नई दिल्ली: यूको बैंक में हुए एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश करते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बैंक के पूर्व अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक (एमडी) सुबोध कुमार गोयल को गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी कोलकाता स्थित एक कंपनी से जुड़े 6,200 करोड़ रुपये से अधिक के कथित बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के तहत हुई है।
विशेष न्यायालय ने गोयल को ईडी हिरासत में भेजा
केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी ने सोमवार को एक आधिकारिक बयान जारी कर इस गिरफ्तारी की जानकारी दी। बयान के अनुसार, सुबोध कुमार गोयल को पीएमएलए (धनशोधन निवारण अधिनियम), 2002 के प्रावधानों के तहत 16 मई को नई दिल्ली स्थित उनके आवास से हिरासत में लिया गया। इसके बाद, 17 मई को उन्हें कोलकाता की विशेष धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) अदालत के समक्ष पेश किया गया, जहां माननीय न्यायालय ने उन्हें 21 मई तक प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में भेज दिया है।
छापेमारी के बाद हुई गिरफ्तारी
इस मामले में ईडी की कार्रवाई पहले से ही जारी थी। अप्रैल महीने में एजेंसी ने सुबोध कुमार गोयल और कुछ अन्य संदिग्धों के परिसरों पर व्यापक छापेमारी की थी। इस छापेमारी के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और सबूत बरामद किए गए थे।
गोयल पर रिश्वत लेने का आरोप
ईडी ने अपनी जांच में पाया है कि सुबोध कुमार गोयल के यूको बैंक के सीएमडी के कार्यकाल के दौरान सीएसपीएल नामक एक कंपनी को बड़ी ऋण सुविधाएं स्वीकृत की गईं। एजेंसी का आरोप है कि इन ऋण सुविधाओं का बाद में उधारकर्ता समूह द्वारा दुरुपयोग किया गया और उन्हें अन्यत्र इस्तेमाल किया गया, जिससे बैंक को भारी नुकसान हुआ।
ईडी का यह भी दावा है कि इस ऋण स्वीकृति के बदले में सुबोध कुमार गोयल को सीएसपीएल से ‘रिश्वत के रूप में बड़ी रकम’ मिली। एजेंसी ने बताया कि इस कथित रिश्वत की रकम को वैध बनाने के लिए विभिन्न जटिल वित्तीय लेन-देन का सहारा लिया गया। ईडी अब इस पूरे मामले की गहराई से छानबीन कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस धोखाधड़ी में और कौन-कौन लोग शामिल हैं और अवैध रूप से अर्जित की गई संपत्ति कहां-कहां निवेश की गई है।