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US deportation: अवैध प्रवासियों का तीसरा दल पहुंचा अमृतसर, 112 डिपोर्टिज शामिल

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने प्रभावित लोगों को 'लंगर' और 'दस्तार' (पगड़ी) प्रदान की।

by Reeta Rai Sagar
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अमृतसर : अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे भारतीय प्रवासियों की तीसरी खेप अमृतसर पहुंच गई है, जिसमें करीब 112 प्रवासी शामिल हैं। अमेरिकी सैन्य विमान – C-17 – अमृतसर पहुंचा है। इस समूह में 44 लोग हरियाणा, 33 गुजरात और 31 पंजाब से थे, इसके अलावा अन्य राज्यों के लोग भी शामिल थे। अमेरिका से भारत वापसी करने वालों में 19 महिलाएं और 14 नाबालिग थे, जिनमें दो बच्चे भी शामिल हैं।

formalities पूरी कर जा सकेंगे अपने गंतव्य को

आगे इन नागरिकों द्वारा आव्रजन की सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद उन्हें उनके संबंधित गंतव्यों पर भेजा गया। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शनिवार को एक और उड़ान के अमृतसर में लैंड करने के बाद केंद्र सरकार के इस फैसले की आलोचना की। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि इसका उद्देश्य पंजाब को बदनाम करना था। बता दें कि खबर थी कि भारतीयों के साथ अमानवीय व्यवहार के आरोप, हाथ-पैर बांधने और सिख निर्वासितों के पगड़ी के बिना होने की घटनाएं सामने आईं।

शिरोमणि गुरूद्वारा ने कराए लंगर औऱ बाटी पगड़ी

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने प्रभावित लोगों को ‘लंगर’ और ‘दस्तार’ (पगड़ी) प्रदान की। यह निर्वासन पहले दो बैचों के बाद हुआ, जिनमें क्रमशः 104 और 116 भारतीयों को अमेरिका से वापस भेजा गया था। कई निर्वासितों ने अपने सफर को बेहद दर्दनाक बताया और दावा किया कि उन्हें हथकड़ी पहनाकर और पैर में बेड़ी बांधी गई थी। उन्होंने यात्रा एजेंटों द्वारा धोखा देने और बेहतर अवसरों की तलाश में खतरनाक रास्तों से गुजरने के अपने अनुभव भी साझा किए।

जानबूझकर किया जा रहा ऐसा व्यवहार

पंजाब के एनआरआई मामले के मंत्री कुलदीप सिंह ढिल्लों ने इस व्यवहार पर चिंता जताई और कहा, ‘आपको बहुत दुख होगा यह जानकर कि पूरे सफर में, एक बार फिर अमेरिकी सैनिकों ने हमारे भारतीय प्रवासियों के हाथ-पैर बांध दिए थे’।

निर्वासितों में से दो राजपुरा के व्यक्तियों को 2023 में हुई हत्या के मामले में उनकी संलिप्तता के कारण गिरफ्तार किया गया। इन निर्वासन घटनाओं ने अवैध प्रवासन की चुनौतियों पर एक व्यापक बहस को जन्म दिया है। सरकार ने धोखाधड़ी करने वाले यात्रा एजेंटों के खिलाफ कार्रवाई करने का वचन दिया है और निर्वासितों से अनुरोध किया है कि वे ऐसे एजेंटों की रिपोर्ट करें।

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