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Uttar Prdesh Ballia Crime : बलिया में सहायक आयुक्त पर घर में घुस कर जानलेवा हमला, घटना की कहानी-अधिकारी की जुबानी…

- अवैध सेवई कारोबार की छापेमारी के बाद बदला?

by Anand Mishra
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बलिया : उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में सहायक आयुक्त (खाद्य-।।) डॉ. वेद प्रकाश मिश्र पर घर में घुसकर हमला करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। आरोप है कि स्थानीय सेवई कारोबारी और अन्य अज्ञात लोग उनके घर पहुंचे और न केवल मारपीट की बल्कि जान से मारने की धमकी भी दी। घटना के पीछे हाल ही में हुई अवैध सेवई निर्माण पर विभागीय छापेमारी को कारण माना जा रहा है। पुलिस ने तहरीर के आधार पर दो नामजद समेत एक दर्जन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और जांच जारी है।

कैसे हुआ हमला? अधिकारी ने बताई पूरी घटना

डॉ. वेद प्रकाश मिश्र के अनुसार, वह टैगोर नगर (जिला कारागार के पीछे) स्थित अपने निजी आवास में रहते हैं। उन्होंने पुलिस को बताया कि 27 जनवरी को खाद्य विभाग की टीम ने जीरा बस्ती हनुमानगंज स्थित दीपा ट्रेडिंग कंपनी में छापा मारा था। छापेमारी के दौरान कारोबारियों ने विभागीय कार्रवाई में बाधा डालने की कोशिश की और गाली-गलौज के साथ धमकियां दीं।

अवैध कारोबारियों की लगातार धमकियां

29 जनवरी को आरोपियों ने खाद्य सुरक्षा विभाग के कार्यालय में हंगामा किया और डॉ. वेद प्रकाश मिश्र को खुलेआम धमकी दी। 30 जनवरी को दोपहर 12 बजे हमलावरों ने उनके घर में घुसकर मारपीट की और जानलेवा हमला किया। हमलावरों में एक आरोपी नितिन कुमार असलहा लेकर पहुंचा था। अधिकारी के वाहन चालक सावन कुमार यादव ने बचाने की कोशिश की, तो उन पर भी हमला किया गया। महत्वपूर्ण विभागीय दस्तावेजों को नुकसान पहुंचाया गया। शोर सुनकर पड़ोसियों के इकट्ठा होने पर आरोपी धमकी देते हुए भाग निकले।

पुलिस ने शुरू की जांच, सख्त कार्रवाई की मांग

घटना के बाद डॉ. वेद प्रकाश मिश्र की तहरीर पर पुलिस ने दो नामजद और 10 अज्ञात लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। बलिया पुलिस का कहना है कि मामले की गहन जांच की जा रही है और जल्द ही दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

क्या प्रशासन पर दबाव डालने की कोशिश?

यह घटना खाद्य विभाग के अधिकारियों पर बढ़ते दबाव और भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई में आने वाली बाधाओं को उजागर करती है। सवाल यह उठता है कि क्या अवैध कारोबार में लिप्त लोग प्रशासन पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं या फिर यह एक सोची-समझी साजिश थी?

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