनिजों तक अमेरिकी पहुंच को लेकर बातचीत होनी थी। पहले से तनावपूर्ण संबंधों के कारण, यह बैठक एक महत्वपूर्ण अवसर मानी जा रही थी, जिससे आगे चलकर दोनों देशों के बीच सुरक्षा सहयोग को बढ़ावा मिलने की संभावना थी।
बैठक के दौरान ट्रंप ने ज़ेलेंस्की से कहा कि वे अमेरिका की सहायता के लिए पर्याप्त आभारी नहीं हैं और उन्होंने ज़ेलेंस्की को “विश्व युद्ध तीन के साथ जुआ खेलने” का आरोप लगाया। ज़ेलेंस्की ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से कोई भी समझौता करने से इंकार किया था, लेकिन ट्रंप ने कहा कि यूक्रेन को शांति समझौते तक पहुंचने के लिए रूस के साथ कुछ समझौते करने होंगे।
अमेरिकी नेतृत्व में बदलाव की आहट
बैठक में ज़ेलेंस्की से यह भी पूछा गया कि वह रूस से शांति वार्ता के लिए क्या कदम उठा रहे हैं, जिस पर ज़ेलेंस्की ने 2019 में हुए सीजफायर समझौते का हवाला दिया। इस पर ट्रंप और उपराष्ट्रपति जेडी वांस ने यूक्रेनी राष्ट्रपति को संजीदगी से निपटने की सलाह दी और कहा कि यदि अमेरिका मदद कर रहा है तो उन्हें सम्मानपूर्वक शांति की दिशा में कदम उठाने चाहिए।
इस तकरार के बाद, ज़ेलेंस्की को बैठक से जल्दी निकलते हुए देखा गया। उन्होंने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में अमेरिका और राष्ट्रपति ट्रंप को धन्यवाद दिया, लेकिन यह स्पष्ट किया कि यह सार्वजनिक बहस उनके लिए अच्छा नहीं था।
अमेरिकी राजनेताओं की प्रतिक्रिया
व्हाइट हाउस की बैठक पर प्रतिक्रिया विभाजित रही। रिपब्लिकन सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने कहा कि उन्होंने जो देखा, वह “बेहद अपमानजनक” था और कहा कि ज़ेलेंस्की को या तो इस्तीफा देना चाहिए या फिर किसी ऐसे व्यक्ति को भेजना चाहिए जिससे वे व्यापार कर सकें। वहीं, डेमोक्रेटिक हाउस मिनोरिटी लीडर हकीम जेफ्रीज़ ने इसे “अप्रिय” और “व्लादिमीर पुतिन को और प्रोत्साहित करने वाला” बताया।
यूरोपीय देशों की प्रतिक्रिया
इस तकरार के बाद, यूरोपीय देशों ने ज़ेलेंस्की को समर्थन दिया। फ्रांस और जर्मनी के प्रमुख नेताओं ने यूक्रेन के प्रति अपनी समर्थन की प्रतिबद्धता दोहराई और कहा कि हमे कभी भी आक्रमणकारी और पीड़ित देशों के बीच अंतर नहीं भूलना चाहिए।
रूस का बयान
रूस ने इस बैठक पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ट्रंप और वांस ने संयम दिखाया और यह चमत्कारी था कि उन्होंने ज़ेलेंस्की को शारीरिक रूप से नुकसान नहीं पहुंचाया। यह घटनाक्रम अमेरिकी-यूक्रेनी संबंधों में एक और मोड़ को दर्शाता है, जहाँ ट्रंप की नीति स्पष्ट रूप से यूरोप और अमेरिकी सहयोगियों के लिए अधिक चुनौतीपूर्ण हो सकती है।
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