रांची : आल इंडिया पैरेंट्स एसोसिएशन का दो दिवसीय अधिवेशन भगवान जगन्नाथ की नगरी पुरी में अशोक अग्रवाल की अध्यक्षता में हुआ। जिसमें देशभर से अभिभावक प्रतिनिधि शामिल हुए। इस अधिवेशन में झारखंड पैरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय राय और महासचिव मनोज कुमार मिश्रा भी शामिल हुए। इशोपंथी आश्रम में हुए अधिवेशन में कई राज्यों से आए डेलीगेट्स ने शिक्षा से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श किया। वहीं कई अहम प्रस्तावों पर चर्चा हुई। जिनमें विशेष रूप से राष्ट्रीय शिक्षा नीति और विभिन्न राज्यों में शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया।
सभी राज्यों में लागू हो समान सिलेबस
सभी राज्यों में समान शिक्षा सिलेबस लागू किया जाए। वहीं निजी और सरकारी विद्यालयों में राइट टू एजुकेशन का पालन सुनिश्चित किया जाए। राज्यों में निजी और सरकारी विद्यालयों को नियंत्रित करने के लिए एक सशक्त कानून बनाया जाए। जिससे कि उनकी मॉनिटरिंग की जा सके। शुल्क नियंत्रित करने के लिए फी रेगुलेशन एक्ट लागू करने पर सहमति बनी। जिससे निजी स्कूलों में रोक लग सकेगी। प्ले स्कूलों को नियंत्रित करने के लिए कानून बनाए जाने का प्रस्ताव दिया। इसके अलावा अल्पसंख्यक विद्यालयों को भी आरटीई के दायरे में लाने के लिए वर्तमान कानून में संशोधन करने की चर्चा की गई।
कोचिंग के लिए भी बने कानून
एसोसिएशन के सदस्यों ने कहा कि कोचिंग सेंटर को नियंत्रित करने के लिए कानून बनाए जाने की मांग हुई। झारखंड के तर्ज पर सभी राज्यों में एजुकेशन ट्रिब्यूनल एक्ट के तहत शिक्षा न्यायाधिकरण का गठन किया जाए। साथ ही सभी गैर मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों को प्ले स्कूल एक्ट और आरटीई एक्ट के दायरे में लाया जाए। नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत कक्षा 12 तक 25% बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा देने की व्यवस्था की जाए। कक्षा 1 में 25% बीपीएल बच्चों का नामांकन सुनिश्चित किया जाए और कक्षा 1 से नीचे की कक्षाओं में भी समानुपातिक नामांकन किया जाए। आरटीई के तहत सभी राज्यों में नियमित शिक्षकों की नियुक्ति की जाए और ड्रॉप आउट बच्चों की संख्या को नियंत्रित किया जाए। राज्य और केंद्र सरकार द्वारा शिक्षा के बजट में वृद्धि की जाए, ताकि शिक्षा को प्राथमिकता दी जा सके।