लखनऊ : उत्तर प्रदेश में ग्राम विकास अधिकारियों (VDO) के कार्यक्षेत्र में अब एक बड़ी प्रशासनिक लचीलापन देखने को मिलेगा। योगी सरकार ने ग्राम्य विकास अधिकारी सेवा नियमावली-2025 को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत अब वीडीओ का ट्रांसफर किसी भी जिले में संभव होगा। पहले जहां स्थानांतरण सिर्फ जिले के भीतर एक ब्लॉक से दूसरे ब्लॉक तक ही सीमित था, अब उन्हें राज्य स्तरीय कैडर का हिस्सा बना दिया गया है।राज्य कैबिनेट से स्वीकृति मिलने के बाद अब ग्राम विकास अधिकारी का स्थानांतरण अधिकार केवल जिला नहीं बल्कि राज्य स्तर के अधिकारियों को होगा। इसका उद्देश्य कार्यक्षमता, पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाना है।
UP VDO News : नियमावली में किए गए मुख्य बदलाव
- राज्य स्तरीय कैडर की व्यवस्था : अब वीडीओ एक राज्य अधीनस्थ अराजपत्रित सेवा के अंतर्गत आएंगे। स्थानांतरण और तैनाती में अब राज्य स्तर पर निर्णय लिया जाएगा। इससे भ्रष्टाचार व शिकायतों को प्रभावी रूप से नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।
- शैक्षणिक अर्हता में बदलाव : अब तक इस पद के लिए विज्ञान या कृषि विषय के साथ इंटरमीडिएट अनिवार्य था। नई नियमावली के तहत किसी भी विषय में इंटरमीडिएट (या समकक्ष परीक्षा) उत्तीर्ण अभ्यर्थी पात्र होंगे, बशर्ते वह सरकार से मान्यता प्राप्त हो।
- कंप्यूटर दक्षता जरूरी : नवीन नियमों में कंप्यूटर संचालन का ज्ञान अनिवार्य कर दिया गया है। उम्मीदवारों को नीलेट (NIELIT) द्वारा प्रदत्त सीसीसी (CCC) प्रमाणपत्र प्राप्त होना चाहिए।
भर्ती प्रक्रिया को भी मिलेगी रफ्तार
नियमावली को कैबिनेट की मंजूरी मिलते ही प्रदेश में ग्राम विकास अधिकारियों के रिक्त पदों पर भर्ती की प्रक्रिया भी तेज होने वाली है। वर्तमान में यूपी में वीडीओ के 8276 स्वीकृत पदों में से 5778 पद ही भरे हैं। शेष 2,498 पद रिक्त हैं, जिन पर शीघ्र भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इससे ग्रामीण विकास की योजनाओं को गति मिलेगी और ब्लॉकों में मानव संसाधन की कमी दूर होगी।
UP VDO News : विकास कार्यों में आएगी तेजी : उप मुख्यमंत्री मौर्य
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि नई नियमावली से विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता और गति आएगी। उन्होंने कहा, अब ग्राम विकास अधिकारी अन्य विभागों की तरह राज्यभर में तैनात किए जा सकेंगे। यह व्यवस्था प्रशासनिक मजबूती और जवाबदेही लाने का काम करेगी।
पारदर्शिता व लचीलापन लाने की पहल
ग्राम्य विकास विभाग के इस निर्णय को प्रशासनिक सुधार की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। इससे न केवल कार्यप्रणाली में पारदर्शिता आएगी, बल्कि वीडीओ को उनके प्रदर्शन के आधार पर स्थानांतरण, तैनाती और अनुशासनात्मक कार्रवाई में लचीलापन मिलेगा। इसके साथ ही भर्ती प्रक्रिया में ढील या अनियमितता की शिकायतों को भी कम किया जा सकेगा।