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Census 2027 : 16 साल बाद होगी ऐतिहासिक जनगणना, गृह मंत्रालय ने जारी की अधिसूचना

Census 2027: महामारी के कारण टली जनगणना अब देश के सामाजिक-आर्थिक नक्शे को फिर से उकेरेगी। इस बार की जनगणना में जातिवार गणना भी शामिल होगी और यह प्रक्रिया 21 महीने में पूरी की जाएगी।

by Rakesh Pandey
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नई दिल्ली : India’s Census 2027: 16 साल का लंबा इंतजार, और अब जनसंख्या की सबसे बड़ी गणना की तैयारी शुरू। गृह मंत्रालय ने सोमवार को जनगणना अधिनियम, 1948 के तहत राष्ट्रीय जनगणना 2027 के लिए आधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी है। इस जनगणना में जातिवार गणना भी शामिल होगी और यह प्रक्रिया 21 महीने में पूरी की जाएगी। महामारी के कारण टली जनगणना अब देश के सामाजिक-आर्थिक नक्शे को फिर से उकेरेगी।

मुख्य बिंदु

कब होगी जनगणना?

  • भारत सरकार के मुताबिक, 1 मार्च 2027 की आधी रात को जनसंख्या की स्थिति को आधार मानकर जनगणना की जाएगी।

– ठंडे और दुर्गम इलाकों जैसे जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में यह आधार तिथि 1 अक्टूबर 2026 तय की गई है।

दो चरणों में होगी गिनती

  • हाउसलिस्टिंग ऑपरेशन : इसमें प्रत्येक घर की आवासीय स्थिति, परिसंपत्तियां, और सुविधाओं का विवरण लिया जाएगा।
  • जनसंख्या गणना : इसमें हर व्यक्ति का जनसांख्यिकीय, सामाजिक-आर्थिक, और सांस्कृतिक विवरण रिकॉर्ड किया जाएगा।
  • जातिवार गणना भी होगी : पहली बार आधिकारिक रूप से जातिवार गणना को जनगणना प्रक्रिया में शामिल किया जा रहा है। इससे सामाजिक न्याय योजनाओं के लिए डेटा आधारित नीति बनाना आसान होगा।

डिजिटल होगी जनगणना : इस बार जनगणना मोबाइल ऐप के माध्यम से डिजिटल फॉर्मेट में कराई जाएगी। लोगों को स्व-गणना (Self Enumeration) की सुविधा भी मिलेगी।

कितने लोग होंगे तैनात?

  • लगभग 34 लाख गणनाकार और पर्यवेक्षक, और 1.3 लाख जनगणना अधिकारी इस प्रक्रिया में भाग लेंगे।
  • यह स्वतंत्र भारत की 8वीं जनगणना होगी और भारत की 16वीं राष्ट्रीय जनगणना।

कितने समय में पूरी होगी प्रक्रिया?

  • यह पूरी प्रक्रिया 21 महीनों में संपन्न होगी।
  • प्रारंभिक आंकड़े मार्च 2027 तक आ जाएंगे, जबकि विस्तृत रिपोर्ट साल 2027 के ही अंत तक जारी की जाएगी।

डिजिटल भारत की पहली जनगणना

जनगणना 2027 सिर्फ आंकड़ों की गिनती नहीं, बल्कि भारत के सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक स्वरूप को फिर से परिभाषित करने की प्रक्रिया है। डिजिटल भारत की यह पहली जनगणना ऐतिहासिक बनने जा रही है — जिसमें जनता की भागीदारी और तकनीक की ताकत दोनों शामिल होंगी।

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