लखनऊ : उत्तर प्रदेश में सरकारी स्कूलों के विलय के बाद (School Merger) अब उनके खाली पड़े भवनों का उपयोग आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन के लिए किया जाएगा। इस संबंध में बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों को पत्र जारी किया है, जिसमें इन भवनों में आंगनबाड़ी केंद्र शिफ्ट करने के निर्देश दिए गए हैं।
प्रदेश में अब तक 10827 सरकारी स्कूलों का विलय किया जा चुका है। इन स्कूलों के बंद होने के बाद जो भवन खाली हुए हैं, उन्हें अब पुनः उपयोग में लाया जाएगा। सरकार की मंशा है कि इन भवनों का उपयोग बच्चों और माताओं के पोषण व प्रारंभिक शिक्षा के लिए किया जाए।
क्या है योजना का प्रारूप?
- केवल उन्हीं आंगनबाड़ी केंद्रों को शिफ्ट किया जाएगा, जो खाली भवन से 500 मीटर की परिधि में आते हैं।
- अगर किसी भवन की स्थिति खराब है या केंद्र की दूरी 500 मीटर से अधिक है, तो शिफ्टिंग की अनुमति नहीं दी जाएगी।
School Merger : समिति करेगी सर्वे
इन भवनों में केंद्र शिफ्ट करने का निर्णय मुख्य विकास अधिकारी (CDO) की अध्यक्षता में बनी समिति द्वारा लिया जाएगा। यह समिति संबंधित ग्राम प्रधान के साथ बैठक करके निर्णय लेगी कि किस भवन में आंगनबाड़ी केंद्र को स्थानांतरित किया जाए।
इस कदम से जहां पुराने भवनों का बेहतर उपयोग सुनिश्चित होगा, वहीं आंगनबाड़ी सेवाओं को भी बेहतर और स्थायी जगह मिल सकेगी।