लखनऊ : उत्तर प्रदेश में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून ने अब रफ्तार पकड़ ली है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले 48 घंटे के भीतर मॉनसून पूरे प्रदेश को कवर कर सकता है। विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अतुल कुमार सिंह ने बताया कि राज्य में मौसमी परिस्थितियां अनुकूल हो रही हैं और शेष हिस्सों में भी जल्द ही मॉनसून पहुंचने की प्रबल संभावना है।
मौसम पूर्वानुमान के अनुसार, 23 जून को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अधिकांश स्थानों और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में बारिश हो सकती है। कई जिलों में भारी बारिश की चेतावनी भी जारी की गई है।
इन जिलों में तेज बारिश के साथ गरज-चमक की संभावना
सोमवार को बलिया, देवरिया, बस्ती, गोरखपुर, संतकबीरनगर, कुशीनगर, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी, बरेली, सहारनपुर, बिजनौर, मुरादाबाद, रामपुर, पीलीभीत और आसपास के क्षेत्रों में तेज बारिश के साथ गरज-चमक की संभावना है।
वहीं प्रयागराज, प्रतापगढ़, सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली, वाराणसी, भदोही, जौनपुर, गाजीपुर, बस्ती और महाराजगंज में भी बिजली चमकने और बादल गरजने की संभावना जताई गई है।
इसके अलावा सिद्धार्थनगर, गोंडा, अमेठी, सुल्तानपुर, अयोध्या, बाराबंकी, सीतापुर, लखीमपुर, सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, मेरठ, आगरा, फिरोजाबाद, इटावा, औरैया, बिजनौर, अमरोहा, शाहजहांपुर, बदायूं, आजमगढ़, मऊ, झांसी, ललितपुर, महोबा सहित कई जिलों में भी गरज-चमक के साथ बारिश के आसार हैं।
अगले 5 दिन तापमान में बड़ा बदलाव नहीं
तापमान की बात करें तो अगले 5 दिनों में अधिकतम और न्यूनतम तापमान में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा। मॉनसून 18 जून को सोनभद्र से उत्तर प्रदेश में सामान्य तिथि के अनुसार प्रवेश कर चुका था और 20 जून तक राज्य के अधिकांश हिस्सों को ढक चुका था। हालांकि उत्तर-पश्चिमी हिस्से अभी तक इससे अछूते थे। बीते 48 घंटों में स्थिति स्थिर रही, लेकिन अब हालात तेजी से बदल रहे हैं।
प्रदेश में इस समय एक सक्रिय निम्नदाब क्षेत्र मौजूद है। इसके साथ ही पाकिस्तान से बांग्लादेश तक फैली द्रोणिका और एक अन्य ट्रफ लाइन के कारण बारिश की तीव्रता बढ़ सकती है। मौसम विभाग ने आगामी 3-4 दिनों में उत्तरी उत्तर प्रदेश में भारी से बहुत भारी बारिश, आंधी-तूफान और बिजली गिरने की चेतावनी जारी की है। लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
मॉनसून की उत्तरी सीमा अब जयपुर, आगरा, रामपुर, देहरादून, शिमला, पठानकोट और जम्मू होते हुए 34° उत्तर अक्षांश तक पहुंच चुकी है, जो देश के उत्तरी हिस्सों में मॉनसून की तेजी से बढ़ती गतिविधि का संकेत है।