नयी दिल्ली: कोटक महिंद्रा बैंक के संस्थापक एवं प्रवर्तक उदय कोटक ने बैंक के प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यकारी अधिकारी पद से इस्तीफा दे दिया है। बैंक ने शनिवार को शेयर बाजार को यह जानकारी दी।
उदय कोटक ने कोटक महिंद्रा बैंक के सीईओ पद से दिया इस्तीफा
कोटक ने रिजर्व बैंक द्वारा तय समयसीमा से तीन महीने पहले अपना इस्तीफा दिया है। उनके पास बैंक में 26 प्रतिशत हिस्सेदारी है। कोटक महिंद्रा बैंक ने बताया कि संयुक्त प्रबंध निदेशक दीपक गुप्ता 31 दिसंबर तक मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) की जिम्मेदारी निभाएंगे।
अब बैंक के गैर-कार्यकारी निदेशक बने उदय कोटक :
शेयर बाजार को दी जानकारी के मुताबिक बैंक की हुई बोर्ड बैठक में उदय कोटक के इस्तीफे पर विचार किया गया और वह एक सितंबर 2023 से बैंक के प्रबंध निदेशक और सीईओ नहीं रहे। वह अब बैंक के गैर-कार्यकारी निदेशक बन गये हैं। नियामक आदेश के अनुसार प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी के कार्यकाल को 15 साल तक सीमित कर दिया गया था। इसके बाद बैंक के बोर्ड ने इस साल की शुरुआत में उदय कोटक को दिसंबर में उनका वर्तमान कार्यकाल खत्म होने के बाद गैर-कार्यकारी निदेशक नियुक्त करने का फैसला किया था।
उदय कोटक ने कहा- मैं स्वेच्छा से सीईओ पद से इस्तीफा दे रहा हूं :
कोटक ने ट्विटर पर लिखा कि कोटक महिंद्रा बैंक में उत्तराधिकार का विषय मेरे लिए सबसे प्रमुख है, क्योंकि हमारे चेयरमैन, मुझे और संयुक्त एमडी सभी को साल के अंत तक पद छोड़ना है। मैं इस विदाई को क्रम से शुरू करके सुचारु रूप से परिवर्तन सुनिश्चित करना चाहता हूं। मैं अब यह प्रक्रिया शुरू कर रहा हूं और स्वेच्छा से सीईओ पद से इस्तीफा देता हूं। कोटक ने कहा कि बैंक को प्रस्तावित उत्तराधिकारी के लिए आरबीआई की मंजूरी का इंतजार है, जो एक जनवरी 2024 से कार्यभार संभालेंगे। उन्होंने आगे कहा कि वह संस्थापक के रूप में ब्रांड कोटक से गहराई से जुड़े हुए हैं और गैर-कार्यकारी निदेशक एवं महत्वपूर्ण शेयरधारक के रूप में संस्थान की सेवा करना जारी रखेंगे।
38 साल पहले तीन कर्मचारियों के साथ कोटक महिंद्रा की हुई थी शुरुआत :
कोटक ने कहा कि विरासत को आगे बढ़ाने के लिए हमारे पास एक उत्कृष्ट प्रबंधन टीम है। संस्थापक चले जाते हैं, लेकिन संस्थान हमेशा के लिए फलता-फूलता रहता है। उन्होंने 38 साल पहले तीन कर्मचारियों के साथ कोटक महिंद्रा की शुरुआत की थी, जो आज एक प्रतिष्ठित बैंक और वित्तीय संस्थान है। उन्होंने कहा कि हमने अपने हितधारकों के लिए मूल्य तैयार किया है और एक लाख से अधिक प्रत्यक्ष नौकरियां दी हैं।
1985 में 10,000 रुपये का निवेश आज लगभग 300 करोड़ रुपये का हुआ :
वर्ष 1985 में हमारे साथ 10,000 रुपये का निवेश आज लगभग 300 करोड़ रुपये का होगा। मुझे विश्वास है कि यह भारतीय स्वामित्व वाली संस्था भारत को एक सामाजिक और आर्थिक महाशक्ति बनाने के लिए आगे भी अपनी भूमिका निभाती रहेगी। कोटक ने बैंक के चेयरमैन प्रकाश आप्टे को हाथ से लिखे एक संदेश में कहा कि अब आगे बढ़ने का समय आ गया है और अपने कार्यकाल की समाप्ति से तीन महीने पहले इस्तीफा देने का निर्णय इस प्रक्रिया को क्रमबद्ध तरीके से पूरा करने के लिए लिया गया है। आप्टे का कार्यकाल भी 31 दिसंबर 2023 को खत्म हो रहा है।
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