Jamshedpur (Jharkhand): जमशेदपुर के बिष्टुपुर स्थित मिलानी हॉल में जनता दल (यूनाइटेड) (JDU) द्वारा आयोजित मजदूर सम्मान समारोह सह कार्यकर्ता सम्मेलन में असंगठित मजदूरों की बदहाली पर गंभीर चिंता जताई गई। कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि पहुंचे जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक सरयू राय और राज्यसभा सांसद खीरू महतो ने केंद्र और राज्य सरकारों पर मजदूरों के प्रति उदासीन रवैया अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने मजदूरों के शोषण को रोकने और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की।
ठेकेदार बने मजदूरों के ‘भाग्य विधाता’
सरयू राय ने अपने संबोधन में कहा कि देश में असंगठित मजदूरों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिनमें ठेका मजदूर भी शामिल हैं। अब स्थिति यह हो गई है कि ठेकेदार ही मजदूरों के ‘भाग्य विधाता’ बन गए हैं। मजदूरों को उनकी सेवाओं के बदले में उचित सुरक्षा और अधिकार नहीं मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि उदारीकरण के बाद से असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है, जबकि संगठित क्षेत्र के मजदूरों की संख्या में लगातार कमी आ रही है।
सरकारों की उदासीनता और मजदूरों का शोषण
सरयू राय ने राज्य और केंद्र सरकारों पर मजदूरों के प्रति संवेदनहीन होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकारें मजदूरों की समस्याओं पर गंभीरता से विचार नहीं करतीं और उनकी आवाज अनसुनी कर दी जाती है। उन्होंने कहा कि अब मजदूरों की परिभाषा भी बदल रही है, जिसमें कौशल विकास और बौद्धिक विकास भी मजदूरी की श्रेणी में शामिल हो गए हैं।
उन्होंने जमशेदपुर के फैक्ट्री मालिकों पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वे थानों के खिलाफ आवाज नहीं उठाते, जिससे उनकी नैतिकता का पतन हो रहा है। कई कंपनियां मुनाफे में कमी होने पर उत्पादन बंद कर देती हैं और मजदूरों के प्रति अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ लेती हैं। उन्होंने कहा कि आज कई कंपनियां खुद मजदूर यूनियन बनाने लगी हैं, लेकिन जब यूनियन कंपनी की गलत नीतियों के खिलाफ बोलती है, तो उसकी मान्यता रद्द कर दी जाती है।
‘आने वाले वक्त में नहीं मिलेंगे मजदूर’
राज्यसभा सांसद और जनता दल (यूनाइटेड) के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष खीरू महतो ने कहा कि देश में असंगठित मजदूरों की स्थिति बेहद खराब है। उनकी मजदूरी में भी भारी असमानता है। आउटसोर्सिंग कंपनियों की भरमार के कारण मजदूरों की मजदूरी और भी कम हो गई है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि असंगठित मजदूरों की स्थिति में सुधार के लिए एक बड़ा आंदोलन किया जाए।
खीरू महतो ने कहा कि राज्य और केंद्र सरकारें मजदूरों की मजदूरी को एकसमान बनाने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रही हैं। न्यूनतम मजदूरी मनमाने ढंग से तय की जाती है, जिसमें मजदूर प्रतिनिधियों की कोई भागीदारी नहीं होती। उन्होंने कहा कि मजदूरों को शिक्षित करने और उन्हें उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करने की जरूरत है। उन्होंने चेतावनी दी कि जिस तरह से मजदूरों का शोषण हो रहा है, उससे आने वाले समय में मजदूरों की भारी कमी हो जाएगी।
मजदूरों के लिए पहचान पत्र की मांग
खीरू महतो ने असंगठित मजदूरों के लिए पहचान पत्र जारी करने की मांग की, ताकि उनकी पहचान हो सके और उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके। उन्होंने सरयू राय की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्हें देखकर लगता है कि उनके बीच नीतीश कुमार ही बैठे हुए हैं।
कार्यक्रम में जनता दल (यूनाइटेड) के विभिन्न प्रकल्पों के पदाधिकारियों का सम्मान किया गया। इस अवसर पर जदयू के पूर्वी सिंहभूम जिलाध्यक्ष सुबोध श्रीवास्तव, आशुतोष राय, विश्राम प्रसाद, कौशल सिंह, अंजलि सिंह, राणा प्रताप सिंह, बलविंदर सिंह, राजकुमार सिंह, विनीत सिंह, युवा जदयू के प्रदेश अध्यक्ष निर्मल सिंह, अजय कुमार, बीरेंद्र पासवान, श्रवण कुमार, संजय ठाकुर, हरेराम सिंह, चंद्रशेखर राव, भास्कर मुखी, अशोक सिंह, दुर्गाराव, मृत्युंजय सिंह, विकास साहनी, असीम पाठक, प्रेम सक्सेना, संजीव सिंह, आकाश शाह, विजय सिंह, अमृता मिश्रा, नीरज सिंह, प्रकाश कोया, राजेश प्रसाद, अजीत कुमार, विकास रजक, प्रवीण सिंह, लालू गौड़, अर्जुन यादव, गौतम धर, शंकर कर्मकार, बबलू कुमार, चुन्नू भूमिज, तारक मुखर्जी, सूरज साव, नवीन गिरि, शुभम सोनी, शमशाद खान, विवेक पांडेय, पप्पू सिंह, संतोष भगत, भरत पांडेय, राजेश कुमार, निखार सबलोक, प्रलय दास, जीतू सिंह, रवि ठाकुर, विजय सिंह, अर्जुन यादव, सुलोचना देवी, सोनी सिंह, सविता, किरण, राजन राजपूत समेत कई कार्यकर्ता उपस्थित थे।