लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए एक बहुआयामी रणनीति की शुरुआत की है। इस पहल का उद्देश्य निर्यात को बढ़ावा देना और खाद्य एवं पोषण संबंधी आवश्यकताओं को सुनिश्चित करना है।
कृषि क्षेत्र में निवेश और रोजगार सृजन
राज्य सरकार ने फल और सब्जी प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना पर जोर दिया है। इन इकाइयों से रोजगार के अवसर सृजित होंगे, जो नर्सरी, बागवानी, कटाई, ग्रेडिंग, पैकेजिंग और विपणन जैसे विभिन्न चरणों में फैले होंगे। प्रधानमंत्री खाद्य उन्नयन योजना के तहत, इकाई स्थापित करने वाले लाभार्थियों को 30 लाख रुपये तक का ऋण और 35 प्रतिशत तक की सब्सिडी प्रदान की जाएगी। अब तक लगभग 17,000 इकाइयां स्थापित की जा चुकी हैं। महिला उद्यमियों के लिए, यदि वे सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करना चाहती हैं, तो सरकार 90 प्रतिशत तक की सब्सिडी प्रदान करती है।
इंडो-डच सेंटर और निर्यात हब की स्थापना
राज्य सरकार ने त्रिवेदीगंज, बाराबंकी में सात हेक्टेयर क्षेत्र में इंडो-डच सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करने की योजना बनाई है। यह केंद्र फूलों की खेती और सब्जी उत्पादन के लिए अनुसंधान और प्रशिक्षण का केंद्र बनेगा। इसके अतिरिक्त, जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास एक प्रमुख निर्यात हब विकसित किया जा रहा है, जो फल, सब्जियां, काला नमक चावल और तिल जैसे उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देगा।
गामा इरेडिएशन प्लांट और वैश्विक मानक
लखनऊ के नदर्गंज में राज्य का पहला गामा इरेडिएशन प्लांट स्थापित किया गया है, जो फल और सब्जियों की सुरक्षा और शेल्फ लाइफ बढ़ाने के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार कार्य करेगा। यह पहल निर्यात योग्य कृषि उत्पादों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने में सहायक होगी।
कृषि क्षेत्र में संरचनात्मक सुधार और निवेश
राज्य सरकार ने कृषि क्षेत्र में संरचनात्मक सुधारों की दिशा में कई कदम उठाए हैं। इनमें मांग-आधारित कृषि को बढ़ावा देना, निर्यात-उन्मुख प्रसंस्करण हब स्थापित करना और बुनियादी ढांचे का विकास शामिल है। इसके अतिरिक्त, राज्य सरकार ने 30,750 क्लस्टर किसान समूहों के गठन और निर्यातकों के लिए सामान्य सुविधा केंद्र स्थापित करने की योजना बनाई है।
कृषि क्षेत्र में महिला उद्यमिता को बढ़ावा
राज्य सरकार ने महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए विशेष पहल की हैं। महिला उद्यमियों को सौर ऊर्जा संयंत्रों पर 90 प्रतिशत तक की सब्सिडी प्रदान की जा रही है, जिससे उनकी आर्थिक सशक्तिकरण में मदद मिल रही है।
उत्तर प्रदेश सरकार की यह बहुआयामी रणनीति कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाने, निर्यात को बढ़ावा देने और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इन पहलों से न केवल किसानों की आय में वृद्धि होगी, बल्कि राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था को भी वैश्विक प्रतिस्पर्धा में मजबूती मिलेगी।